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पत्रकार प्रशांत कनौजिया को यूपी पुलिस ने फिर किया गिरफ़्तार

एक्टिविस्ट और स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत कनौजिया को यूपी पुलिस ने उनके दिल्ली स्थित आवास से गिरफ्तार किया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने विभिन्न समुदायों में वैमनस्य फैलाने वाला ट्वीट किया है।
प्रशांत कनौजिया
फोटो: प्रशांत कनौजिया के फेसबुक वॉल से साभार

दिल्ली: एक्टिविस्ट और स्वतंत्र पत्रकार प्रशांत कनौजिया को एक बार फिर उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें साउथ दिल्ली स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया गया है। प्रशांत कनौजिया के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में विवादित ट्वीट को लेकर मुकदमा दर्ज कराया गया है।

यह मुकदमा हजरतगंज कोतवाली के दारोगा दिनेश कुमार शुक्ला ने दर्ज कराया है। एफआईआर के मुताबिक दिनेश कुमार का कहना है, 'प्रशांत कन्नौजिया ने अपने ट्वीट में कहा था कि राम मंदिर में शूद्रों, एससी और एसटी का प्रवेश निषेध रहेगा और सभी लोग एक साथ आवाज उठाएंगे।' उनके मुताबिक हिन्दू आर्मी के सुशील तिवारी की ख्याति को हानि पहुंचाने के उद्देश्य से पोस्ट किए गए थे।

एफआईआर के मुताबिक, 'इस प्रकार की आपत्तिजनक पोस्ट विभिन्न समुदायों में वैमनस्य फैलाने वाली, सामाजिक सौहार्द पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली और धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली है जिससे लोक प्रशांति भंग हो सकती है।' इसके बाद हजरतगंज कोतवाली में 153A, 153B, 420, 465, 468, 469, 500, 505 IT एक्ट आदि के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

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प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी की भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद ने आलोचना की है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा है, 'बहुजन पत्रकार प्रशांत कनौजिया की गिरफ्तारी उत्तर प्रदेश सरकार के तानाशाह रवैये का प्रमाण है। अब लोगों के लिखने पढ़ने और आवाज उठाने से सरकार को तकलीफ होने लगी है। हम लगातार आपातकाल के दौर से घिरते जा रहे हैं। तत्काल प्रशांत कनौजिया की रिहाई सुनिश्चित की जाय।'

गौरतलब है कि प्रशांत कनौजिया को उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले साल जून महीने में उनके घर से गिरफ्तार किया था। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर एक ट्वीट के साथ वीडियो पोस्ट की थी जिसमें एक महिला आदित्यनाथ से अपने प्रेम प्रसंग को लेकर बात कर रही है।

उस समय भी एक पुलिसकर्मी ने ही लखनऊ के हजरतगंज थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी। और प्रशांत पर आईटी एक्ट की धारा 66 और मानहानि की धारा (आईपीसी 500) लगाई गई थी। बाद में धारा 505 को भी जोड़ दिया गया था।

इस मामले को लेकर प्रशांत कनौजिया की पत्नी जगीशा अरोड़ा ने सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी के खिलाफ हेबियस कोर्पस के तहत पीटिशन डाली थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत कनौजिया को तत्काल जमानत पर रिहा करने के आदेश दे दिए थे। इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी। 

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