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AltNews के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर गिरफ़्तार

आपको बता दें कि हाल ही में  मोहम्मद ज़ुबैर ने ही एक टीवी बहस की एक क्लिप पोस्ट कर पैगंबर मुहम्मद पर बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा की टिप्पणी को देश के सामने उजागर किया था, जिसके बाद नूपुर को पार्टी से सस्पेन्ड भी कर दिया गया था।
Mohammad Zubair arrested

फ़ैक्ट चेकिंग करने वाली वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ AltNews के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को आज सोमवार को दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) यूनिट ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक उनके ऊपर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप है।

आपको बता दें कि हाल ही में  मोहम्मद ज़ुबैर ने ही एक टीवी बहस की एक क्लिप पोस्ट कर पैगंबर मुहम्मद पर बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा की टिप्पणी को देश के सामने उजागर किया था, जिसके बाद नूपुर को पार्टी से सस्पेन्ड भी कर दिया गया था।

पुलिस ने गिरफ़्तारी के बाद जानकारी दी है कि इस महीने ज़ुबैर के खिलाफ आईपीसी की धारा 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295-ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से किया गया दुर्भावनापूर्ण कृत्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। पुलिस ने रिपोर्ट एक व्यक्ति की शिकायत पर दर्ज की थी जब उसने ज़ुबैर पर उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया था और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की थी।

आपको यहां यह भी बता दें कि ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर और संस्थापक प्रतीक सिन्हा को शांति अनुसंधान संस्थान ओस्लो (PRIO) ने नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अपनी वार्षिक शॉर्टलिस्ट में नामित किया था।

डीसीपी (आईएफएसओ) केपीएस मल्होत्रा ने उनकी गिरफ़्तारी के बाद कहा, 'आज स्पेशल सेल थाने में दर्ज एक मामले की जांच के दौरान मोहम्मद ज़ुबैर जांच में शामिल हुए.. उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलने के बाद उन्हें इस मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उन्हें जांच के उद्देश्य से और पुलिस रिमांड मांगने के लिए मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जा रहा है।

गिरफ़्तारी के बाद प्रतीक ने ट्वीट कर जानकारी दी कि ज़ुबैर को आज दिल्ली पुलिस के स्पेशल पुलिस ने 2020 में दर्ज एक मामले के सिलसिले में जांच में शामिल होने के लिए बुलाया था। उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में उन्हें पहले ही अदालत द्वारा गिरफ़्तारी के खिलाफ राहत दे दी गई थी।  

उन्होंने आगे जानकारी दी कि, "हालांकि पुलिस ने 6:45 पर किसी और FIR में गिरफ़्तार कर लिया, जिसके लिए कानूनी प्रक्रिया के मुताबिक उन्हें कोई नोटिस नहीं भेजा गया था।"

उन्होंने यह भी बताया कि, पुलिस से कई बार अनुरोध करने पर भी उन्हें FIR की कॉपी नहीं सौंपी गयी है।

उन्होंने ट्वीट कर यह भी आरोप लगाया कि मेडिकल जांच के बाद ज़ुबैर को किसी अज्ञात स्थान पर ले जाया जा रहा है। न तो ज़ुबैर के वकीलों को और न ही उन्हें, जो उनके साथ पुलिस वैन में मौजूद हैं, इसकी जानकारी दी जा रही है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि किसी भी पुलिसकर्मी ने कोई नाम का टैग नहीं लगा रखा है।

पत्रकार मोहम्मद ज़ुबैर ने ट्वीट कर जानकारी दी थी कि कि माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर को केंद्र सरकार द्वारा एक अनुरोध प्राप्त हुआ था जिसमें दावा किया गया था कि उनके अकाउंट द्वारा भारतीय कानूनों का उल्लंघन किया गया है।

यह तब हुआ जब उन्होंने एक ट्वीट में तीन हिंदुत्ववादी संतों को नफ़रत फैलाने वाला (hatemongers)" कहा था। आपको बता दें कि मुसलमानों के बारे में भड़काऊ बयान देने के लिए पिछले कुछ महीनों में इन तीनों कथित संतों -यति नरसिंहानंद सरस्वती, बजरंग मुनि और आनंद स्वरूप- पर नफ़रती भाषा इस्तेमाल करने के लिए अलग-अलग मामले दर्ज किया गए हैं।

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