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ज्ञानवापी अपडेटः मस्जिद परिसर में शिवलिंग मिलने का दावा, मुस्लिम पक्ष ने कहा- फव्वारे का पत्थर

सर्वे टीम में शामिल हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन की ओर से दाखिल प्रार्थना-पत्र पर सीनियर सिविल जज ने वजुखाने की जगह को तत्काल सील करने का आदेश दिया है।
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उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वे के दौरान शिवलिंग के आकार के एक पत्थर के मिलने के बाद सीनियर सिविल जज ने सुरक्षा का आदेश दिया है। हालांकि मुस्लिम पक्ष के अनुसार जिस पत्थर के शिवलिंग होने का दावा किया जा रहा है वह वजुखाने में स्थित फव्वारे का पत्थर है। अब इसे लेकर नया विवाद शुरू हो गया है हालांकि कोर्ट से नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने कहा है कि जो वस्तुस्थिति पाई गई है, वही रिपोर्ट में दिखाई जाएगा। न तो किसी के पक्ष में साक्ष्य बढ़ाया जाएगा और न ही घटाया जाएगा।

इसी बीच सर्वे टीम में शामिल हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन की ओर से दाखिल प्रार्थना-पत्र पर कोर्ट ने उक्त स्थान को सील करने का आदेश दिया है। सोमवार को ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे का काम पूरा हो गया। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को इस मामले की सुनवाई हो सकती है। मुस्लिम पक्ष ने सर्वे को उपासना स्थल कानून का उल्लंघन बताते हुए स्थानीय कोर्ट के आदेश को खारिज करने की मांग उठाई है। मुस्लिम पक्ष की याचिका सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर टेंटेटिव लिस्ट में डाली गई है।

वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे का काम सोमवार को पूरा हो गया। जिस मकसद से मस्जिद परिसर का सर्वे कराया जा रहा था वह भी लगभग पूरा हो गया। बताया जा रहा है कि सर्वे टीम को परिसर के एक हिस्से में शिवलिंग नजर आया। सर्वे टीम में शामिल हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने तुरंत वाराणसी कोर्ट में आवेदन दिया। कोर्ट को बताया गया कि परिसर में शिवलिंग मिला है जो बहुत महत्वपूर्ण साक्ष्य है। सीआरपीएफ कमांडेंट को उस जगह को सील करने का आदेश देने की मांग की गई। सीनियर डिविजन के जज रवि कुमार दिवाकर ने वादी पक्ष के अधिवक्ता के प्रार्थना-पत्र पर सुनवाई करते हुए जिलाधिकारी को उस जगह को तत्काल सील करने का आदेश दिया।

वादी पक्ष के अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने कोर्ट में अर्जी देकर कहा है कि सोमवार को सर्वे के दौरान शिवलिंग मस्जिद कॉम्पलेक्स में पाया गया। यह महत्वपूर्ण साक्ष्य है। ऐसे में सीआरपीएफ कमांडेंट को आदेशित किया जाए कि वह इसे सील कर दें। जिलाधिकारी वाराणसी को आदेशित किया जाए कि वहां मुसलमानों का प्रवेश वर्जित कर दें। मात्र 20 मुसलमानों को नमाज अदा करने की इजाजत दी जाए और उन्हें वजू करने से भी तत्काल रोक दिया जाए। अदालत ने इसी आवेदन पर लगभग साढ़े 12 बजे कथित शिवलिंग जिस स्थान पर पाया गया, उसे अविलंब सील करने का आदेश दिया।

इस बीच ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में मस्जिद के सर्वे को जो चुनौती दी है उसपर मंगलवार को सुनवाई हो सकती है। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड की गई नोटिस के अनुसार, ज्ञानवापी मस्जिद के मामलों का प्रबंधन करने वाली समिति अंजुमन इंतेजामिया की याचिका पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई करेगी. इससे पहले चीफ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने ज्ञानवापी-शृंगार गौरी परिसर के सर्वेक्षण पर यथास्थिति बनाए रखने को लेकर अंतरिम आदेश पारित करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया था। हालांकि, चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ सुनवाई के लिए याचिका को सूचीबद्ध करने के बारे में विचार करने पर सहमत हो गई थी।

इस मामले में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने भी बड़ा बयान दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है, “बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर ज्ञानवापी में बाबा महादेव के प्रकटीकरण ने देश की सनातन हिंदू परंपरा को एक पौराणिक संदेश दिया है।” वहीं एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद थी, और मस्जिद रहेगी।

इस बीच कोर्ट से नियुक्त एडवोकेट कमिश्नर विशाल सिंह ने कहा है कि जो वस्तुस्थिति पाई गई है, वही रिपोर्ट में दिखाई जाएगी। न तो किसी के पक्ष में साक्ष्य बढ़ाया जाएगा और न ही घटाया जाएगा। बताया कि सर्वे के दौरान दोनों पक्षों ने शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण वातावरण में सहयोग प्रदान किया।

दावा किया जा रहा है कि सफाई के बाद पत्थर के नीचे दबा एक शिवलिंग मिला। इसकी ऊंचाई-चौड़ाई को लेकर भी अलग-अलग दावे हैं। हालांकि जिस पत्थर को शिवलिंग कहा जा रहा है मुस्लिम पक्ष के अनुसार वह फव्वारे का पत्थर है। यह वही स्थान है जहां हौज में वजू किया जाता है।

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