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ब्लैक लाइव्स मैटर यूके ने इज़रायल की एनेक्सेशन योजना का विरोध किया

एक के बाद एक ट्वीट में नस्लवाद-विरोधी इस आंदोलन ने 1 जुलाई से शुरू होने वाली इज़रायल की योजना की निंदा की।
ब्लैक लाइव्स मैटर

ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन के यूनाइटेड किंगडम (यूके) चैप्टर ने जॉर्डन घाटी सहित क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक के बड़े हिस्से के एनेक्सेशन के इज़रायल की योजनाओं को ख़ारिज करते हुए रविवार 28 जून को फिलिस्तीनियों के साथ अपना समर्थन और एकजुटता की घोषणा की

आधिकारिक BlackLivesMatterUK ट्विटर अकाउंट पर रविवार को पोस्ट किए गए एक ट्वीट में इस आंदोलन ने लिखा, "चूंकि इज़रायल वेस्ट बैंक के एनेक्सेशन की योजना के साथ आगे बढ़ रहा है और मुख्यधारा की ब्रिटिश राजनीति यहूदीवाद और इज़रायल के बसने वाले औपनिवेशिक लक्ष्य की आलोचना से ग्रस्त है ऐसे में हम पुरजोर तरीके से और स्पष्ट रूप से कहते हैं कि हम फिलिस्तीनी साथियों के साथ खड़े हैं। फ्री पैलेस्टाइन।"

इस मुद्दे पर ब्रिटिश राजनीति की चुप्पी पर भी इस आंदोलन ने चिंता व्यक्त की। उस पर "यहूदीवाद और इज़रायल के बसने वाले औपनिवेशिक लक्ष्यों की आलोचना से ग्रस्त" होने का आरोप लगाया गया।

फिलिस्तीन के समर्थन को लेकर विभिन्न प्रमुख ब्रिटिश यहूदी व्यक्तियों सहित यूके बोर्ड ऑफ डिप्यूटीज के अध्यक्ष की तरफ से आलोचना सामने आने के बाद इन्होंने BlackLivesMattersUK’s को "निराश करने वालों से परे" और "एंटी-सेमेटिक ट्रोप" का इस्तेमाल करने के रूप में वर्णित करते हुए ट्विट किया। नस्लवाद-विरोधी इस आंदोलन ने फिलिस्तीन को अपने समर्थन की पुष्टि करने के लिए और अधिक ट्वीट करते हुए प्रतिक्रिया व्यक्त की। ट्वीट में लिखा कि "सुनियोजित नस्लवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में फिलिस्तीनियों से एकजुटता और जानकारी हासिल करना हमेशा हमारे साझा संघर्ष और साझा ताकत का हिस्सा रहा है।"

इज़रायल 1 जुलाई से शुरू होने वाले वेस्ट बैंक और जॉर्डन घाटी के पर्याप्त हिस्सों को मिलाने के लिए तैयार है और क़ब्ज़े वाले उन ज़मीनों में बनी अवैध इज़रायली बस्तियों को मान्यता देने के प्रयास में इन क्षेत्रों पर अपनी संप्रभुता जाहिर करता है। अंतर्राष्ट्रीय क़ानून और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन करते हुए इन बस्तियों का निर्माण किया गया और इसे वार क्राइम (युद्ध अपराध) माना जाता है। कई लोग फिलिस्तीनियों और इज़रायल राष्ट्र के बीच द्विराष्ट्र समाधान को एक विनाश के दस्तक के रूप में इस एनेक्सेशन योजना भी देखते हैं क्योंकि यह एक स्वतंत्र, व्यवहार्य, फिलीस्तीनी राष्ट्र की स्थापना को लगभग असंभव बना देगा।

प्रधानमंत्री नेतन्याहू के नेतृत्व में नई गठबंधन सरकार के गठन के बाद से उन्होंने यूएनएससी और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा उठाए गए चिंताओं के बावजूद मिलाने की अपनी योजना को बार बार दोहराया है। यूरोपीय संघ और अरब लीग सहित कई देशों और समूहों ने इज़रायली सरकार को अपनी योजना से दूर रहने के लिए कहा है। फिलिस्तीनी प्रस्तावित एनेक्सेशन के ख़िलाफ़ क़ब्ज़े वाले क्षेत्रों में इस फैसले के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करते रहे हैं।

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