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दिल्ली आबकारी नीति मामला : ईडी ने देशभर के करीब 40 ठिकानों पर छापे मारे

केंद्रीय एजेंसी इस मामले में दूसरी बार छापेमारी कर रही है। इससे पहले उसने छह सितंबर को देशभर के करीब 45 ठिकानों पर छापे मारे थे।
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फ़ोटो साभार: सोशल मीडिया

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली की आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को देशभर के करीब 40 ठिकानों पर छापेमारी शुरू की। यह आबकारी नीति अब वापस ले ली गई है।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आंध्र प्रदेश में नेल्लोर तथा कुछ अन्य शहरों, कर्नाटक, तमिलनाडु और दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में शराब कारोबारियों, वितरकों और आपूर्ति शृंखला के नेटवर्क पर छापे मारे जा रहे हैं।

केंद्रीय एजेंसी इस मामले में दूसरी बार छापेमारी कर रही है। इससे पहले उसने छह सितंबर को देशभर के करीब 45 ठिकानों पर छापे मारे थे।

ईडी का आबकारी नीति से जुड़ा धन शोधन मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की एक प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कुछ नौकरशाहों को आरोपियों के तौर पर नामजद किया गया है।

सीबीआई ने 19 अगस्त को इस मामले में सिसोदिया (50), भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी और दिल्ली के पूर्व आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण के दिल्ली स्थित आवास तथा सात राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों में 19 अन्य स्थानों पर छापे मारे थे।

अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार में सिसोदिया के पास आबकारी और शिक्षा समेत कई विभाग हैं।

ईडी पिछले साल नवंबर में लाई गई दिल्ली आबकारी नीति बनाने और उसके क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में जांच कर रही है।

सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सिफारिश की थी। उन्होंने इस मामले में 11 आबकारी अधिकारियों को निलंबित भी किया है।

सिसोदिया ने भी नीति में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग की थी।

दिल्ली के मुख्य सचिव की जुलाई में दी गई रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन अधिनियम 1991, कार्यकरण नियम (टीओबीआर)-1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियमावली-2010 का प्रथम दृष्टया उल्लंघन पाए जाने की बात कही गई थी।

केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई द्वारा 17 अगस्त को ये मामला दर्ज किया गया था। सीबीआई ने इस मामले में इससे पहले 30 से ज्यादा लोकेशन पर छापेमारी की थी। सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के मुताबिक आबकारी विभाग के मंत्री मनीष सिसोदिया को सबसे पहला और मुख्य आरोपी बनाया गया था।

एफआईआर के मुताबिक आरोपियों में मनीष सिसोदिया, पूर्व एक्साइज कमिश्नर अरवा गोपी कृष्णा, सहायक एक्साइज कमिश्नर पंकज भटनागर, आबकारी विभाग के डेप्युटी कमिश्नर आनंद तिवारी आदि शामिल हैं।

(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)

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