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हिमाचल प्रदेश: फैक्ट्री में ब्लास्ट से 6 महिला मज़दूरों की मौत, दोषियों पर हत्या का मुक़दमा दर्ज करने की मांग

हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में एक फैक्ट्री में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गयी और 12 अन्य झुलस गए हैं। फैक्ट्री में अवैध रूप से पटाखे बनाए जा रहे थे। जानकारी के मुताबिक मारे गए ज्यादातर लोग और घायल प्रवासी मजदूर हैं।
Himachal Pradesh
Image courtesy : Himachal Abhi Abhi

हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में एक फैक्ट्री में विस्फोट होने से मंगलवार को  दर्दनाक हादसे में  छह लोगों की मौत हो गयी और 12 अन्य झुलस गए हैं। एक वरिष्ठ जिला अधिकारी ने बताया कि फैक्ट्री में पटाखे बनाए जा रहे थे। यह घटना ऊना जिले के बाथू औद्योगिक क्षेत्र में हुई। जानकारी के मुताबिक मारे गए ज्यादातर लोग और घायल प्रवासी मजदूर हैं।

मज़दूर संगठन सेंटर ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) की हिमाचल प्रदेश इकाई ने ऊना जिला के बाथू-बाथड़ी में अवैध पटाखा फैक्टरी में ब्लास्ट में छः महिला मजदूरों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने  फैक्टरी मालिक, प्रबंधन, श्रम अधिकारी ऊना, उद्योग व बिजली विभाग के अधिकारियों पर हत्या का मुकद्दमा दर्ज़ करने की मांग की है। राज्य कमेटी ने मारे गए 6 मजदूरों के परिवार को 25 लाख, गम्भीर रूप से घायल 14 मजदूरों को 20 लाख व अन्य घायलों को 10 लाख रुपये मुआवज़ा देने की मांग की है।

हालाँकि हादसे के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा इसमें मुआवजे का एलान हुआ है। फैक्ट्री हादसे में जान गंवाने वालों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत  कोष से 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50,000 रुपये दिए जाएंगे।

सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने इस घटना के लिए प्रदेश सरकार, उद्योग, बिजली व श्रम विभाग को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि इस घटनाक्रम पर सीटू राज्य कमेटी 25 फरवरी को प्रदेशव्यापी प्रदर्शन करेगी। इस दिन सभी जिला मुख्यालयों पर सीटू के बैनर तले मजदूर प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा है कि श्रम विभाग के नाक तले श्रम कार्यालय ऊना के बिल्कुल नजदीक अवैध रूप से पटाखा फैक्टरी चल रही थी। फैक्टरी में बिजली का भी अवैध कनेक्शन था। काफी समय से यह गोरखधंधा चल रहा था। इसलिए फैक्टरी मालिक, प्रबंधन के साथ ही श्रम अधिकारी, उद्योग व बिजली विभाग के अधिकारियों पर तुरन्त एफआईआर दर्ज़ करके उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए व उन पर हत्या का मुकद्दमा दर्ज़ किया जाए। इस पूरे घटनाक्रम से साफ हो गया है कि उक्त फैक्टरी को प्रदेश सरकार व अधिकारियों का खुला संरक्षण था।

उन्होंने कहा है कि वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में अवैध गोरखधंधा व माफिया राज़ चल रहा है। मंडी के सुंदरनगर में अभी हाल ही में अवैध शराब के कारण सात लोगों की मौत हुई है। अब अवैध फैक्टरी के कारण छः मजदूरों को बेवजह अपनी जान गंवानी पड़ी है। इस सबसे यह स्पष्ट है कि ठेकेदारों व मालिकों को खुली छूट है। इससे आम जनता व मजदूरों का जीवन संकट में पड़ गया है व उन के जीवन की कोई गारंटी नहीं बची है। इस तरह गरीब आदमी सरकार की इस मिलीभगत के कारण अपनी जान गंवाने को मजबूर है।

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