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JNU: धरना-प्रदर्शन पर जुर्माना लगाने वाला नोटिस दो दिन के भीतर वापस

JNU में धरना-प्रदर्शन पर लगाम लगाने की कोशिश के तहत प्रशासन की तरफ़ से जारी किए गए नोटिफिकेशन को वापस ले लिया गया है, प्रशासनिक वजह से नोटिस को वापस लेने की बात कही गई है।
JNU

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने धरना प्रदर्शन करने वाले छात्रों के ऊपर भारी जुर्माना लगाने वाला नोटिफिकेशन दो दिन के भीतर ही वापस ले लिया। चीफ प्रॉक्टर के ऑफिस की तरफ़ से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि प्रशासनिक कारणों की वजह से JNU के छात्रों के अनुशासन (RULES OF DISCIPLINE) के लिए 28 फरवरी को जारी किए गए नोटिस को वापस ले लिया गया है।

28 फरवरी को जारी किए गए नोटिस में क्या था ?

नोटिस में कैंपस में धरना देने पर 20 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाने के साथ ही हिंसा में शामिल पाए जाने पर 30 हज़ार रुपये का जुर्माना या फिर दाखिला रद्द करने की बात कही गई थी।

इसके अलावा कई ऐसे नियम थे जिनका उल्लंघन करने पर 5 हज़ार से लेकर 50 हज़ार रुपये तक का जुर्माना लगाने की हिदायत दी गई थी।

अधिक जानकारी के लिए इसे भी पढ़ें : JNU: 'प्रतिरोध के गढ़' में धरने पर 'पहरा', लगेगा भारी जुर्माना

अब तक की अपडेट्स :

इस मामले में कल छात्रों ने ऑल ऑर्गेनाइजेशन मीटिंग बुलाई थी लेकिन छात्रों ने बताया कि इस बीच नए नोटिस के आ जाने की वजह से उस मीटिंग को रद्द कर दिया गया था। इसके साथ ही कुछ छात्रों से बातचीत कर पता चला है कि इस नोटिफिकेशन के विरोध में आज एक बड़ा प्रदर्शन होने वाला था लेकिन नोटिस के आ जाने की वजह से उसे भी वापस ले लिया गया।

छात्रों का क्या कहना है?

एक के बाद एक नोटिस के जारी होने पर छात्रों का कहना है कि 28 फरवरी को जारी किया गया नोटिस बहुत ही ग़लत तरीक़े से जारी किया गया था इसलिए उसे तुरंत वापस ले लिया गया साथ ही उनका कहना है कि इस मामले ने तूल पकड़ लिया था इसलिए प्रशासन को नोटिस वापस लेना पड़ा। हालांकि छात्रों ने अंदेशा जताया कि भविष्य में हो सकता है प्रशासन फिर से इसी तरह का कोई नोटिस जारी करे।

JNU अक्सर पूरे देश में छात्रों से जुड़े मुद्दों पर अपनी आवाज़ बुलंद करता रहा है, लेकिन आरोप है कि पिछले कुछ सालों में जिस तरह से प्रशासन छात्रों पर सख़्ती दिखा रहा है उससे छात्रों की बोलने की आज़ादी पर बंदिश लगती दिख रही है।

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