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इज़रायल ने बनाई फ़िलिस्तीन की इब्राहिमी मस्जिद के आसपास के इलाक़े को क़ब्ज़ाने की योजना

कोरोना वायरस महामारी के बावजूद नेतन्याहू प्रशासन ने अपनी दमनकारी नीतियों और फ़िलिस्तीनी भूमि के अवैध अधिग्रहण को जारी रखा है।
इज़रायल

इज़रायल के अटॉर्नी जनरल अविचाई मंडेलब्लिट ने मंगलवार 21 अप्रैल को क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक में पुराने हेब्रोन शहर के मध्य में इब्राहिमी मस्जिद के आसपास के फ़िलिस्तीनी क्षेत्र को क़ब्ज़ा करने की सरकार की योजना को मंज़ूरी दे दी है।

इज़रायल के रक्षा मंत्रालय ने पिछले दिसंबर में इस योजना को मंज़ूरी दी थी। ये अंतिम निर्णय अब प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मंज़ूरी के लिए लंबित है।

क़ब्ज़ा की जाने वाली भूमि फ़िलिस्तीन इस्लामिक वक्फ़ और फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण की है और एक बार लागू होने के बाद शहर की प्रसिद्ध शुहादा स्ट्रीट की थोक बाज़ार को नष्ट कर दिया जाएग। इज़रायल की परियोजना यहूदी श्रद्धालुओं के लाभ के लिए इस मस्जिद के आसपास के क्षेत्रों का पुनर्निर्माण करना है।

चरम दक्षिणपंथी इज़रायलियों का दावा है कि मस्जिद पैट्रिआर्क की कब्र है। इज़रायल ने इस मस्जिद पर क़ब्ज़ा कर लिया है और इसे फ़िलिस्तीनी और यहूदी भागों में विभाजित किया है और सभी मौजूदा अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करते हुए यहूदियों को 1994 से मस्जिद के अंदर प्रार्थना करने की अनुमति दी है। साथ ही यह ओस्लो के समझौते का उल्लंघन करता है जो इसी साल फ़िलिस्तीन मुक्ति संगठन (पीएलओ) के साथ हस्ताक्षर किए गए थे।

पहले से हेब्रोन शहर के बीच में इज़रायल की एक अवैध बस्ती है जिसमें 800 अवैध इज़रायली लोग भारी सैन्य सुरक्षा घेरे में रहते हैं।

यरूशलेम के दक्षिण में स्थित हेब्रोन क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक में सबसे अधिक आबादी वाला फ़िलिस्तीनी शहर है जिसमें 2,00,000 से अधिक फ़िलिस्तीनी रहते हैं। हेब्रोन का पुराना शहर जिसमें इब्राहिमी मस्जिद शामिल है दो यूनेस्को का विश्व धरोहर स्थल है।

वक़्फ़ एवं धार्मिक मामलों के फ़िलिस्तीनी मंत्रालय ने फ़िलिस्तीनी समाचार एजेंसी डब्‌ल्यूएएफए की वेबसाइट पर जारी एक बयान में इस फ़ैसले की निंदा की और इसे अंतरराष्ट्रीय क़ानूनों और मुसलमानों के धार्मिक अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन बताया। इसने इस तथ्य की ओर भी इशारा किया है कि इज़रायल द्वारा इस तरह के कई उल्लंघन किए गए जिसके कई उदाहरण हेब्रोन में पाए गए हैं।

नेतन्याहू और बेनी गैंट्ज़ के बीच इज़रायल में नई यूनिटी गवर्नमेंट बनाने को लेकर हुए इस समझौते ने छह महीने तक के लिए नए क़ानूनों को लेकर लागू किए गए प्रतिबंध से फ़़िलिस्तीनी भूमि से संबंधित क़ानूनों को दूर रखा गया है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि इजरायल का जल्द ही फिलिस्तीनी भूमि के बड़े हिस्से पर क़ब्ज़ा करने का इरादा है।

 

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