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बजट 2022: शिक्षा, रेल, रक्षा क्षेत्र के लिए क्या है ख़ास, किसे क्या मिला

वित्त मंत्री के मुताबिक भारत का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.9 प्रतिशत रह सकता है, जबकि पहले इसके 6.8 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया गया था।
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बजट 2022-23 में रक्षा बजट को पिछले साल के 4.78 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5.25 लाख करोड़ रुपये करने की घोषणा की गई है। रेल बजट के तौर पर 400 नयी वंदे भारत ट्रेन शुरू करने की घोषणा की गई।

किसानों के लिए ‘किसान ड्रोन’, रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की बात है तो सहकारी संस्थाओं के लिए मैट घटाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है। इसी के साथ पीएम आवास योजना के तहत 2022-23 में 80 लाख सस्ते घर बनाने का वादा है और कौशल विकास कार्यक्रमों तथा उद्योगों की भागीदारी के साथ रोजगार क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया गया है।

इसी के साथ भारत का राजकोषीय घाटा चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.9 प्रतिशत रह सकता है, जबकि पहले इसके 6.8 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया गया था।

राजकोषीय घाटे को अगले वित्त वर्ष में 6.4 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य तय किया गया है।

इसके साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में सार्वजनिक निवेश के जरिये मजबूत और टिकाऊ वृद्धि की जरूरत पर जोर दिया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को लोकसभा में आम बजट 2022-23 पेश करते हुए कहा कि चालू वर्ष के दौरान कुल खर्च 39.45 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जबकि कुल आय 22.84 लाख करोड़ रुपये रहेगी।  

चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे में मामूली बढ़ोतरी बाजार और विशेषज्ञों की उम्मीदों के विपरीत है, जिन्होंने कर संग्रह में वृद्धि के कारण इसमें मामूली गिरावट का अनुमान जताया था।

सीतारमण ने मंगलवार को संसद में बजट पेश करते हुए कहा, ‘‘2022-23 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जिसे 2025-26 तक 4.5 प्रतिशत से नीचे लाया जाएगा।’’

सरकार का राजकोषीय घाटा 2022-23 के लिए 16,61,196 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। वर्ष 2021-22 के संशोधित अनुमान 15,91,089 करोड़ रुपये के राजकोषीय घाटे का संकेत देते हैं, जबकि बजट अनुमान के मुताबिक ये आंकड़ा 15,06,812 करोड़ रुपये था।

वित्त मंत्री ने कहा कि आम बजट में पूंजीगत व्यय के परिव्यय को 35.4 प्रतिशत बढ़ाकर 2022-23 में 7.50 लाख करोड़ रुपये किया जा रहा है, जो चालू वित्त वर्ष में 5.54 लाख करोड़ रुपये था।
       
सीतारमण ने कहा कि सरकार हरित अवसंरचना के विकास के लिए संसाधन जुटाने के इरादे से हरित बॉन्ड भी लेकर आएगी। यह वर्ष 2022-23 में सरकार के कर्ज कार्यक्रम के जरिये जुटाई जाने वाली 11.58 लाख करोड़ रुपये की राशि का हिस्सा होगा।
       
उन्होंने कहा कि हरित बॉन्ड से जुटाई गई रकम सार्वजनिक क्षेत्र की परियोजनाओं में लगाई जाएगी जिससे अर्थव्यवस्था की कार्बन सघनता कम करने में मदद मिलेगी। 
 
कौशल विकास कार्यक्रमों तथा उद्योगों की भागीदारी के साथ रोजगार क्षमता बढ़ाने पर जोर : सीतारमण
 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि कौशल विकास कार्यक्रमों और उद्योगों के साथ भागीदारी को नई दिशा दी जाएगी, जिससे कुशलता के आयामों को लगातार बढ़ावा मिलेगा तथा स्‍थायित्‍व और रोजगार की क्षमता भी बढ़ेगी। 
         
वित्त मंत्री ने नेशनल स्किल क्‍वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएसक्‍यूएफ) को प्रगतिशील औद्योगिक आवश्‍यकताओं के अनुरूप बनाने, विश्‍वस्‍तरीय गुणवत्‍तापूर्ण सर्वसुलभ शिक्षा देने के लिए एक डिजिटल विश्‍वविद्यालय स्‍थापित‍ करने, गिफ्ट सिटी में विश्वस्तरीय विदेशी विश्वविद्यालय स्थापित करने तथा वर्चुअल प्रयोगशालाओं एवं डिजिटल सामग्रियां तैयार करने की भी घोषणा की। 
    
संसद में बजट 2022-23 पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि डिजिटल इकोसिस्टम फॉर स्किलिंग एण्ड लाइवलीहुड- द डीईएसएच- स्टेक ई-पोर्टल शुरू किया जाएगा।
        
उन्होंने कहा कि इस पोर्टल का उद्देश्‍य नागरिकों को इस प्रकार सशक्‍त बनाना है कि वे ऑनलाइन प्रशिक्षण के माध्‍यम से अपने कौशल का विकास कर सकें। 
       
उन्होंने कहा कि इसके तहत एपीआई आधारित विश्वसनीय कौशल मान्यता प्रदान की जाएगी और उसी के अनुसार भुगतान भी किया जाएगा जिससे कि नागरिक रोजगार और उद्यमितापरक अवसर का लाभ प्राप्‍त कर सकें।
       
सीतारमण ने कहा, ‘‘ विभिन्‍न प्रकार के अनुप्रयोगों के माध्‍यम से ‘ड्रोन शक्ति’ की सुविधा प्रदान करने और ड्रोन-एएस-ए-सर्विस (डीआरएएएस) के लिए स्‍टार्टअप को बढ़ावा दिया जाएगा। सभी राज्‍यों के चुनिंदा आईटीआई संस्‍थानों में कौशल विकास के लिए अपेक्षित पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे।’’
       
उन्होंने बताया कि देशभर के विद्यार्थियों को उनके द्वार पर व्‍यक्ति‍गत तौर पर पहुंच के साथ विश्‍वस्‍तरीय गुणवत्‍तापूर्ण सर्वसुलभ शिक्षा देने के लिए एक डिजिटल विश्‍वविद्यालय स्‍थापित‍ किया जायेगा ।  
        
सीतारमण ने कहा कि इस महामारी से बाध्य होकर स्कूलों को बंद किये जाने के कारण हमारे बच्चे विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों और अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों तथा अन्य पिछड़े वर्गो से आने वालों को लगभग दो वर्ष तक औपचारिक शिक्षा से वंचित होना पड़ा है। 
       
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘ इनमें से अधिकतकर बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं। हम अनुपूरक शिक्षा दिये जाने और शिक्षा के लिये आगे बढ़ने वाला तंत्र स्थापित करने की जरूरत को स्वीकार करते हैं ।’’
       
उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य से पीएम ई विद्या के ‘एक कक्षा एक टीवी चैनल’ कार्यक्रम को 12 टीवी चैनलों से बढ़ाकर 200 टीवी चैनल तक किया जायेगा । 
      
उन्होंने कहा कि इससे सभी राज्य 1-12 तक की कक्षा के छात्रों के लिये अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में अनुपूरक शिक्षा प्रदान कर सकेंगे । 
       
उन्होंने कहा कि व्यावसायिक पाठ्यक्रम के तहत अत्यंत महत्वपूर्ण चिंतन कौशल को बढ़ावा देने और रचनात्मकता को स्थान देने के लिये वर्ष 2022-23 में विज्ञान एवं गणित में 750 वर्चुअल प्रयोगशालाओं और समकालिक शिक्षण परिवेश के लिये 75 कौशल ई-प्रयोगशालाएं स्थापित की जायेंगी। 
       
निर्मला सीतारमण ने कहा कि इंटरनेट, मोबाइल, फोन, टीवी, रेडियो पर डिजिटल शिक्षकों के माध्यम से वहां बोली जाने वाली भाषा में उच्च गुणवत्ताप्रद ई-सामग्रियां तैयार की जायेंगी। 
       
उन्होंने बताया कि अध्यापकों को गुणवत्ताप्रद ई-सामग्री तैयार करने में पठन-पाठन के डिजिटल उपकरणों से सशक्‍त बनाने और सुसज्जित करने तथा बेहतर शिक्षण परिणाम प्राप्‍त करने के लिए एक प्रतिस्‍पर्धापरक तंत्र की स्‍थापना की जाएगी।
       
शहरी योजना डिजाइन में भारत केंद्रित ज्ञान विकसित करने का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) अन्‍य संस्थाओं में शहरी योजना से संबंधित पाठ्यक्रमों में सुधार लाने, गुणवत्‍ता बढ़ाने और पहुंच कायम करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।
 
राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया जाएगा

 
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखभाल सेवाओं तक पहुंच में सुधार के लिए एक राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।
       
उन्होंने 2022-23 का बजट पेश करते हुए कहा कि महामारी ने सभी उम्र के लोगों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाया है।
       
सीतारमण ने कहा, "गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य परामर्श और देखभाल सेवाओं तक बेहतर पहुंच के लिए एक 'राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम' शुरू किया जाएगा।"
       
उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में 23 उत्कृष्टता टेली-मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों का एक नेटवर्क शामिल होगा, जिसमें निमहंस नोडल केंद्र होगा और अंतरराष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान-बैंगलोर (आईआईआईटीबी) प्रौद्योगिकी सहायता प्रदान करेगा।
       
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक खुला मंच शुरू किया जाएगा।
       
उन्होंने कहा, "इसमें स्वास्थ्य प्रदाताओं और स्वास्थ्य सुविधाओं की डिजिटल रजिस्ट्री, विशिष्ट स्वास्थ्य पहचान, सहमति ढांचा और स्वास्थ्य सुविधाओं तक सार्वभौमिक पहुंच शामिल होगी।"
       
इस संबंध में यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल्स कौशांबी के प्रबंध निदेशक डॉ. पीएन अरोड़ा ने कहा कि कोरोना काल में तनाव एवं अवसाद से बढ़ी मानसिक बीमारियों के लिए बजट में घोषित विशेष कार्यक्रम लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने में अपना योगदान देगा।
       
उन्होंने कहा कि ‘मन और तन’ का स्वास्थ्य आपस में जुड़ा है तथा ऐसे में यह योजना अत्यंत लाभप्रद रहेगी।
 
पीएम आवास योजना के तहत 2022-23 में 80 लाख सस्ते घर बनेंगे
 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि अगले वित्त वर्ष के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत 48,000 करोड़ रुपये से 80 लाख सस्ते घर बनाए जाएंगे। ये घर शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों दोनों स्थानों पर होंगे। 
       
सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश करते हुए कहा, ’’पीएमएवाई योजना के तहत वित्त वर्ष 2022-23 में चिन्हित पात्र लाभार्थियों के लिए 80 लाख घरों का निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा।’’
       
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें शहरों और ग्रामीण दोनों इलाके के घर शामिल है और इसके लिए 48,000 करोड़ रुपये आवंटित किये गए है।’’
       
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार सभी आवश्यक भूमि और निर्माण संबंधी मंजूरियों को लेकर समय कम करने के लिए राज्यों के साथ काम करेगी, ताकि शहरों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और मध्यम वर्ग के लोगों के लिए किफायती आवास को बढ़ावा दिया जा सके।
       
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘हम मध्यस्थता की लागत में कमी के साथ-साथ पूंजी तक पहुंच बढ़ाने के लिए वित्तीय क्षेत्र के नियामकों के साथ भी काम करेंगे। 
       
इससे पहले सोमवार को जारी आर्थिक समीक्षा में कहा गया कि वित्त वर्ष 2020-21 में पीएम आवास योजना के तहत 25 नवंबर तक 33.99 लाख घरों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।  
 
वित्त मंत्री ने 400 नयी वंदे भारत ट्रेन शुरू करने की घोषणा की
 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को घोषणा की कि 400 नयी वंदे भारत ट्रेन शुरू की जाएंगी और रेलवे छोटे किसानों तथा एमएसएमई के लिए नये उत्पाद भी विकसित करेगा। 
       
लोकसभा में सीतारमण ने 2022-23 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि अगले वित्त वर्ष में चार बहु-मॉडल पार्क के लिए अनुबंध दिए जाएंगे।
       
उन्होंने कहा, ‘‘अगले तीन वर्षों में बेहतर ऊर्जा दक्षता और यात्रियों को बेहतरीन यात्रा अनुभव दिलाने वाली नई पीढ़ी की 400 वंदे भारत ट्रेनें तैयार की जाएंगी।’’
       
सीतारमण ने कहा कि ये नयी ट्रेनें कम वजन की एल्यूमीनियम से बनाई जाएंगी, इस्पात से नहीं। इस लिहाज से प्रत्येक ट्रेन वजन में करीब 50 टन हल्की होगी और इस्पात की रेलगाड़ियों की तुलना में कम ऊर्जा खपत करेंगी।
       
उन्होंने कहा कि रेलवे छोटे किसानों और सूक्षम, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए नये उत्पाद तथा सक्षम लॉजिस्टिक सेवाएं विकसित करेगा और पार्सल की सुगम आवाजाही के लिहाज से डाक तथा रेलवे के नेटवर्कों के एकीकरण की दिशा में भी अगुवाई करेगा।
       
वित्त मंत्री ने कहा कि रेलवे में ‘एक स्‍टेशन-एक उत्‍पाद’ अवधारणा को लोकप्रिय बनाया जाएगा, ताकि स्‍थानीय व्‍यवसायों और आपूर्ति श्रृंखलाओं को आवश्‍यक मदद मिले सके। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, ‘आत्‍मनिर्भर भारत’ के तहत वर्ष 2022-23 में 2,000 किलोमीटर लंबे नेटवर्क को ‘कवच’ के अंतर्गत लाया जाएगा, जो सुरक्षा और क्षमता वर्धन के लिए स्‍वदेशी विश्‍वस्‍तरीय प्रौद्योगिकी है।
       
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही मल्‍टी-मोडल लॉजिस्टिक्‍स सुविधाओं के लिए 100 पीएम गतिशक्ति कार्गो टर्मिनल स्‍थापित किए जाएंगे।

बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 5.25 लाख करोड़ रुपये आवंटित

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए रक्षा बजट को पिछले साल के 4.78 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5.25 लाख करोड़ रुपये करने का मंगलवार को प्रावधान किया और इसके साथ ही सैन्य साजोसामान के निर्माण में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने पर बल दिया गया है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केंद्रीय बजट संसद में पेश किया। इसमें पूंजीगत व्यय के लिए कुल 1,52,369 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं जिनमें नए हथियार, विमान, युद्धपोत और अन्य सैन्य साजोसामान की खरीद शामिल हैं।

वर्ष 2021-22 के लिए, पूंजीगत व्यय के लिए बजटीय आवंटन 1,35,060 करोड़ रुपये था, लेकिन संशोधित अनुमान के अनुसार 1,38,850 करोड़ रुपये खर्च किए गए।

बजट दस्तावेजों के अनुसार, राजस्व व्यय के लिए 2,33,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जिनमें वेतन भुगतान और प्रतिष्ठानों के रखरखाव पर होने वाले खर्च शामिल हैं।

इसके साथ ही रक्षा पेंशन के लिए अलग से 1,19,696 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जबकि रक्षा मंत्रालय (सिविल) के लिए 20,100 करोड़ रुपये अलग रखे गए हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वित्त वर्ष 2022-23 में स्टार्ट-अप और निजी क्षेत्र के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट का 25 प्रतिशत अलग रखने के प्रस्ताव को "उत्कृष्ट कदम" बताया।

रक्षा मंत्री ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की इस घोषणा का भी स्वागत किया कि रक्षा पूंजी खरीद बजट का 68 प्रतिशत घरेलू उद्योगों से खरीद के लिए आवंटित किया जाएगा।

सिंह ने ट्वीट कर कहा, ‘‘रक्षा पूंजी खरीद बजट का 68 प्रतिशत हिस्सा स्थानीय खरीद के लिए आवंटित किया गया है। यह 'वोकल फॉर लोकल' अभियान के अनुरूप है और इससे निश्चित रूप से घरेलू रक्षा उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।"

रक्षा मंत्री ने कहा कि रक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) के लिए पर्याप्त राशि आवंटित की गई है। उन्होंने कहा, "आरएंडडी बजट का 25 प्रतिशत स्टार्टअप और निजी कंपनियों के लिए आरक्षित रखने का प्रस्ताव एक उत्कृष्ट कदम है।"  

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार आयात में कमी लाने और सशस्त्र बलों के लिए साजोसामान के लिहाज से आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, "2022-23 में पूंजीगत खरीद बजट का 68 प्रतिशत घरेलू उद्योग के लिए रखा जाएगा, जो 2021-22 में 58 प्रतिशत था।"

सीतारमण ने कहा कि रक्षा अनुसंधान और विकास स्टार्ट-अप, उद्योग और शिक्षाविदों के लिए खोला जाएगा तथा इसके लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास बजट का 25 प्रतिशत निर्धारित किया गया है।

उन्होंने कहा कि निजी उद्योगों को ‘एसपीवी मॉडल’ के जरिए डीआरडीओ और अन्‍य संगठनों के सहयोग से सैन्‍य मंच और उपकरणों के डिजाइन और विकास के लिए प्रोत्‍साहित किया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि व्‍यापक परीक्षण और प्रमाणन जरूरतों को पूरा करने के लिए एक स्‍वतंत्र ‘नोडल अम्‍ब्रैला’ निकाय की स्‍थापना की जाएगी।

आम बजट में लोकपाल के लिए 38 करोड़ रुपए, सीवीसी के लिए 41.96 करोड़ रुपए का प्रावधान
 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को पेश किए गए आम बजट के अनुसार, भ्रष्टाचार रोधी लोकपाल को उसकी स्थापना और निर्माण संबंधी खर्चों के लिए 2022-23 में 34 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
       
चालू वित्त वर्ष के लिए इसे 39.67 करोड़ रुपये दिए गए थे। बहरहाल, 2021-22 के लिए बजटीय प्रावधान को संशोधन के बाद कम करके 26 करोड़ रुपये कर दिया गया।
      
केंद्रीय बजट 2022-23 के अनुसार, अगले वित्त वर्ष के लिए भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल को कुल 34 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। बजट के अनुसार, यह प्रावधान लोकपाल की स्थापना और निर्माण से संबंधित व्यय के लिए है।
       
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 23 मार्च, 2019 को न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष को लोकपाल के अध्यक्ष पद की शपथ दिलाई थी। लोकपाल सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने वाला शीर्ष निकाय है। न्यायमूर्ति घोष ने उसी साल 27 मार्च को लोकपाल के आठ सदस्यों को शपथ दिलाई थी।
       
केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को 2022-23 के लिए 41.96 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह प्रावधान आयोग के सचिवालय खर्चे के लिए है।
       
उसे 2021-22 के लिए 38.67 करोड़ रुपये दिए गए थे, जिसे संशोधित कर 38.63 करोड़ रुपये कर दिया गया।
 
‘किसान ड्रोन’, रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की घोषणा
 
सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देशभर के किसानों को डिजिटल और उच्च-प्रौद्योगिकी वाली सेवाओं के वितरण के लिए किसान ड्रोन, रसायन मुक्त प्राकृतिक खेती, सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) को बढ़ावा देने की घोषणा की है।
       
संसद में वित्त वर्ष 2022-23 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि समावेशी विकास सरकार की आगे बढ़ने की चार प्राथमिकताओं में से एक है।
 
‘‘समावेशी विकास के तहत सरकार फसल मूल्यांकन, भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण और कीटनाशकों के छिड़काव के लिए 'किसान ड्रोन' के उपयोग को बढ़ावा देगी।’’
    
उन्होंने कहा कि सरकार कृषि स्टार्टअप और ग्रामीण उद्यमों के वित्तपोषण के लिए नाबार्ड के माध्यम से सह-निवेश मॉडल के तहत जुटाई गई मिश्रित पूंजी के साथ एक कोष की सुविधा भी प्रदान करेगी। 
    
वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘यह कृषि उपज मूल्य श्रृंखला के लिए प्रासंगिक कृषि और ग्रामीण उद्यम के लिए स्टार्टअप का वित्तपोषण करने के लिए है।’’
    
सीतारमण ने आगे कहा कि सरकार पहले चरण में गंगा नदी के किनारे पांच किलोमीटर चौड़े गलियारों में किसानों की भूमि पर ध्यान केंद्रित करते हुए पूरे देश में प्राकृतिक जैविक खेती को बढ़ावा देगी।
    
उन्होंने कहा कि खाद्य तेलों के आयात पर देश की निर्भरता कम करने के लिए तिलहन का घरेलू उत्पादन बढ़ाने को युक्तिसंगत और व्यापक योजना लागू की जाएगी।
    
उन्होंने कहा कि किसानों को डिजिटल और ‘हाई-टेक’ सेवाएं देने के लिए सरकार निजी कृषि प्रौद्योगिकी कंपनियों और कृषि मूल्य श्रृंखला के अंशधारकों के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के अनुसंधान और विस्तार संस्थानों की भागीदारी में पीपीपी आधार पर एक योजना शुरू करेगी। 
    
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक शून्य बजट और जैविक खेती, आधुनिक कृषि, मूल्य संवर्धन और प्रबंधन की जरूरतों को पूरा करने के लिए राज्यों को कृषि विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम को संशोधित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
   
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार 2021-22 के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 163 लाख किसानों से 1,208 लाख टन गेहूं और धान की खरीद करेगी। 
   
उन्होंने कहा, 'एमएसपी मूल्य का 2.37 लाख करोड़ रुपये उनके खातों में सीधे डाले जाएंगे।’’
   
वित्त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2023 को ‘मोटे अनाज का अंतरराष्ट्रीय वर्ष’ घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोटे अनाज उत्पादों की घरेलू खपत को बढ़ाने के लिए फसल कटाई के बाद के प्रबंधन को सहायता देगी।
 
बजट : 3.8 करोड़ घरों को नल से जल के कनेक्शन के लिये 60,000 करोड़ रुपये का आवंटन

 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि 2022-23 में 3.8 करोड़ घरों में नल के पानी के कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए 60,000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
           
केंद्रीय बजट 2022-23 पेश करते हुए उन्होंने कहा कि ‘हर घर नल से जल’ के तहत मौजूदा आच्छादन 8.7 करोड़ है। 
           
उन्होंने कहा, “इसमें से 5.5 करोड़ घरों को पिछले दो वर्षों में ही नल का पानी उपलब्ध कराया गया था। 2022-23 में 3.8 करोड़ परिवारों को कवर करने के उद्देश्य से 60,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।”
           
केंद्रीय बजट 2022-23 पेश करते हुए, उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने कर प्रोत्साहन का लाभ उठाने के लिए स्टार्टअप्स के लिए निगमन की अवधि को एक वर्ष बढ़ाकर 31 मार्च, 2023 करने का निर्णय लिया है।
           
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार कर्मचारियों को राज्य सरकार द्वारा एनपीएस (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली) में योगदान पर कर कटौती को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करती है।
 
सरकार का सहकारी संस्थाओं के लिए मैट घटाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव
 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आम बजट 2022-23 पेश करते हुए कहा कि सरकार का सहकारी समितियों के लिए न्यूनतम वैकल्पिक कर (मैट) वर्तमान के 18.5 प्रतिशत से घटाकर कॉरपोरेट कर के समान 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है।
       
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का प्रस्ताव है कि उन सहकारी समितियों पर अधिभार वर्तमान के 12 प्रतिशत से घटाकर सात फीसदी किया जाए जिनकी कुल आय एक करोड़ रुपये से 10 करोड़ रुपये के बीच है।
       
सीतारमण ने कहा, ‘‘सहकारी संस्थाओं और कंपनियों के बीच उचित प्रतिस्पर्धा का माहौल देने के लिए मेरा प्रस्ताव है कि सहकारी संस्थाओं के लिए भी मैट की दर घटाकर 15 प्रतिशत की जाए।’’
       
वर्तमान में सहकारी संस्थाओं को 18.5 प्रतिशत की दर से मैट अदा करना होता है जबकि कंपनियां 15 फीसदी की दर से कर भुगतान करती हैं।
 
दो लाख आंगनवाड़ी का उन्नयन किया जाएगा: वित्त मंत्री
 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सक्षम आंगनवाड़ी योजना के तहत दो लाख आंगनबाड़ी का उन्नयन किया जाएगा। इसका मकसद शुरुआती बाल विकास के लिए नई पीढ़ी की आंगनवाड़ी को बेहतर बुनियादी ढांचा और श्रव्य-दृश्य (ऑडियो-विजुअल) सहायता मुहैया कराना है। 
     
वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि सरकार ने ‘अमृत काल’के दौरान भारत के उज्ज्वल भविष्य और महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के अग्रदूत के रूप में 'नारी शक्ति' के महत्व को पहचाना है।

उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने महिला और बाल विकास मंत्रालय की योजनाओं को व्यापक रूप से नया रूप दिया है। इसके अनुरूप ही हाल में महिलाओं और बच्चों को एकीकृत लाभ प्रदान करने के लिए मिशन शक्ति, मिशन वात्सल्य, सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 शुरू किए गए। उन्होंने कहा कि सक्षम आंगनवाड़ी नई पीढ़ी की आंगनवाड़ी हैं, जिनके पास स्वच्छ ऊर्जा से संचालित बेहतर बुनियादी ढांचा और ऑडियो-विजुअल सुविधाएं हैं, जो प्रारंभिक बाल विकास के लिए बेहतर परिवेश प्रदान करती हैं। 

बजट: 44,605 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से केन-बेतवा संपर्क परियोजना को पूरा किया जाएगा
 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि 44,605 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली केन-बेतवा संपर्क परियोजना को कार्यान्वित किया जाएगा।
       
उन्होंने 2022-23 के लिए बजट प्रस्तुत करते हुए यह भी कहा कि नदियों को जोड़ने की पांच परियोजनाओं.... दमनगंगा-पिंजाल, पार-तापी-नर्मदा, गोदावरी-कृष्‍णा, कृष्‍णा-पेन्‍नार और पेन्‍नार-कावेरी की मसौदा डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) को अंतिम रूप दे दिया गया है।
       
उन्होंने कहा कि लाभार्थी राज्‍यों के बीच आम-सहमति होने के साथ ही केन्‍द्र सरकार इनके कार्यान्‍वयन के लिए आवश्‍यक सहायता दे देगी।
       
सीतारमण ने कहा कि केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना का उद्देश्‍य किसानों की 9.08 लाख हेक्‍टेयर भूमि को सिंचाई सुविधाएं, 62 लाख लोगों को पेयजल आपूर्ति, 103 मेगावाट पनबिजली और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा उपलब्‍ध कराना है।
      
उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए संशोधित बजट अनुमान 2021-22 में 4,300 करोड़ रुपये और 2022-23 में 1,400 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। 

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