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फ़िलिस्तीनी भूमि पर इज़रायल का अवैध क़ब्ज़ा और तोड़ फोड़ जारी

इज़रायली सैनिकों ने क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक में हेब्रोन और नब्लुस में कई तोड़ फोड़ अभियान चलाया वहीं इज़रायली अधिकारियों ने बेथलहम में अन्य अवैध बस्ती के निर्माण की घोषणा की।
फ़िलिस्तीनी भूमि पर इज़रायल का अवैध क़ब्ज़ा और तोड़ फोड़ जारी

इजरायल के अधिकारियों ने रविवार 14 मार्च को कब्जे वाले वेस्ट बैंक में दर्जनों डूनम (जमीन का माप) फिलिस्तीनी भूमि को जब्त करने की स्वीकृति दी है जिससे और भी अधिक अवैध इजरायली बस्ती के निर्माण और फिलीस्तीनी स्वामित्व वाली भूमि पर विस्तार के लिए मार्ग प्रशस्त हो गया। ये रिपोर्ट डब्ल्यूएएफए ने प्रकाशित किया है।

वॉल एंड सेटलमेंट रेसिस्टेंस कमीशन के बेथलहम कार्यालय के निदेशक हसन ब्रीजेह के अनुसार बेथलहम के ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण प्रांत के पास भूमि के बड़े हिस्से जो निजी तौर पर फिलिस्तीनियों के स्वामित्व में हैं वे निकट भविष्य में जब्ती और नए अवैध बस्ती के निर्माण के लिए इजरायली अधिकारियों के निशाने पर हैं।

उक्त भूमि जो कब्जे वाले दक्षिणी येरुशेलम के अवैध इजरायली बस्ती बीटर इलिट ए के नजदीक में स्थित है। इसे न केवल भविष्य के यहूदी बस्ती के लिए अतिरिक्त रिहाईशी यूनिट के निर्माण के लिए कथित तौर पर जब्त किया गया है बल्कि इजरायली बस्ती में रहने वाले लोगों के लिए अन्य सुविधाओं सहित विशेष इस्तेमाल के लिए इससे अलग करने के लिए किया गया है।

फिलहाल इजरायली सैनिकों ने फिलिस्तीनियों के स्वामित्व वाली ज़मीनों के विशाल भाग को नष्ट करते हुए कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों (ओपीटी) के अन्य हिस्सों में अवैध रूप से तोड़ फोड़ करने का अभियान चलाया और भविष्य के बस्ती संबंधित निर्माण के लिए स्थानांतरित कर दिया। सैनिकों ने कथित तौर पर हेब्रोन के दक्षिण में स्थित अल-थहेरिया शहर के पूर्व में खिरबत ज़नौटा गांव में फिलिस्तीनियों के स्वामित्व वाले ढ़ांचो को ध्वस्त कर दिया। इसी तरह के ऑपरेशन अवैध इजरायली बस्ती रहालिम के विस्तार के उद्देश्य से उत्तर पश्चिमी शहर नब्लुस के दक्षिण यित्मा और कबालान शहरों में भी एक दिन पहले किए गए थे।

कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों में इजरायली बस्ती अंतर्राष्ट्रीय कानून अर्थात चौथे जेनेवा कन्वेंशन का उल्लंघन है और इसे अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों के तहत एक युद्ध अपराध भी माना जाता है जो कब्जे वाली सरकार को उक्त भूमि पर अपने लोगों को स्थानांतरित करने और बसाने से रोकता है। इज़रायल दशकों से ऐसी अवैध बस्तियों के मनमाने, बेरोकटोक निर्माण में लगा हुआ है। विशेष रूप से 1990 के दशक की शुरुआत में संदिग्ध ओस्लो समझौते के बाद तेजी से हाल के वर्षों में इनका विस्तार किया गया है। विभिन्न अनुमानों के अनुसार कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्रों में अवैध इज़रायली निवासियों की संख्या 700,000-800,000 के बीच है।

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