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ईडी ने धनशोधन में आप प्रभारी, हैदराबाद के कारोबारी को गिरफ़्तार किया

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पहले ही इसी मामले में दोनों को गिरफ्तार किया था। तब से दोनों जेल में है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अब धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत से दोनों को हिरासत में लेने की मांग करेगा।
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फ़ोटो साभार: पीटीआई

नयी दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद रद्द कर दी गई दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले की जारी जांच के सिलसिले में आम आदमी पार्टी (आप) के संचार प्रभारी विजय नायर और कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली को गिरफ्तार किया है। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा इसी मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद से दोनों फिलहाल जेल में हैं।

नायर को सीबीआई ने जहां सितंबर में गिरफ्तार किया था वहीं बोइनपल्ली को पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था।

सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत से दोनों को हिरासत में लेने की मांग करेगा।

अधिकारियों ने कहा कि ईडी मामले में धनशोधन के पहलू की जांच कर रहा है और दोनों का सामना इकट्ठा किए गए सबूतों और शराब नीति के निर्माण और कार्यान्वयन में शामिल अन्य व्यक्तियों और आरोपियों द्वारा दर्ज किए गए बयानों से कराया जाएगा।

ईडी ने इससे पहले शराब कंपनी ‘इंडोस्पिरिट’ के प्रवर्तक समीर महेंद्रू, शराब कंपनी ‘पर्नोड रिकार्ड’ के महाप्रबंधक बिनॉय बाबू और ‘अरबिंदो फार्मा’ के पूर्णकालिक निदेशक और प्रवर्तक पी शरत चंद्र रेड्डी को गिरफ्तार किया था।

उसने हाल में एक स्थानीय अदालत को बताया था कि एजेंसी इस मामले में अबतक 169 तलाशी अभियान चला चुकी है।

एजेंसी ने बाबू, शरत और रेड्डी की हिरासत कार्यवाही के दौरान अदालत को यह भी बताया कि सार्वजनिक तौर पर जारी किए जाने से लगभग 45 दिन पहले कुछ शराब निर्माताओं को नीति “लीक” की गई थी और जांच में पाया गया कि उपमुख्यमंत्री सिसोदिया समेत तीन दर्जन ‘वीआईपी’ लोगों ने कथित तौर पर डिजिटल साक्ष्य नष्ट करने के इरादे से 140 से अधिक मोबाइल फोन बदले।

ईडी ने कहा कि जांच के दौरान उसके द्वारा पूछताछ में कई लोगों ने “खुलासा किया है कि दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में काम करने के लिए चुनिंदा व्यापारिक समूहों को अनुचित लाभ के लिए 100 करोड़ रुपये की रिश्वत अग्रिम रूप से दी गई थी।”

धन शोधन का मामला सीबीआई की एक प्राथमिकी से निकला है जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को एक आरोपी के रूप में नामित किया गया है।

सीबीआई ने मामला दर्ज करने के बाद सिसोदिया और दिल्ली सरकार के कुछ नौकरशाहों के परिसरों पर छापेमारी की थी ।

सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि सिसोदिया के एक सहयोगी अर्जुन पांडे ने एक बार मनोरंजन और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ‘ओनली मच लाउडर’ (ओएमएल) के पूर्व सीईओ नायर की ओर से समीर महेंद्रू से लगभग 2 से 4 करोड़ रुपये नकद एकत्र किए थे।

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