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दिल्ली: कार के साथ घिसटती युवती की मौत को पुलिस ने बताया 'सिर्फ़ एक्सीडेंट’, कई अनसुलझे सवाल बरकरार

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए एक बार फिर राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा का सवाल उठाया है।
Delhi Accident
फ़ोटो साभार: सोशल मीडिया

नए साल 2023 के आगाज़ के साथ ही राजधानी दिल्ली का एक सड़क हादसा सुर्खियों में आ गया। इस हादसे में एक स्कूटर सवार युवती की कार से घसीटे जाने के बाद दर्दनाक मौत हो गई तो वहीं अब ये पूरा मामला हत्या बनाम हादसे के चक्रव्यूह में फंसता नज़र आ रहा है। एक ओर दिल्ली पुलिस इसे सिर्फ़ एक्सीडेंट का मामला बता रही है तो वहीं खबरों की मानें तो मृतक लड़की के परिवार वाले पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं नज़र आ रहे और इस घटना की तुलना 2012 के निर्भया कांड से कर रहे हैं।

बता दें कि इस मामले में पुलिस ने अबतक पांच लोगों को गाड़ी के नंबर के आधार पर गिरफ़्तार किया है। इस संबंध में राष्ट्रीय महिला आयोग और दिल्ली महिला आयोग ने स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस से रिपोर्ट तलब की है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए एक बार फिर राजधानी में महिलाओं की सुरक्षा का सवाल उठाया है।

स्वाति मालीवाल ने एक ट्वीट कर कहा, "दिल्ली की सड़कों पर एक लड़की को नशे में धुत लड़कों ने अपनी गाड़ी से कई किलोमीटर तक घसीटा। उसका शव नग्न अवस्था में सड़क पर मिला। ये बेहद भयानक मामला है। दिल्ली पुलिस को हाज़िरी समन जारी कर रहे हैं। क्या सुरक्षा व्यवस्था थी न्यू ईयर के मौक़े पर?"

क्या कहना है पुलिस का?

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक पुलिस ने जानकारी दी है कि एक्सीडेंट जिस जगह हुआ वो सुल्तानपुरी पुलिस स्टेशन के तहत आता है। वहां के एसएचओ को एक स्कूटी के बारे में जानकारी मिली थी जिसका एक्सीडेंट हुआ था। इस मामले में सुबह तीन बजकर 53 मिनट पर सूचना दर्ज की गई थी। पुलिस अधिकारियों के हवाले से ये भी बताया गया है कि इस घटना के बारे में कंझावला पुलिस स्टेशन को तड़के 3 बजकर 24 मिनट पर एक फ़ोन कॉल के जरिए जानकारी मिली थी, जिसमें कहा गया था कि एक कार एक व्यक्ति को घसीटते हुए ले जा रही है। इसके बाद सुबह चार बजकर 11 मिनट पर एक और कॉल मिली जिसमें बताया गया था कि एक युवती का शव सड़क पर पड़ा है। इसके बाद रोहिणी ज़िले की पुलिस मौके पर पहुंची और युवती को मंगोलपुरी स्थित एसजीएम अस्पताल ले गई जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया।

बाहरी दिल्ली के डीसीपी हरेंद्र सिंह ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण हादसा बताते हुए इसे एक गंभीर मामला कहा है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर चेतावनी देते हुए कहा है कि ये सिर्फ़ एक्सीडेंट का मामला है। बिना किसी तहकीकात के जिन लोगों ने सोशल मीडिया पर ग़लत जानकारी दी है, उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी। डीसीपी सिंह ने ये भी बताया कि पीड़ित का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। इसके लिए मेडिकल बोर्ड बनाया है।

मृत पीड़िता के परिजन क्या कह रहे हैं?

पीड़िता की मां ने मीडिया को बताया कि उन्होंने अब तक अपनी बेटी का शव नहीं देखा है। उनके मुताबिक बेटी 31 दिसंबर की शाम साढ़े पांच बजे के करीब घर से पंजाबी बाग में काम करने के लिए गई थी। उसने बताया था कि वो रात 10 बजे तक घर आ जाएगी लेकिन उसके एक्सीडेंट की खबर सुबह मिली।

दैनिक भास्कर की ख़बर के अनुसार परिवार ने कहा है कि यह रेप के बाद मर्डर का मामला है। लड़की के कपड़े ऐसे ही नहीं फट सकते है। जब वह मिली, तो उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था। पीड़ित लड़की के मामा ने इस मामले में निष्पक्ष जांच और न्याय की मांग करते हुए इसे निर्भया जैसा बताया है।

वहीं इस घटना के एक चश्मदीद ने पुलिस पर देरी से कार्रवाई करने का आरोप भी लगाया है। इंडिया टुडे ने अपनी रिपोर्ट में चश्मदीद के हवाले से दावा किया है कि पीसीआर वैन को हादसे के बारे में बताने पर भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। वह सुबह सवा तीन बजे दूध की डिलीवरी का इंतजार कर रहा था, तभी उसने कार को महिला को घसीटते हुए देखा। चश्मदीद बेगमपुर तक बलेनो कार के पीछे गया। इस बीच चश्मदीद ने पुलिस को फोन किया, लेकिन सुबह 5 बजे तक पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की क्योंकि पीसीआर वैन की पुलिस होश में नहीं थी, इसलिए उन्होंने एक्शन लेने में इंटरेस्ट नहीं लिया।

सरकार क्या कह रही है?

इस घटना पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सोशल मीडिया पर संवेदना व्यक्त करते हुए इस घटना को अमानवीय बताया है। अपने एक ट्वीट में उन्होंने कहा, “इस अपराध पर मेरा सिर शर्म से झुक गया है और मैं अपराधियों की राक्षसी संवेदनहीनता से स्तब्ध हूं। सभी आरोपियों को पकड़ लिया गया है। पीड़ित के परिवार को हर संभव मदद की जाएगी। वह पुलिस आयुक्त दिल्ली के साथ इस मामले की निगरानी कर रहे हैं।"

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने भी इस मामले पर पहली प्रतिक्रिया देते हुए मामले इसे शर्मनाक करार दिया है। उन्होंने आरोपियों को कड़ी सजा देने की मांग भी की है।

गौरतलब है कि कंझावला इलाके के इस कथित हादसे से शासन-प्रशासन पर कई सवाल खड़े होते हैं। युवती के शरीर की सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर और कई अन्य दावों के साथ ही पुलिस की कार्रवाई भी सवालों के घेरे में है। कुल मिलाकर देखें तो अभी इस मामले में युवती के पोस्टमार्टम और आरोपी लड़कों के मेडिकल टेस्ट के बाद कुछ तस्वीर साफ होगी। फिलहाल इस भयानक घटना ने दिल्ली में पुलिस की सतर्कता और महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल तो खड़े कर ही दिए हैं।

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