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जम्मू : बेड की कमी की वजह से कोविड-19 मरीज़ों का सीढ़ियों और पार्किंग लॉट में हो रहा इलाज

चेस्ट एंड डिसीज़ हॉस्पिटल से आ रही तस्वीरों ने प्रशासन के आधिकारिक बयान को झूठा साबित कर दिया है जिसमें कहा गया था कि क्षेत्र महामारी से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
जम्मू : बेड की कमी की वजह से कोविड-19 मरीज़ों का सीढ़ियों और पार्किंग लॉट में हो रहा इलाज
तस्वीर सौजन्य : रमन/जम्मू

गुरुवार जम्मू के चेस्ट डिसीज़ हॉस्पिटल के बाहर से आई तस्वीरों ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन के तर्क को ख़ारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था कि उनके पास कोविड-19 मरीज़ों के लिए पर्याप्त बेड हैं। इस तस्वीरों में बेड ख़ाली न होने की वजह से मरीज़ हॉस्पिटल के पार्किंग लॉट, सीढ़ियों और सड़क पर लेटे दिख रहे हैं। एक हफ़्ते पहले ही जम्मू-कश्मीर में बढ़ते मामलों के मद्देनज़र एलजी मनोज सिन्हा के ऑफिस ने कहा था कि क्षेत्र के पास पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन, दवाइयां और बेड मौजूद हैं।

कोविड मरीज़ों के तीमारदार 62 साल के सोमनाथ दबगोत्रा ने न्यूज़क्लिक को बताया कि जम्मू में हालात बेहद ख़राब हैं और प्रशासन जनता को गुमराह कर रहा है।

दबगोत्रा ने कहा, "सरकार लोगों को धोखा दे रही है। उन्हें इस तथ्य के बारे में उल्टा होना चाहिए कि उनके पास बिस्तर, ऑक्सीजन या वेंटिलेटर नहीं हैं। कम से कम लोगों को सच्चाई के बारे में पता होना चाहिए। हमें ख़ुद का ध्यान रखने और मरने के लिए छोड़ दिया जा रहा है।"

उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, वेंटिलेटर के साथ दो आईसीयू बेड और सीडी अस्पताल में 18 आइसोलेशन बेड उपलब्ध थे, जहां यह घटना हुई थी। एक डॉक्टर ने गुमनामी की शर्त पर कहा, “बेड की भारी कमी है और प्रशासन संख्या बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। उपलब्ध डेटा सही है, लेकिन मरीजों की आमद के कारण बिस्तर तेजी से भर रहे हैं।"


तस्वीर सौजन्य : रमन/जम्मू

बुधवार को, जम्मू में कोविड-19 मामलों में वृद्धि के मद्देनज़र सरकारी और निजी अस्पतालों में नियमित सर्जरी के स्थगन के आदेश जारी किए गए। जम्मू डिवीज़नल कमिश्नर राघव लंगर ने आदेश में कहा, "जम्मू डिवीजन में कोविड -19 महामारी की मौजूदा स्थिति को देखते हुए जो उपलब्ध संसाधनों के इष्टतम उपयोग की मांग करता है ताकि मौजूदा बुनियादी ढाँचे/स्वास्थ्य सुविधाओं का अतिव्यापी न हो, वैकल्पिक/नियमित सर्जरी को स्थगित करना आवश्यक है।" 

यह पहली ऐसी घटना नहीं है जिसने प्रशासन के दावों को उजागर किया है। बत्रा अस्पताल के नाम से मशहूर आचार्य श्री चंदर कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज (ASCOMS) अस्पताल में पांच दिन पहले चार कोविड-19 मरीजों की मौत हो गई, जो कथित तौर पर ऑक्सीजन की आपूर्ति में कमी के कारण थे। शुरू में, सरकार ने इनकार कर दिया था कि आपूर्ति में कोई समस्या थी। हालांकि, परिवार के सदस्यों ने सुझाव दिया कि ऑक्सीजन की अनुपलब्धता के कारण रोगियों की मृत्यु हो गई, इस मामले को देखने के लिए एक जांच समिति का गठन किया गया।

आदेश में कहा गया, "वित्तीय आयुक्त, स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा जम्मू और कश्मीर ने संभागीय आयुक्त जम्मू को जांच अधिकारी के रूप में नियुक्त किया है, जो कि 01.05 2021 को जम्मू के अचार्य श्री चंदर कॉलेज ऑफ़ मेडिकल साइंसेज एंड हॉस्पिटल में हुई घटना के बारे में पूछताछ करेंगे, जिसमें कथित तौर पर ऑक्सीजन की कमी के कारण उनकी मौत दर्ज की गई है।"

एक और उदाहरण में, जम्मू के लोकप्रिय जीएमसी अस्पताल में प्रबंधन मरीजों की आमद नहीं दे पाया। मरीजों के साथ जाने वाले प्रतिभागियों को मास्क और एहतियाती गियर के बिना वार्डों और अस्पताल के परिसर में घूमते देखा गया।

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, एक "रोगी का इच्छुक परिचर" अस्पताल द्वारा निर्धारित "क्षेत्र" में रह सकता है।

एक डॉक्टर ने गुमनामी की शर्त पर कहा, "अस्पताल के डॉक्टरों ने इस कमी को माना है। यह तीमारदार जो अपना ज़्यादातर समेय कोविड-19 मरीज़ों के साथ रहते हैं, ये वायरस के कैरियर हो सकते हैं, और इनकी वजह से पूरे अस्पताल में संक्रमण फैलने का ख़तरा है।"

गुरुवार को जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय ने प्रशासन को निर्देश दिया कि वे अपने घरों पर इलाज करा रहे रोगियों को ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त संख्या में नोडल अधिकारी नामित करें।

स्वास्थ्य सचिव को कोविड-19 अस्पतालों की संख्या, सरकारी और निजी, उपलब्ध बेड की संख्या, जिलेवार / शहरवार, केंद्र शासित प्रदेश को आवंटित रेमेडिसविर की मात्रा, रेमेडिसिर की सही मात्रा की पूर्ण जानकारी प्रस्तुत करने के लिए कहा गया था और आवश्यकता के संगत आंकड़ों के साथ प्रयोग किया जाता है।

सरकारी हलफनामे में दावा किया गया था कि अस्पतालों में बिस्तरों की कोई कमी नहीं है क्योंकि क्रमशः 1,354 और 1,708 (कुल 3062) कोविड-समर्पित बेड, 1,127 और 1,597 ऑक्सीजन बेड 227 और 111 ICU वेंटिलेटर बेड जम्मू और कश्मीर क्षेत्रों में मौजूद हैं।

जम्मू-कश्मीर में इस समय कुल 39,268 सक्रिय मामले हैं। 52 नई मौतों की वजह से कुल 2,510 लोगों की मौत हो चुकी है।

पीटीआई से इनपुट के साथ

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Jammu: COVID-19 Patients Treated on Staircases and Parking Lot Due to Shortage of Beds

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