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कोविड-19 : कई राज्यों में लॉकडाउन या लॉकडाउन-जैसी पाबंदियां, लेकिन संपूर्ण लॉकडाउन क्यों नहीं?

देश के वैज्ञानिक, डॉक्टर, एक्सपर्ट यहाँ तक कि सरकार की खुद की कोरोना टास्क फ़ोर्स ने भी देश में 15 दिनों के संपूर्ण लॉकडाउन की सिफ़ारिश कर दी है।  इन सबके बाद भी वो इस तरफ विचार करते नहीं दिख रहे है और न ही कोई राहत पैकेज की घोषणा कर रहे है।  
लॉकडाउन
फ़ोटो साभार: सोशल मीडिया

नई दिल्ली: कोविड-19 के मामलों में बेतहाशा बढ़ोतरी पर लगाम कसने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लगाए जाने की मांग के बीच भारत के बड़े हिस्से में इस तरह की पाबंदियां अलग-अलग समय अवधि के लिए जारी हैं। लेकिन एक बार फिर सवाल वही जब डॉक्टर और एक्सपर्ट देशव्यापी लॉकडाउन लगाने को कह रहे है तो फिर सरकार ऐसा कर क्यों नहीं रही है? जबकि देशभर में अधिकतर राज्यों ने खुद से ही पाबंदियाँ और तालाबंदी जैसे कदम उठाए हैं।  एक बार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा कोरोना वायरस के कारण जारी पाबंदियों का ब्यौरा देख लेते है --

दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी में 19 अप्रैल से लॉकडाउन लगा हुआ है और यह दस मई तक जारी रहेगा।

बिहार : चार मई से 15 मई तक लॉकडाउन लगाया गया है।

उत्तर प्रदेश : सप्ताहांत लॉकडाउन दो और दिनों के लिए बढ़ाकर बृहस्पतिवार तक किया गया है।

हरियाणा : यहां तीन मई से सात दिनों के लिए लॉकडाउन है। इससे पहले नौ जिलों में सप्ताहांत कर्फ्यू लगाया गया था।

ओडिशा : पूरे राज्य में पांच मई से 19 मई तक 14 दिनों का लॉकडाउन लगाया गया है।

राजस्थान : 17 मई तक लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लागू हैं।

कर्नाटक : 27 अप्रैल की रात से 12 मई तक लॉकडाउन लगा है।

झारखंड : 22 अप्रैल से छह मई तक लॉकडाउन है।

छत्तीसगढ़ : यहां जिलाधिकारियों को लॉकडाउन 15 मई तक बढ़ाने की अनुमति है, जो पांच मई को समाप्त हो रहा है।

पंजाब : यहां सप्ताहांत लॉकडाउन जैसे उपायों के अलावा व्यापक पाबंदियां हैं और 15 मई तक रात्रि कर्फ्यू लागू रहेगा।

मध्यप्रदेश : यहां सात मई तक ‘‘कोरोना कर्फ्यू’’ लागू है जिसमें केवल आवश्यक सेवाओं को अनुमति है।

गुजरात : 29 शहरों में रात्रि कर्फ्यू जारी है। इसके अलावा आवाजाही एवं सार्वजनिक स्थलों पर एकत्रित होने से मनाही है।

महाराष्ट्र : इसने पांच अप्रैल को निषेधाज्ञा के साथ कर्फ्यू जैसा लॉकडाउन और लोगों की आवाजाही पर पाबंदियां लगाई थीं। पाबंदियां बाद में 15 मई तक बढ़ा दी गईं।

गोवा : चार दिवसीय लॉकडाउन सोमवार को समाप्त हो गया। लेकिन कलानगुटे और उत्तर गोवा के कैंडोलिम जैसे पर्यटक स्थलों पर लॉकडाउन जारी रहेगा। सरकार ने कहा है कि कोविड-19 के कारण पाबंदियां दस मई तक जारी रहेंगी जिस दौरान विभिन्न व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे जबकि राजनीतिक एवं सामाजिक कार्यक्रमों पर प्रतिबंध रहेगा।

तमिलनाडु : राज्य ने 20 मई तक सभी राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों पर रोक सहित व्यापक पाबंदियां लगाई हैं।

केरल : यहां चार मई से नौ मई तक लॉकडाउन जैसी कड़ी पाबंदियां लगाई गई हैं।

पुडुचेरी : यहां दस मई तक लॉकडाउन बढ़ाया गया है।

तेलंगाना : आठ मई तक रात्रि कर्फ्यू जारी है।

आंध्रप्रदेश : छह मई से दो हफ्ते के लिए दोपहर 12 बजे से सुबह छह बजे तक आंशिक कर्फ्यू की घोषणा। राज्य में पहले रात्रि कर्फ्यू लगा था।

पश्चिम बंगाल : पिछले हफ्ते हर तरह की सभाओं पर प्रतिबंध सहित व्यापक पाबंदियां लगाई गईं।

असम : रात्रि कर्फ्यू को रात आठ बजे से सुबह छह बजे किया गया जिसमें बुधवार से सार्वजनिक स्थलों पर लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। रात्रि कर्फ्यू 27 अप्रैल से सात मई तक।

नगालैंड : 30 अप्रैल से 14 मई तक कड़े नियमों के साथ आंशिक लॉकडाउन लगाया गया।

मिजोरम : आइजोल एवं अन्य जिला मुख्यालयों में तीन मई से आठ दिनों का लॉकडाउन।

जम्मू-कश्मीर : प्रशासन ने श्रीनगर, बारामूला, बडगाम और जम्मू जिलों में छह मई तक लॉकडाउन बढ़ाया। सभी 20 जिलों के निगम/शहरी स्थानीय निकाय सीमा में रात्रि कर्फ्यू जारी।

उत्तराखंड : राज्य ने कई पाबंदियां और रात्रि कर्फ्यू लगाया है।

हिमाचल प्रदेश : 12 में से चार जिलों में रात्रि कर्फ्यू और सप्ताहांत बंदी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा आज बुधवार, 5 मई को जारी आंकड़ों के अनुसार देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,82,315 नए मामले दर्ज किए गए है। इसके अलावा कोरोना से 24 घंटों में अब तक की रिकार्ड 3,780 मरीज़ों की मौत हुई है, इससे पहले एक दिन में सबसे ज़्यादा यानि 3,689 मरीज़ों की मौत 2 मई को हुई थी | साथ ही इसी बीच देश भर में कोरोना से पीड़ित 3,38,439 मरीज़ों को ठीक किया गया है। और एक्टिव मामलों में 40,096 मामलों की बढ़ोतरी हुई है।

देश में कोरोना के मामलों की संख्या बढ़कर 2 करोड़ 6 लाख 65 हज़ार 184 हो गयी है। जिनमें से अब तक 2 लाख 26 हज़ार 188 लोग अपनी जान गवा चुके है। देश में कोरोना से पीड़ित 82.03 फ़ीसदी यानि 1 करोड़ 69 लाख 51 हज़ार 731 मरीज़ों को ठीक किया जा चुका है। और एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 34 लाख 87 हज़ार 229 हो गयी है।

ये सभी आकड़े डराने वाले हैं ,लेकिन केंद्र की मोदी सरकार अभी देश को बताने में लगी है सब कुछ ठीक है।  यहाँ तक कि कई अदलतों ने भी उन्हें फ़टकार लगाई है। इन सबके बाद भी ऐसा लग रहा है वो इन सबसे बेफ़िक्र है।  क्योंकि जब देश के वैज्ञानिक ,डॉक्टर , एक्सपर्ट यहाँ तक कि सरकार की खुद की कोरोना टास्क फ़ोर्स ने भी देश में 15 दिनों के संपूर्ण लॉकडाउन की सिफ़ारिश कर दी है।  इन सबके बाद भी वो इस तरफ विचार करते नहीं दिख रहे हैं और न ही कोई राहत पैकेज की घोषणा कर रहे हैं।  देशभर में कई राज्यों में लोग ऑक्सीजन और चिकित्सा सुविधा के आभाव में दम तोड़ रहे हैं। देश के श्मशानों और कब्रिस्तानों में भी जगह नहीं रही है। ऐसे में यह हठधर्मिता क्यों? यही सवाल लोगों के मन में उठा रहा है जिसका जवाब ढूंढे नहीं मिल रहा है।  

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ )

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