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लुधियाना: PRTC के संविदा कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

पीआरटीसी के संविदा कर्मचारी अप्रैल का बकाया वेतन जारी करने और नियमित नौकरी की मांग को लेकर लुधियाना में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
workers strike
Image courtesy : Hindustan Times

लुधियाना में पंजाब रोडवेज के संविदाकर्मियों ने वेतन तथा अन्य मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया है। राज्यव्यापी विरोध के मद्देनजर इन कर्मचारियों ने बुधवार दोपहर शहीद सुखदेव थापर अंतरराज्यीय बस टर्मिनल पर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी, जिससे इस दौरान करीब 100 बसों का परिचालन प्रभावित रहा। वे परिवहन विभाग द्वारा संविदा कर्मचारियों का अप्रैल माह का वेतन जारी नहीं करने तथा नियमित नौकरी की मांग को लेकर विरोध कर रहे हैं।

पंजाब रोडवेज/पीआरटीसी संविदा कर्मचारी संघ के बैनर तले विरोध प्रदर्शन करते हुए संगठन ने कहा कि अगर सरकार उनकी मांगों को पूरा करने में विफल रहती है तो वे गुरुवार से परिचालन पूरी तरह से ठप कर देंगे।

संघ के प्रदेश महासचिव शमशेर सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि प्रदेश की नीतियों के कारण विभाग की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि इसके चलते करीब चार हजार संविदा कर्मचारियों को अप्रैल का वेतन नहीं मिला है।

हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए शमशेर सिंह ने कहा कि, “आम आदमी पार्टी (आप) ने संविदा कर्मचारियों को नियमित करने और यूनियन की अन्य मांगों को पूरा करने के बड़े-बड़े वादे किए लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नहीं किया गया। यूनियन के सदस्यों ने 11 मई को परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर से मुलाकात भी की थी लेकिन कोई हल नहीं निकला।”

सिंह ने आगे कहा कि, “हमने राज्य सरकार को बुधवार दोपहर तक अपनी मांगों को पूरा करने का अल्टीमेटम दिया था और कुछ भी हल न निकलने के बाद ये हड़ताल शुरू की गई। दोपहर से पहले निकली बसों को हड़ताल शुरू होने के बाद नजदीकी डिपो में रुकने को कहा गया।”

संघ के जिलाध्यक्ष सतनाम सिंह ने आरोप लगाया कि विभाग और राज्य सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने वालों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, “लुधियाना में लगभग 100 बसों का संचालन रुक गया और हड़ताल से राज्य भर में लगभग 1,700 बसों की आवाजाही प्रभावित हुई है। जब तक सरकार हमारी मांगें पूरी नहीं करती तब तक हड़ताल जारी रहेगी।”

हालांकि निजी और पीआरटीसी बसों का संचालन जारी था। रोडवेज की बसों की हड़ताल के चलते यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा और शेड्यूल में गड़बड़ी के कारण लंबे समय तक उन्हें इंतजार करने को मजबूर होना पड़ा।

ज्ञात हो कि अपनी मांगों को लेकर पंजाब रोडवेज, पनबस और पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने 30 अप्रैल को लुधियाना में बस स्टैंड पर राज्य स्तरीय बैठक की थी। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष रेशम सिंह गिल की अध्यक्षता में हुई बैठक में कर्मचारियों ने अपना आंदोलन तेज करने का फैसला किया था क्योंकि उनका आरोप था कि राज्य सरकार उनकी मांगों को पूरा करने में विफल रही है।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि राज्य में नई सरकार भी पिछली सरकारों के नक्शेकदम पर चल रही है और पीआरटीसी और पनबस के संविदा कर्मचारियों का शोषण कर रही है। उन्होंने तब कहा था कि वे सरकार से उनकी नौकरियों को नियमित करने, निष्कासित कर्मचारियों की नौकरी पर बहाल करने और सरकारी बस सेवा में 10,000 नई बसें जोड़ने आदि की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि वे अपनी मांगों को लेकर परिवहन मंत्री से मिले थे लेकिन कोई हल नहीं निकला।

अपने आंदोलन को तेज करने को लेकर चर्चा करते हुए यूनियन के सदस्यों ने कहा था कि मांग न माने जाने पर राज्य भर में बस स्टैंड 24 मई को दो घंटे के लिए बंद रहेंगे। उन्होंने कहा था कि 28 और 29 मई को सभी विधायकों और मंत्रियों को मांग पत्र दिए जाएंगे जबकि 6 जून को फिर से गेट रैलियां आयोजित की जाएगी। संविदा कर्मचारी 8 से 10 जून तक हड़ताल पर रहेंगे और 'चक्का जाम' करेंगे। वे तीन दिनों के दौरान बसें नहीं चलाएंगे। उन्होंने पंजाब के परिवहन मंत्री के आवास का घेराव करने का भी फैसला किया है।

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