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गोपालगंज ट्रिपल मर्डर केस: सरकार पर गंभीर सवाल, विपक्ष की घेराबंदी, 31 को राज्यव्यापी प्रतिवाद

गोपालगंज तिहरे हत्याकांड में सीधा आरोप सत्ताधारी जेडीयू के विधायक पर लग रहा है। विपक्ष इस घटना को लेकर सरकार पर हमलावर है। आरजेडी ने बिहार के बदहाल कानून व्यवस्था को लेकर विधनसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है तो माले ने 31 मई को आरोपी विधायक की गिरफ्तारी व विधानसभा सदस्यता खारिज करने को लेकर राज्यव्यापी प्रतिवाद का आह्वान किया है।
गोपालगंज ट्रिपल मर्डर केस

बिहार में इस कोरोना महामारी  में भी आपराधिक घटनाएं लगातर घट रही है,जो सुशासन बाबू के शासन पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती है। नया मामला गोपलागंज जिले  का है जहाँ हुए ट्रिपल मर्डर से पूरे इलाके में भय का मौहौल है। इस घटना का सीधा आरोप सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के विधायक अमरेंद्र पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय पर लग रहा है। विपक्ष इस घटना को लेकर सरकार पर हमलावर है, मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल और उसके नेता तेजस्वी यादव इसे नरसंहार बता रहे हैं। उन्होंने इस घटना और बिहार के बदहाल कानून व्यवस्था को लेकर विधनसभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा, इसके साथ ही वाम दलों ने भी इस घटना को लेकर नीतीश सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं और सरकार के रवैये को लेकर 31 मई को पूरे राज्य में विरोध का भी आह्वान किया है। हलांकि कुछ लोग इसे गैंगवार भी बता रहे हैं। अभी तक इस मामले में बिहार के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री नीतीश कुमार ने चुप्पी बनाई हुई है।

क्या है पूरा मामला ?

गोपालगंज के हथुआ थाना इलाके के रुपनचक गांव में रविवार रात को अपराधियों ने आरजेडी नेता जेपी यादव के घर में धावा बोल दिया और जेपी यादव और उनके चार परिजनों पर गोलीबारी कर दी। अपराधियों की ताबड़तोड़ फायरिंग की वजह से जेपी यादव के माता-पिता की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि गंभीर रूप से घायल उनके एक भाई ने सोमवार सुबह गोरखपुर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया। वहीं जेपी यादव और उनके एक भाई का अभी भी पटना के पीएमसीएच में उपचार चल रहा है।

तेजस्वी यादव मंगलवार को उनका हाल जानने पीएमसीएच भी गए थे। ख़बरों के अनुसार, घायल जेपी यादव ने बताया कि वो स्थानीय जिला पार्षद क्षेत्र से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। उन्हें हमले की आशंका थी, जिससे उन्होंने पुलिस को भी आगाह किया था, लेकिन पुलिस ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्‍होंने JDU के विधायक अमरेन्द्र कुमार पाण्डेय उर्फ़ पप्पू पांडेय, जिला परिषद अध्यक्ष मुकेश पांडेय और उनके पिता सतीश पांडेय पर मां और पिता की गोली मारकर हत्या करने का आरोप लगाया है।

अभी तक हुई पुलिस कार्रवाई

इस हत्याकांड को लेकर घायल आरजेडी नेता के बयान के आधार पर जेडीयू विधायक अमरेंद्र पांडे, विधायक के बड़े भाई सतीश पांडे और भतीजे मुकेश पांडे के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई है। 
पुलिस ने कार्रवाई करते हुए विधायक के भाई सतीश पांडे और भतीजे मुकेश पांडे को गिरफ्तार कर लिया है। मुकेश गोपालगंज जिला परिषद का अध्यक्ष भी है। पुलिस ने सतीश पांडे और मुकेश पांडे को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें जेल में भेज दिया गया है। हालंकि हमले के आरोपी विधायक को पुलिस पकड़ पाने में नाकाम रही है। पुलिस के मुताबिक विधायक फरार है। गिरफ़्तारी के लिए पुलिस ने कई जगह छापेमारी भी की है।

बताया जा रहा है कि इस हत्याकांड को राजनीतिक साजिश के तहत अंजाम दिया गया है।  पुलिस द्वार विधायक न पकडे जाने को लेकर गंभीर सवाल उठ रहे हैं जबकि इस दौरान आरोपी विधायक ने मीडिया से बात की। इसको लेकर भी विपक्षी नेता सरकार और पुलिस पर सवाल उठा रहे है कि विधायक को मीडिया ढूंढ ले रहा लेकिन पुलिस नहीं। विपक्ष ने इस मामले की सीबीआई जाँच की मांग की है।

तेजस्वी का गोपालगंज कूच लेकिन पुलिस पटना में ही रोका

गोपालगंज ट्रिपल मर्डर केस को लेकर बिहार में तेजस्वी यादव और आरजेडी पूरी तरह से आक्रमक है। तेजस्वी यादव, पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ शुक्रवार को गोपालगंज कूच करने के लिए राबड़ी आवास से निकले। इस दौरान तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी और तेजप्रताप यादव के काफिले को पुलिस ने रोक लिया। काफी देर तक हंगामा चलता रहा। करीब साढ़े 12 बजे राबड़ी देवी और तेज प्रताप यादव अपने आवास में लौट गए। इसके बाद तेजस्वी के नेतृत्व में आरजेडी के नेताओ के एक प्रतिनिधिमंडल ने विधानसभा अध्यक्ष से मुलाक़ात की और इस मामले पर सत्र बुलाने का आग्रह किया।

आपको बता दें कि गोपलागंज लालू प्रसाद यादव का गृह जिला है, इसी कारण आरजेडी इस मामले को लेकर काफी आक्रमक है। तेजस्वी यादव ने इस घटना के तुरंत बाद घायल आरजेडी नेता से मुलाकात की और इसके बाद पुलिस और सरकार को दो दिन का समय दिया और कहा कि पुलिस आरोपी विधायक को गिरफ़्तार करे नहीं तो वो शुक्रवार को गोपलगंज जाएँगे।

27 मई को मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी ने नीतीश सरकार पर हमला बोला उन्होंने कहा है कि नीतीश कुमार जी के चहेते विधायक अमरेंद्र पांडे की अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। कल (गुरुवार) शाम तक विधायक अमरेंद्र गिरफ्तार नहीं होते हैं तो मैं और मेरी पार्टी के सारे विधायक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पटना से गोपालगंज जाने का काम करेंगे। बिहार में माननीय मुख्यमंत्री जी कहते हैं कि हम न तो फंसाते हैं न ही बचाते हैं। हम उनसे पूछना चाहते है कि आपके ये जो चहेते विधायक हैं उन पर ऐसी कोई IPC धारा है जो नहीं लगी है। नज़रबंद आपने घर पर कर रखा है और आप कह रहे हैं कि सरकार बचाने का काम नहीं कर रही है।

बिहार सरकार ने तेजस्वी सहित कई नेताओं पर लॉकडाउन के नियमो के उलंघन करने पर मुकदमा दायर किया है। माले नेताओं ने तेजस्वी यादव सहित कई राजद नेताओं पर लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन करने के नाम पर मुकदमा लगाए जाने की निंदा की है।

माले का 31 को राज्यव्यापी प्रतिवाद

भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि अमरेंद्र पांडेय की गिरफ्तारी व विधानसभा सदस्यता खारिज करने को लेकर 26 मई को गोपालगंज में प्रतिवाद किया गया था और फिर विधानसभा अध्यक्ष को भी हमारी पार्टी के विधायक दल ने ज्ञापन सौंपा, लेकिन लगता है कि सरकार पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। इसलिए हमने इस बर्बर जनसंहार के खिलाफ आगामी 31 मई को राज्यव्यापी प्रतिवाद करने का फैसला किया है और व्यापक विपक्षी एकता के आधार पर जनसंहार के खिलाफ आंदोलन तेज करने का भी आह्वान भी किया है।

29 मई को भाकपा माले के प्रतिनिधिमंडल ने घटनास्थल का भी दौरा किया। ग्रामीणों ने माले नेताओं को वे स्पॉट दिखलाए जहां अभी भी खून के धब्बे मौजूद हैं। साथ ही गोली से दीवाल पर बने गहरे निशान को भी देखा। इस प्रतिनिधिमंडल में भाकपा-माले के राज्य सचिव कॉमरेड कुणाल, पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेन्द्र झा, दरौली विधायक सत्यदेव राम, पूर्व विधायक अमरनाथ यादव, केंद्रीय कमिटी के सदस्य नईमुद्दीन अंसारी, गोपालगंज जिला सचिव इंद्रजीत चौरसिया, कॉमरेड जितेंद्र राम आदि शामिल थे।

भाकपा-माले नेताओं ने ग्रामीणों से बातचीत की और पूरे मामले की जांच-पड़ताल की इसके बाद उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि यह जनसंहार भाजपा-जदयू संरक्षित सामंती-अपराधियों द्वारा रचाया गया है। इसके मुख्य सूत्रधार जदयू के बाहुबली विधायक अमरेंद्र पांडेय उर्फ पप्पू पांडेय की विधानसभा सदस्यता अविलम्ब खारिज होनी चाहिए और उनकी तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए। नीतीश कुमार के तथाकथित सुशासन के झूठे नरेटिव की हकीकत आज पूरे राज्य के सामने है।

नेताओं ने  नीतीश सरकार से मृतक परिजनों के लिए तत्काल 1 करोड़ की राशि उपलब्ध कराने की मांग की है। यह भी कहा कि ग्रामीण फिर किसी अनहोनी से भयभीत हैं, लेकिन सरकार और जिला प्रशासन ने कोई पुलिस कैम्प नहीं स्थापित किया है ,हमारी मांग है कि गांव में अविलम्ब कैम्प की व्यवस्था की जाए। 

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