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बिहार : सीटेट-बीटेट पास अभ्यर्थी सातवें चरण की बहाली को लेकर करेंगे आंदोलन

पालीगंज विधानसभा क्षेत्र से सीपीआई माले विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि वह सीटेट और बीटेटट उत्तीर्ण सभी अभ्यर्तियों के लिए सातवें चरण की बहाली के लिए 2014-21 तक सभी रिक्तियों को जोड़कर मार्च महीने में अधिसूचना जारी करने की मांग करते हैं।

बिहार में सीटेट-बीटेट पास सभी अभ्यर्थियों की बहाली का मामला पिछले तीन वर्षों से लटका हुआ है। छठे चरणों की प्रक्रिया लगभग समाप्त हो रही है। लेकिन इस चरण के बाद भी बचे सीटेट-बीटेट पास अभ्यर्थी सातवें चरण की बहाली की मांग को लेकर 3 मार्च से राज्य की राजधानी पटना समेत राज्य के अन्य हिस्सों में आंदोलन शुरु करने जा रहे हैं। उनकी मांग है कि सरकार जल्द से जल्द उन्हें नियुक्ति पत्र दे। अभ्यर्थियों का कहना है कि वे वर्ष 2019 से इसका इंतजार कर रहे हैं।

इस मुद्दे को बिहार विधानसभा में जारी बजट सत्र के दौरान पालीगंज विधानसभा क्षेत्र से सीपीआइएमएल विधायक संदीप सौरभ ने भी उठाया और सरकार से सीटेट-बीटेट पास अभ्यर्थियों की बहाली की मांग की। इस दौरान उन्होंने कहा कि, "सीटेट और बीटेटट उत्तीर्ण सभी अभ्यर्तियों के लिए सातवें चरण की बहाली हेतू 2014-21 तक सभी रिक्तियों को जोड़कर मार्च महीने में अधिसूचना जारी करने की मांग करता हूं। इस बहाली में ऑनलाइन व सेंट्रलाइज्ड प्रक्रिया अपनाई जाए तथा डोमिसाइल नीति लागू हो।" विधानसभा में उठाए गए इस मुद्दे का वीडियो उनके आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर पोस्ट किया गया है।

ज्ञात हो कि शिक्षकों की छठे चरण की नियुक्ति की प्रक्रिया लगभग समाप्त हो चुकी है। इस प्रक्रिया के बाद बचे सीटेट-बीटेट अभ्यर्थी मांग कर रहे हैं कि सरकार उन्हें भी जितना जल्द हो नियुक्ति पत्र दे। इसको लेकर गत रविवार को अभ्यर्थियों ने ट्वीटर पर हैश टैग "7th_phase_1to8_march" के साथ अभियान चलाया जिसे विभिन्न राजनीतिक दलों और नेताओं से समर्थन भी मिला। राजद प्रदेश प्रवक्ता चितरंजन गगण ने ट्वीटर पर चले अभियान का समर्थन करते हुए लिखा कि, "छठे चरण की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। शिक्षक पात्रता पास अभ्यर्थियों की पीड़ा को समझते हुए अब सातवें चरण में बहाली का शेड्यूल की शीघ्र घोषणा कर मार्च मे ही प्रक्रिया शुरू कर देना जरूरी है।"

सुमीत झा ने ट्वीटर पर लिखा, "छठे चरण की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। अब मार्च में ही सातवें चरण के लिए प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए और तारीख की घोषणा कर देनी चाहिए। तीन साल सीटेट और बीटेट पास 90 हजार अभ्यर्थी इंतजार कर रहे हैं।" बता दें कि बीते साल जून महीने में शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने हिंदुस्तान अखबार से बात करते हुए कहा था कि "माध्यमिक-उच्च माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले सभी शिक्षक अभ्यर्थी आगामी शिक्षक बहाली में पात्र होंगे। इसमें एसटीईटी 2011 और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा 21 जून को जारी एसटीईटी-2019 की दोनों प्रकार की सूची के अभ्यर्थी शामिल हैं।

सरकार ने इस मुद्दे पर निर्णय कर लिया है।" उन्होंने आगे कहा था कि, “2019 की एसटीईटी में जो भी क्वालिफाई किये हैं वे सभी सातवें शिक्षक नियोजन के लिए पात्र होंगे। चाहे वे बोर्ड द्वारा जारी सूची ‘क्वालिफाइ एंड इन मेरिट लिस्ट’ में हों अथवा ‘क्वालिफाइ बट नॉट इन मेरिट लिस्ट’ के हों। इसको लेकर मेरिट लिस्ट में नहीं आने वाले विद्यार्थी परेशान न हों। निर्णय लिया जा चुका है और प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद शीघ्र ही विभाग की ओर से इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।" मंत्री ने कहा था कि "शिक्षा विभाग राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) का पूर्णत: अनुसरण करता है।

इसको लेकर पहले ही एसटीईटी में पात्र हो चुके अभ्यर्थियों की मान्यता भूतलक्षी प्रभाव से ताउम्र की जा चुकी है। इस परिप्रेक्ष्य में सातवें शिक्षक नियोजन में 2011 में माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले भी अगले चरण की बहाली में आवेदन कर सकेंगे। एनसीटीई का इस संबंध में निर्देश आने के पूर्व शिक्षा विभाग ने बिहार बोर्ड को वैकेंसी के हिसाब से रिजल्ट देने को कहा था लेकिन अब परिस्थितियां बदल चुकी हैं।"

ज्ञात हो कि माध्यमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा (एसटीईटी) 2019 का नोटिफिकेशन सितंबर 2019 में जारी हुआ था। इसकी ऑफलाइन परीक्षा 28 जनवरी 2020 को हुई थी। इस परीक्षा में चार केंद्रों पर आउट ऑफ सिलेबस प्रश्न पूछे जाने पर काफी हंगामा हुआ था। इसको लेकर छात्रों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इसी बीच अनियमिता पाए जाने पर परीक्षा रद्द कर दी गई थी। तब बिहार बोर्ड ने सितंबर 2020 में ऑनलाइन परीक्षा ली थी। इसमें आउट ऑफ सिलेबस का आरोप लगाते हुए कुछ छात्रों ने अदालत याचिका दायर कर दी थी। तब हाईकोर्ट ने 26 नवंबर 2020 को रिजल्ट जारी करने पर रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान बोर्ड की ऑनलाइन परीक्षा को सही करार दिया था और साथ ही ऑनलाइन एसटीईटी के परिणाम घोषित करने को हरी झंडी दे दी थी।

न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की एकलपीठ ने आदित्य प्रकाश एवं अन्य की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद इसका रिजल्ट घोषित किया गया था। जिसके बाद राज्य में माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया था। बिहार में एसटीईटी की परीक्षा का आयोजन 8साल बाद हुआ था। दो साल बाद हाईकोर्ट के आदेश पर एसटीईटी रिजल्ट 2019 घोषित किया गया था। राज्य में साल2020में 9से 21सितंबर तक एसटीईटी परीक्षा का आयोजन किया गया था। इससे पहले साल2011में इस परीक्षा का आयोजन किया गया था।

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