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ट्रंप से संघर्ष के लिए बिडेन ने वाम धड़े को अपने संगठन में जोड़ा

अगर बिडेन सभी लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा की मांग मान लेते हैं, तो यह वाम धड़े के लोगों के लिए बड़ी जीत होगी। यह कार्यक्रम बर्नी सैंडर्स और ओकेसियो-कॉर्तेज़ के सबसे अहम एजेंडों में से एक रहा है।
USA

कई व्यवहारिक वजहों से जो बिडेन, नवंबर में होने वाले अमेरिकी चुनाव के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के प्रत्याशी बनकर सामने आए हैं। अपने वालेंटियर्स के एक शानदार नेटवर्क और चंदा इकट्ठा करने वाले एक सुचारू तंत्र  के बावजूद बर्नी सैंडर्स डेलिगेट्स का गणित अपने पक्ष में न होने की बात समझ चुके थे। उनके पीछे हटते ही बिडेन की दावेदारी साफ हो गई। 

मार्च में सैंडर्स कुल 26 प्रायमरी में हुए चुनावों में से सिर्फ़ सात जीत सके थे। वे बिडेन से करीब 300 डेलिगेट  पीछे थे। यह आंकड़ा इतना बड़ा था कि इसकी खाई पाटना मुश्किल था।

लेकिन सैंडर्स के पैर पीछे खींचने और उनका बिडेन को समर्थन देने में की कई बातें छुपी हैं, जिन्हें ठीक तरीके से समझा जाना चाहिए। साफ है कि यहां कोई साजिश की बात नहीं है। हालांकि प्रेसिडेंट ट्रंप ने ऐसा जताने की कोशिश जरूर की। उन्होंने कहा कि डेमोक्रेटिक पार्टी में अब सैंडर्स का काम तमाम हो चुका है।

बिडेन के लिए सैंडर्स का समर्थन आधिकारिक और सहानुभूतिपूर्ण है। यह 2016 में हिलेरी क्लिंटन को दिए गए समर्थन से बहुत अलग है। सैंडर्स और बिडेन के कैंपेन में कभी आपसी कड़वाहट नहीं थी। जबकि क्लिंटन के साथ ऐसा नहीं था। क्लिंटन के दिमाग में अब भी पुरानी चीजें मौजूद हैं। हाल में उन्होंने सैंडर्स के बारे में बहुत सारी बातें कहीं। वो यहां तक बोल गईं कि सैंडर्स को कोई पसंद नहीं करता।

बिडेन और सैंडर्स के बीच माहौल खुशनुमा है। दोनों ने माना है कि कुछ चीजों पर दोनों के बीच अलगाव है, लेकिन वे एक लंबे वक़्त से दोस्त हैं। 

सैंडर्स ने कहा, ''मैं जानता हूं कि आप एक समावेशी रुझान रखने वाले व्यक्ति हैं। आप उन लोगों को भी साथ लेना चाहते हैं, जो आपसे असहमत हैं। आप उनकी बात सुनना चाहते हैं। हम तर्क कर सकते हैं। यही लोकतंत्र कहलाता है। आप लोकतंत्र में यकीन रखते हैं। मैं भी रखता हूं। चलिए एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। मौजूदा दौर और भविष्य की चुनौतियों का मिलकर सामना करते हैं। जो, मैं आपके साथ भविष्य में सहयोग करने के लिए उत्सुक हूं।''

जो बिडेन ने भी ऐसी ही गर्मजोशी की झलक पेश की। अगर बहुलतावादी लोकतंत्र का विश्लेषण किया जाए, तो हम पाएंगे कि जिसने भी चुनाव जीता है, उसने अपने सबसे करीबी विपक्षी को गठंबधन में जगह देकर राजनीतिक एजेंडे में बात रखने का अहम ज़रिया दिया है।

दोनों ने करीब 6 कार्य समूहों का गठन किया है, ताकि एक-दूसरे के साथ विदेश नीति समेत अलग-अलग मुद्दों पर बेहतर तालमेल बना पाएं। नामांकन जीतने जा रहे बिडेन के लिए यह करना जरूरी नहीं था। लेकिन उन्होंने ऐसा किया। वैसे भी बिडेन के सीनेटर इतिहास से पता चलता है कि वे किसी दूसरे के नुकसान से खुद का फायदा नहीं निकालते।

बिडेन, समझौतों और रियायतों के ज़रिए खाई पाटने में बहुत कुशल हैं। वह सीनेट में गठबंधन बनाकर विधायी काम को करवाने के लिए प्रसिद्ध रहे हैं। इसी विशेषता ने बराक ओबामा का ध्यान उनकी तरफ खींचा था। उनके समझौतावादी व्यवहार और गठबंधन की राजनीति ने उन्हें सैंडर्स के ऊपर बढ़त दिलाई है।

जिन कार्य-समूहों का प्रस्ताव दिया गया, उनके ज़रिए सैंडर्स के नए विचारों की पहुंच बिडेन तक बनेगी, सेंडर्स के लोग बिडेन के कैंपेन और एजेंडा को आकार देने में मदद करेंगे। बिडेन वाम धारा के लोगों से अपनी हार के साथ समन्वय बनाने के लिए कह सकते थे। लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि वे वाम धड़े के साथ समझौता करने के लिए तैयार हैं, उनकी समझौतावादी राजनीति एक मौका है जिससे वाम धड़ा अपनी नीतियों को प्रभाव बना सकता है।

दूसरे शब्दों में कहें तो बिडेन ने वामपंथियों को अपने गठबंधन में मिला लिया है। सहयोग के बदले वह उन्हें ठोस रियायतें और प्रभावी पद देने के लिए तैयार हैं। बिडेन जानते हैं कि सैंडर्स ने एक पूरी अमेरिकी पीढ़ी की उम्मीदें बांध रखी हैं। उन्होंने जनता को बड़ा सोचने और ज़्यादा मांग करने के लिए प्रेरित किया है। सैंडर्स के तेज-तर्रार कैंपेन से पता चला है कि अमेरिकी जनता का एक बड़ा धड़ा उनके विचारों के लिए तैयार है। सैंडर्स भले ही व्हाइट हाउस न पहुंच पाएं, लेकिन उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी को जरूर बदल दिया है।

बड़ा सवाल यह है कि सैंडर्स के समर्थक किस हद तक बिडेन के साथ जाने के लिए तैयार होंगे। सैंडर्स ने डोनाल्ड ट्रंप को हराने की अहमियत बताते हुए एकता की अपील की है। उन्होंने ट्रंप को आधुनिक अमेरिकी इतिहास का सबसे ख़तरनाक राष्ट्रपति करार दिया है। 2016 में सैंडर्स के समर्थक बड़ी संख्या में हिलेरी क्लिंटन के खेमे में चले गए थे(तकरीब़न 80 फ़ीसदी)। लेकिन 12 फ़ीसदी ने ट्रंप को वोट दिया था। वही 12 फ़ीसदी वोटर्स अहम भी साबित हुए। आखिर विस्कोंसिन, मिशिगन और पेंसिलवेनिया में जीत का अंतर काफ़ी कम रहा था।

सैंडर्स की अपील के बाद बड़ी संख्या में समर्थकों के बिडेन के पक्ष में जाने की संभावना है, लेकिन फिर भी कुछ लोग उस तरफ नहीं खिचेंगे। यह लोग कुछ राज्यों में नतीज़ों को प्रभावित करने में सक्षम हैं। तस्वीर अभी काफ़ी धुंधली है।

29 मार्च को ABCन्यूज़/वाशिंगटन पोस्ट के सर्वे से पता चला है कि 80 फ़ीसदी सैंडर्स के समर्थक बिडेन के पक्ष में मतदान करेंगे। लेकिन 15 फ़ीसदी का एक भारी हिस्सा ट्रंप के लिए भी मतदान करेगा। अगर 2016 में सैंडर्स के 12 फ़ीसदी मतदाता ट्रंप को चुनाव जिता सकते हैं, तो मौजूदा परिस्थितियों में सैंडर्स के 15 फ़ीसदी मतदाता बिडेन के लिए बहुत चिंता का विषय हैं।

लेकिन फिर 2009 का चुनाव भी याद आता है। तब हिलेरी क्लिंटन के 15 फ़ीसदी मतदाताओं ने रिपब्लिकन कैंडिडेट जॉन मैक्केन को वोट दिए थे, लेकिन तब भी बराक ओबामा चुनाव जीत गए थे। इसमें कोई शक नहीं कि पाला बदलने वालों के हिस्से को बेहद छोटा रखने के लिए बिडेन बहुत कोशिश कर रहे हैं। यह सैंडर्स के साथ उनके हालिया व्यवहार से भी झलक रहा है। यह बात भी उनके एजेंडे पर सकारात्मक प्रभाव डालेगी।

लेकिन ट्रंप भी सैंडर्स के मतदाताओं को अपने पाले में करने की कोशिश करेंगे। वह उनके पाले से आए हुए लोगों का पलकें बिछाकर स्वागत करेंगे। क्योंकि इस महामारी के दौर में वो राष्ट्रीय औसत में बिडेन से 6 अंकों से पीछे चल रहे हैं। वहीं ABC/पोस्ट के सर्वे में बिडेन को दो अंकों की ही बढ़त बताई गई है।

सैंडर्स के समर्थकों को मजबूती से अपने पाले में करने के लिए बिडेन ने प्रगतिशील रुझान की कुछ अहम नीतिगत रियायतें दी हैं, जिनका मुकाबला ट्रंप सपने में भी नहीं कर सकते।  युवा प्रगतिशील लोगों की अहम नेता एलेक्ज़ेनड्रिया ओकेशियो कॉर्तेज़ से समर्थन मिलना बिडेन के लिए अहम हो जाता है। अगर बिडेन सभी लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा की मांग मान लेते हैं, तो यह धुर वामपंथी धड़े के लिए अहम जीत होगी। यह कार्यक्रम सैंडर्स और कॉर्तेज़ के सबसे अहम एजेंडों में से एक है। बिडेन सभी लोगों के लिए स्वास्थ्यसेवाओं के पक्ष में अब भी नहीं हैं, लेकिन उन्होंने मौजूदा कार्यक्रम के दायरे को बढ़ाने का वायदा किया है। इस बीच बिडेन ट्यूशन फी, फ्री पब्लिक कॉलेज और ग्रीन न्यू डील के मुद्दे पर सैंडर्स से लगभग सहमति बना चुके हैं।

बिडेन के सामने मुख्य चुनौती सैंडर्स के युवा और ज़्यादा प्रगतिशील समर्थकों को अपनी तरफ खींचना है। ओकेसियो कॉर्तेज़ ने बिडेन के समर्थन की बात कही है, लेकिन वो चाहती हैं कि बिडेन प्रगतिशील लोगों की बातों पर और ध्यान दें। पर एक बात साफ है कि ओकेसियो कॉर्तेज ने भले ही बिडेन का समर्थन न किया हो, लेकिन दोनों ही ट्रंप को हटाने पर एकमत हैं। जैसा उन्होंने कहा, ‘ट्रंप को हराना हमारे समुदाय के लिए जीने और मरने का सवाल है।’

फिर भी सैंडर्स का समर्थन बिडेन के लिए जीत पूरी तरह तय नहीं कर देता। पार्टी में एकता जरूरी है, लेकिन यह जरूरी तौर पर जीत दिलाने वाली नहीं है। न्यूयॉर्कर मैगज़ीन ने लिखा है- कोरोना वायरस उस नृशंसता की परतें उधेड़ देता है, जिसमें अर्थव्यवस्था को इंसानी जरूरतों के बजाए लाभ के लिए उत्पादन के आसपास बुना गया है। कहना सही होगा कि यहां बहुत सारी चीजें काम कर रही हैं। ट्रंप महामारी के दौरान अमेरिका में जनजीवन को सामान्य कैसे बनाते हैं, बहुत हद तक चीजें इस कारक पर भी निर्भर करेंगी।

अंग्रेजी में लिखा मूल आलेख आप यहाँ पढ़ सकते हैं।

Biden Invites Left into his Coalition to Take on Trump

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