बिहार: एयरलाइन अधिकारी की हत्या पर भाजपा ने की नीतीश से एनकाउंटर पॉलिसी की मांग
पटना: इंडिगो एयरलाइन के स्टेशन प्रमुख रुपेश कुमार सिंह की पटना में एक उच्च सुरक्षा क्षेत्र के पास के एक पॉश इलाके में हुई हत्या के साथ-साथ समूचे बिहार में 24 घंटों के भीतर आधा दर्जन से अधिक हत्याओं, बैंक लूट की घटनाएं और सामूहिक बलात्कार की खबरें सुर्ख़ियों में हैं। इसे देखते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर अपनी खुद की गठबंधन वाली सरकार से मांग की है कि राज्य में कानून-व्यवस्था में सुधार लाने के लिए राज्य में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह, अपराधियों से छुटकारा पाने के लिए पुलिस द्वारा एनकाउंटर की नीति को अपनाई जाए। इसे बिहार मुख्यमंत्री नितीश कुमार के लिए बेहद असहज स्थिति के तौर पर देखा जा रहा है, जिनकी ओर से निरंतर “सुशासन और कानून का राज” को लेकर दावे किए जाते रहे हैं।
आम लोगों में लगातार बढ़ते जा रहे अपराधों के खौफ के डर से और विपक्ष द्वारा बिहार में पूरी तरह से जंगलराज के आरोपों को देखते हुए बुधवार को बीजेपी नेताओं ने जिनमें बिहार के मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह, पार्टी विधायक नितिन नवीन और पार्टी सांसद जनार्दन सिंह सिगरीवाल शामिल हैं, ने पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश की तरह ही अपराधियों से निपटने के लिए उनके एनकाउंटर कर देने के पक्ष में बयान दिए हैं।
यह कोई पहली बार नहीं है कि भाजपा नेताओं ने उत्तर प्रदेश की तरह ही अपराधियों के एनकाउंटर की मांग उठाई हो। 2018 और 2019 में भी कुछ भाजपा नेताओं ने अपराधियों के सफाए के लिए राज्य में पुलिस के जरिए एनकाउंटर किए जाने के समर्थन में आवाज उठाई थी। तब उनका कहना था कि अपराधियों के भीतर डर बिठाने के लिए एनकाउंटर ही सबसे बेहतरीन तरीका है।
इंडिगो एयरलाइन के अधिकारी की हत्या के कुछ घंटों बाद ही भाजपा के राज्य सभा सांसद विवेक ठाकुर ने भी राज्य में कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए थे और पुलिस को तीन दिनों के भीतर इस घटना में शामिल अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए कहा है वर्ना उन्होंने इस मामले को केन्द्रीय जांच ब्यूरो को सौंपे जाने की धमकी दी है।
प्राप्त रिपोर्टों के मुताबिक इंडिगो अधिकारी की हत्या के अलावा भागलपुर जिले में अपराधियों ने एक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी है। इसी प्रकार अपराधियों द्वारा खगड़िया जिले में एक अन्य युवक की लूट-पाट के दौरान हत्या कर दी गई थी और एक को बेगूसराय जिले में मार दिया गया। इसी तरह गोपालगंज जिले में दो व्यवसायी भाइयों को गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया; दरभंगा जिले में अपराधियों द्वारा एक इंजिनियर को गोली मारी गई। इसके साथ ही हथियारबंद अपराधियों ने बुधवार को मुजफ्फरपुर में एक बैंक को लूट लिया।
पुलिस मुख्यालय में मौजूद सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार ने शीर्ष पुलिस अधिकारियों को इंडिगो अधिकारी की हत्या में शामिल अपराधियों को 48 घंटों के भीतर हिरासत में लेने के आदेश दिए हैं। इस मामले पर छानबीन का काम एक एसआईटी द्वारा किया जा रहा है। इस बीच पटना पुलिस ने दो संदिग्धों को हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
बिहार के उप-मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद जो कि भाजपा के वरिष्ठ नेता रहे हैं, ने हत्या के सन्दर्भ में कहा है कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। उनका कहना था कि “पुलिस जल्द ही अपराधियों को गिरफ्तार कर लेगी।”
पिछले एक महीने से देखने में आया है कि बिहार में अपराधियों के निशाने पर व्यापारी, व्यवसायी, ठेकेदार और निजी कंपनियों के अधिकारी रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए बिहार चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स ने हाल ही में इस पर अपनी चिंता व्यक्त की थी और सीएम से व्यापारियों एवं कारोबारियों के लिए सुरक्षा मुहैय्या कराए जाने का आग्रह किया था।
बिहार के प्रतिपक्षी नेता राजद के तेजस्वी यादव जो कि नियमित तौर पर नीतीश कुमार पर हमलावर रहते हैं, ने बुधवार को उनके इस्तीफ़े की मांग करते हुए कहा कि सीएम कानून-व्यवस्था को संभाल पाने और राज्य को सुचारु रुप से चला पाने में विफल रहे हैं। अपने ट्वीट में उनका कहना था “बिहार में अब अपराधी ही सरकार चला रहे हैं। नितीश कुमार से बिहार नहीं संभल रहा है, वे अविलम्ब इस्तीफा दें।”
राजद के सहयोगी दल कांग्रेस के विधायक दल के नेता अजित शर्मा ने भी तेजस्वी द्वारा नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग को अपना समर्थन दिया है। शर्मा ने कहा “दिन-ब-दिन अपराधों के बढ़ते ग्राफ को सरकार नियंत्रित कर पाने में विफल रही है। राज्य की समूची पुलिस को शराबबंदी लागू करने पर लगा दिया गया है, लेकिन सच्चाई तो यह है कि बिहार सिर्फ कागज पर ही निषिद्ध राज्य है, लेकिन शराब यहाँ पर हर जगह उपलब्ध है और धड़ल्ले से बिक रही है।”
पिछले दस दिनों से बिहार दर्जनों हत्याओं, बलात्कार की घटनाओं, गोली मारने, बैंक लूट, डकैती और शराब माफिया द्वारा पुलिस के उपर हमले किये जाने जैसी घटनाओं का गवाह रहा है। जिस मात्रा में ये संख्याएं बढ़ी हैं, वे बिहार में कानून-व्यवस्था की स्थिति के नियंत्रण में न होने के संकेत देते हैं।
हालात के काबू से बाहर होते जाने की स्थिति को देखते हुए सीएम ने बुधवार को एक बार फिर से पुलिस मुख्यालय का दौरा किया और शीर्षस्थ पुलिस अधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था की स्थिति का जायजा लिया है। पिछले दो हफ़्तों में यह दूसरी बार है जब नीतीश को पुलिस के साथ बढ़ते अपराध के मामलों पर बात करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। इससे पहले भी वे 23 दिसंबर, 2020 को पुलिस मुख्यालय का दौरा कर चुके थे। तब उन्होंने अधिकारियों को काम में कोताही बरतने पर कार्यवाही करने को लेकर चेताया था और उनसे हालात को अपने काबू में रखने के निर्देश दिए थे।
नई राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के पिछले साल नवंबर में सत्ता में आने के बाद से सीएम ने पिछले महीने के एक पखवाड़े के भीतर तीन बार कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर समीक्षा की थी। इस दौरान कुमार ने कहा था कि कानून-व्यवस्था को कायम रखना राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकताओं में से एक है। इस बारे में उनका कहना था कि उन्होंने आला पुलिस अधिकारियों को अपराधों की जांच और नियंत्रण के साथ अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई करने के निर्देश दे रखे हैं। हालाँकि विपक्षी दलों द्वारा उठाई जा रही चिंताओं को इसने दूर नहीं किया है।
राज्य सरकार के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पिछले वर्ष के पहले नौ महीनों, जनवरी से सितम्बर 2020 के दौरान बिहार में 2,406 हत्याएं प्रकाश में आई हैं, अर्थात रोजाना नौ हत्याएं हुईं थीं। राज्य सरकार ने पिछले साल के अक्टूबर और नवंबर महीनों में हुए आपराधिक मामलों के आधिकारिक आंकड़ों का अभी खुलासा नहीं किया है।
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल जनवरी से लेकर सितंबर माह के बीच में चोरी के लगभग 22,600 मामले, लूटपाट के 1,300 मामले, डकैती के 170 और अपहरण के 5,700 मामले दर्ज किये गए थे।
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