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AIADMK सरकार के दौरान नागरिक आपूर्ति ठेकों में हुई अनियमित्ताओं से राजकोष को हुआ 2000 करोड़ रुपये का घाटा

दाल, ताड़ के तेल और चीनी के उपार्जन के लिए जारी हुए ठेकों से राज्य सरकार को अनुमानित तौर पर 2,028 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। चेन्नई स्थित भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ काम करने वाले संगठन अरप्पर इयक्कम (API) ने DVAC के पास एक विस्तृत शिकायत दर्ज की है।
AIADMK सरकार के दौरान नागरिक आपूर्ति ठेकों में हुई अनियमित्ताओं से राजकोष को हुआ 2000 करोड़ रुपये का घाटा
'प्रतीकात्मक फ़ोटो'

2016 से 2021 के बीच तमिलनाडु नागरिक आपूर्ति निगम (TNCSC) द्वारा जारी की गई निविदाओं की शर्तों में कुछ बदलाव होने से राज्य को 2000 करोड़ का नुकसान हुआ है। इस दौरान राज्य में AIADMK की सरकार थी। 

चेन्नई में स्थापित और भ्रष्टाचार के खिलाफ़ काम करने वाले संगठन अरप्पोर इयक्कम (API) ने इस मामले में "सतर्कता एवम् भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (DVAC)" के पास दोषियों के खिलाफ़ कार्रवाई करने के लिए अर्जी लगाई है। 

TNCSC के ऊपर 'क्रिस्टी फ्रिजग्राम इंडस्ट्री एंड कंपनीज़' और इससे जुड़ी कंपनियों के पक्ष में तुअर दाल, ताड़ के तेल और चीनी के उपार्जन की निविदा शर्तों में बदलाव करने का आरोप है। API ने इन कंपनियों को ब्लैकलिस्ट में डालने और इस घोटाले में शामिल लोगों के खिलाफ़ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। 

सार्वजनिक क्षेत्र की कुछ कंपनियों पर भी क्रिस्टी फ्रिजग्राम के साथ मिले होने का आरोप लगा है। इन सार्वजनिक कंपनियों में राज्य व्यापार निगम (स्टेट ट्रेड कॉरपोरेशन- STC) व खनिज और खनन व्यापार निगम (माइन्स एंड मिनरल्स ट्रेडिंग कॉरपोरेशन- MMTC) शामिल हैं।

क्रिस्टी समूह के पक्ष में हुईं बड़ी अनियमित्ताएं

DVAC को दी गई शिकायत में API ने TNCSC के अधिकारियों द्वारा क्रिस्टी फ्रिजग्राम इंडस्ट्री के पक्ष में किए गए कई उल्लंघनों को सूचीबद्ध किया है। संगठन ने सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर यह आरोप लगाए हैं।

API के संयोजक जयराम वेंकटेशन ने मांग रखी है कि "इन अनियमित्ताओं के लिए भ्रष्टाचार निवारक अधिनियम, तमिलनाडु ट्रांसपेरेंसी एक्ट, प्रतिस्पर्धा अधिनियम, वित्तीय नियमों और IPC की साजिश रचने, फर्जीवाड़े समेत दूसरी धाराओं के तहत मामला दर्ज होना चाहिए।"

दाल, ताड़ के तेल और चीनी से राज्य सरकार को अनुमानित तौर पर 2,020 करोड़ का नुकसान हुआ है। 

अपनी शिकायत में API ने TNCSC द्वारा किए गए कथित उल्लघंनों की सूची ज़मा की है। इनमें निविदा की शर्तों/पूर्व निर्धारित अर्हताओं में बदलाव, दूसरे प्रतिस्पर्धियों को दौड़ से बाहर करने की कार्रवाई, बाज़ार दर से काफ़ी ऊंची दर पर ठेका देने और न्यूनतम समयसीमा का उल्लंघन शामिल है।

MMTC, STC, केंद्रीय भंडार, NACOF जैसे सार्वजनिक उद्यमों-संस्थानों और TS कुमारस्वामी से जुड़ी कुछ कंपनियों पर भी साजिश में शामिल होने के आरोप हैं।

चीनी के ठेके की शर्तों में बदलाव होने से प्रतिस्पर्धी बाहर 

तमिलनाडु सरकार जरूरत के हिसाब से एक तय अंतराल पर 20,000 से 75,000 टन चीनी खरीदती रही है। 2019 तक निविदाओं में 10 से ज़्यादा नीलामी करने वाले शामिल होते थे, लेकिन निविदा की शर्तों में कुछ बदलावों के बाद बोली लगाने वालों की संख्या कम हो गई। 

निविदा शर्तों में बदलाव के पहले और बाद में बोली लगाने वालों की संख्या

जयराम कहते हैं, "बिना किसी वज़ह के निविदा के लिए जरूरी पूर्वानुभव बढ़ा दिया गया और एक ठेके के लिए '100 डिलिवरी प्वाइंट' की शर्त भी नियमों में शामिल कर दी गई। इन बदलाव के बाद जारी की गईं तीन निविदाओं में सिर्फ़ क्रिस्टी फ्रिजग्राम से जुड़ी कंपनियों ने ही हिस्सा लिया।"

2019 में नियमों में हुए बदलावों के बाद नीलामी में शामिल होने वालों की सूची

सरकार ने 2019 के बाद तीन निविदाओं के ज़रिए 14,50,00,000 किलो चीनी का उपार्जन किया है। 

जयराम का आरोप है, "निविदा में चीनी की ऊंची कीमतें रखकर और दूसरे प्रतिस्पर्धियों को बाहर करने से, राज्य को 256 करोड़ रुपये की चपत लगी है। क्रिस्टी समूह ने TNCSC अधिकारियों के साथ मिलकर इस पूंजी को विनियोजित किया है।"

'ताड़ के तेल की आपूर्ति में जरूरी अर्हताओं में किया गया फेरबदल'

API ने TNCSC के ऊपर क्रिस्टी समूह को फायदा पहुंचाने के लिए ताड़ के तेल की आपूर्ति में जरूरी पूर्वानुभव में बदलाव करने का आरोप लगाया है। जुलाई, 2019 में प्रकाशित की गई निविदा की अर्हता में फेरबदल कर, ठेका लेने की इच्छुक कंपनियों के लिए पिछले तीन सालों में 72 करोड़ के टर्नओवर की शर्त जोड़ दी गई। ऐसा इसलिए किया गया ताकि बोली लगाने वाले दूसरे लोगों को अलग किया जा सके।

तेल की आपूर्ति के लिए अर्हताओं में हुआ बदलाव

जयराम का आरोप है कि "निविदा की शर्तों में बदलाव से यह निश्चित किया गया कि सिर्फ़ दो तरह के बोली लगाने वाले शेष बचें। पहले वे लोग, जो क्रिस्टी फ्रिजग्राम से संबंधित हैं और दूसरी, वे कंपनियां जो क्रिस्टी फ्रिजग्राम की तरफ से छुपकर फर्जी बोली लगा रही हैं।"

जब हमने पूछा कि इस पूरे घटनाक्रम में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों का क्रिस्टी समूह के साथ क्या संबंध है, तो जयराम ने कहा, "सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने सिर्फ़ क्रिस्टी फ्रिजग्राम के साथ बायबैक एग्रीमेंट किया है और वह सिर्फ़ इन्हीं कंपनियों की तरफ से भागीदारी कर रही हैं।"

API द्वारा DVAC में लगाई गई शिकायत में कहा गया कि "निविदाओं में की गई इस हेराफेरी के ज़रिए क्रिस्टी समूह ने प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर कुलमिलाकर 56,56,00,000 बोरियों की आपूर्ति की है। अगर हर बोरी पर राज्य को 15.95 रुपये का नुकसान हुआ है, तो राजकोष को 902,13,20,000 करोड़ रुपये का घाटा लगा है।"

दाल के लिए दोबारा जारी की गईं निविदाओं से हुआ क्रिस्टी समूह का भंडाफोड़

API का आरोप है कि चीनी और ताड़ के तेल की तरह दाल की आपूर्ति के लिए भी निविदा की शर्तों को बदला गया। अनुभव में बदलाव किया गया, साथ ही सालाना टर्नओवर में TNCSC द्वारा बदलाव कर दूसरे बोली लगाने वालों को हटा दिया गया। 

DVAC में लगाई शिकायत में API ने 2014 के दाल उपार्जन ठेके में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों की सूची संलग्न की है। 2014 में 10 बोली लगाने वाले थे, जबकि निविदा में की गई शर्तों के बाद प्रतिस्पर्धियों की संख्या में कमी आ गई। 

2013 व 2014 में जारी किए गए ठेके और 2015 व 2017 में हुआ अनुमानित घाटा

जयराम कहते हैं, "सभी निविदाओं को देखते हुए लगता है कि क्रिस्टी फ्रिजग्राम समूह 2015 से अब तक 5,00,000 लाख मीट्रिक दाल TNCSC को दे चुका होगा। 5 लाख मीट्रिक टन पर, अगर बेहद सामान्य 15 रुपये किलो का घाटा भी लगे, तो आंकड़ा 750 करोड़ पहुंचता है।"

API के मुताबिक़ तुअर दाल के हालिया उपार्जन के लिए जारी किए गए ठेकों से क्रिस्टी समूह की गतिविधियां सामने आई हैं। 

जयराम कहते हैं, "क्रिस्टी फर्म ने टूटे छिल्के वाली दाल के लि निविदा में अपनी कीमत 143 से 147 रुपये प्रति किलो रखी थी। जब हमने मुख्यमंत्री और TNCSC को नए प्रबंध निदेशक को ख़त लिखा, तो उसके बाद निविदा को खारिज़ कर दिया गया और शर्तों में छूट के साथ एक नई निविदा निकाली गई।"

शर्तों में दी गई इस छूट से नीलामी में 11 बोली लगाने वालों को हिस्सा लेने का मौका मिला। क्रिस्टी फर्म से जुड़ी कंपनियों ने इस बार नई निविदा में बहुत कम कीमत डाली। इससे पहली निविदा में उनके द्वारा डाली गई ऊंची कीमतों पर शक जाता है। 

जयराम आरोप लगाते हुए कहते हैं, "क्रिस्टी फर्म की कंपनी रासी न्यूट्री फूड्स ने 20 दिन पहले तु्अर दाल के लिए प्रति किलो के हिसाब से 146.5 रुपये की कीमत निविदा में डाली थी, जबकि नई निविदा में कंपनी ने यह कीमत 87 रुपये किलो रखी है। इसी कंपनी ने पुरानी निविदा में कनाडाई पीली दाल के लिए 142 रुपये प्रति किलो की कीमत डाली थी, जबकि नई निविदा में कंपनी ने 78 रुपये प्रति किलो का मूल्य रखा है। जाहिर है उन्होंने खुद ही कबूला है कि पहले दाल पर कितनी ऊंची कीमत रखी जा रही थी, यह भ्रष्टाचार का सीधा सबूत है।"

न्यूज़क्लिक ने क्रिस्टी समूह के एक अधिकारी से प्रतिक्रिया लेने के लिए संपर्क किया, तो उन्होंने कहा कि फिलहाल कंपनी ने इन आरोपों पर जवाब ना देने का फ़ैसला किया है। 

API ने मुख्यमंत्री को ख़त लिखकर तत्कालीन खाद्यान्न मंत्री, TNCSC के प्रबंध निदेशक और IAS सुधादेवी के खिलाफ़ कार्रवाई करने और क्रिस्टी फ्रिजग्राम व इससे संबंधित फर्म को ब्लैकलिस्ट करने की अपील की है। 

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

Irregularities in Civil Supply Tenders Allegedly Cost Exchequer Rs 2,000 Crore During AIADMK Regime

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