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"लॉकडाउन जनता से अन्याय और अमानवीय, हम पूरी ताक़त से करेंगे विरोध!" : पंजाब के किसान

"10 और 12 मई को दिल्ली की सीमाओं पर पंजाब से किसानों के बड़े जत्थे दिल्ली पहुँचेंगे व मोर्चा को मज़बूत किया जाएगा। कटाई का सीज़न ख़त्म हो गया है और अब अलग-अलग जत्थों में किसान दिल्ली की तरफ़ रवाना होंगे।"
किसान
फाइल फोटो

दिल्ली : केंद्र ,पंजाब और हरियाणा की सरकारों ने लॉकडाउन के कड़े प्रावधानों पर आपत्ति जताई है। बुधवार को किसान संगठनों ने कहा कि वाहनों के आवागमन संबंधी नए नियम उनके आंदोलन को कमज़ोर करने के लिए तैयार किए गए हैं।

बुधवार को सयुंक्त किसान मोर्चा के साथ जुड़े पंजाब के 32 किसान संगठनों की बैठक सिंघु बॉर्डर पर हुई। इस बैठक में सभी संगठनों के राज्य स्तर के मुख्य नेता मौजूद रहे। मीटिंग की अध्यक्षता अखिल भारतीय किसान सभा के नेता बलदेव सिंह निहालगढ़ ने की।

बैठक के बाद पत्रकार वार्ता में किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, "केंद्र सरकार कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ने में असफल रही है। सरकार नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं व मूलभूत सुविधा जैसे ऑक्सीजन, बेड, दवाइयां आदि प्रदान करने में फेल साबित हुई है। हालांकि भाजपा किसानों के धरनों को कोरोना फैलाने का बड़ा कारण बता रही है परंतु यहाँ किसान सभी ज़रूरी सावधानियां बरत रहे हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "सरकारें अपनी नाकामयाबी छिपाने के लिए व जन विरोधी फ़ैसले लेने के लिए लॉकडाउन लगा रही हैं। इससे किसानों, मज़दूरों, दुकानदारों व आम नागरिकों का जीवन बड़े स्तर पर प्रभावित हुआ है। पंजाब की 32 किसान यूनियनों का यह फ़ैसला है कि 8 मई को पंजाब भर में किसान, मज़दूर, दुकानदार बड़ी संख्या में सड़कों पर आकर लॉकडाउन का विरोध करेंगे।"

बूटा सिंह बुर्जगिल ने बताया कि 10 और 12 मई को दिल्ली की सीमाओं पर पंजाब से किसानों के बड़े जत्थे दिल्ली पहुँचेंगे व मोर्चा को मज़बूत किया जाएगा। बलदेव सिंह निहालगढ ने कहा, "कटाई का सीज़न ख़त्म हो गया है और अब अलग-अलग जत्थों में किसान दिल्ली की तरफ़ रवाना होंगे।"

किसान नेता सतनाम सिंह अजनाला के अनुसार कोरोना की आड़ में सरकार कॉरपोरेट वर्ग को फायदा करना चाहती है। उन्होंने कहा, "किसानों-मज़दूरों के शोषण संबंधी फ़ैसले लॉकडाउन में ही लिए गए।" बोघ सिंह मानसा ने कहा कि राज्यों के चुनावों में किसानों ने भाजपा का बड़े स्तर पर राजनैतिक नुकसान किया है।

किसान नेता हरिंदर सिंह लखोवाल ने कहा, "सरकार को जान माल का रखवाला कहा जाता है परंतु माल तो छोड़ो सरकार लोगों की जान की रखवाली भी नहीं कर रही।" बलविंदर सिंह राजू के अनुसार सरकार कोरोना की आड़ में शोषणकारी फ़ैसले लेती है व इसी दिशा में किसानों की ज़मीनें छीनना चाहती है।

किसान नेताओं ने कहा है कि वे सरकार से बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं व पूरी तरह से आशावादी हैं। उन्होंने कहा है, "सरकार किसानों को बदनाम करना बंद करे व साफ़ नीयत से बातचीत करे।"

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