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एमसीडी चुनाव: वाम वैकल्पिक राजनीति के साथ चुनावी मैदान में

वामदल अपने कामकाज के आधार पर सीमित सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, इनका उद्देश्य है कि निगम के इस चुनाव में मेहनतकश अवाम के मुद्दों को उठाया जाए और निगम में मज़बूत विपक्ष बनाया जा सके।
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दिल्ली नगर निगम की 250 सीटों पर कुल 1416 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। इनमें 17 उम्मीदवार संयुक्त वाम मोर्चा के भी हैं। दिल्ली राज्य चुनाव आयोग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसारजहां आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 250-250 उम्मीदवार खड़े किए हैंवहीं 439 निर्दलीय भी मैदान में हैं।

आंकड़ों से पता चलता है कि कांग्रेस ने 247 वार्डों मेंबहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 138, समाजवादी पार्टी (सपा) ने एक और जनता दल (यूनाइटेड) ने 23 सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं। जबकि वामदल अपने कामकाज के आधार पर सीमित सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैंइनका उद्देश्य है कि निगम के इस चुनाव में मेहनतकश अवाम के मुद्दों को उठाया जाए और निगम में मज़बूत विपक्ष बनाया जा सके।

संयुक्त वाममोर्चा के प्रत्याशी

दिल्ली नगर निगम चुनाव 2022 में वामपंथी उम्मीदवारों की सूची देखे तो सीपीआई (एम) कुल 6 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इनमें होलम्बी कलाँ वार्ड से शबनममुकुंदपुर वार्ड से शत्रुघन कुमारमीठापुर से लता तिवारी चुनाव मैदान में हैं। वहीं 2020 के दिल्ली दंगे में प्रभावित रहे मुस्तफाबाद वार्ड से जीनत ज़हरा और सभापुर वार्ड से अशोक पोद्दार मैदान में हैं, जबकि जनकरपुरी दक्षिण से रीना देवी को उम्मीदवार बनाया गया है।

इसी तरह सीपीआई ने तीन सीटों पर अपने प्रत्याशी दिए हैं। इनमें बवाना से सजदा बेगमकेशवपुरम से संजीव कुमार राणा और मधु विहार वार्ड से रिंकू देवी को चुनाव मैदान मे उतारा है।

इन निगम चुनाव में पाँच वार्डों से सीपीआई-एमएल (लिबरेशन) के प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें बाकनेर वार्ड से अनिल कुमार सिंहअशोक विहार वार्ड से सीता देवीलाडो सराय से जितेंदर कुमारसंगम विहार वार्ड से नौशाद और घरोली वार्ड से प्रियंका चौधरी चुनाव लड़ रही हैं।

इसके अलावा फॉरवर्ड ब्लॉक भी चुनाव मैदान में है। उसने तीन सीटों नांगलोई जाट से संगीतानिहाल विहार से रवि शंकर और बसंत कुंज से छनोवर अली को पार्टी का उम्मीदवार बनाया हैं।

हालांकि इन वाम दलों ने कुछ अन्य सीटों पर भी अपने प्रत्याशी दिए थे। लेकिन कम समय के चलते या अंतिम समय में नामांकन रद्द होने के कारण उन्हें चुनाव मैदान से हटना पड़ा।

चुनावी शोर में गुम होते मुद्दों को उठाता वाम

निगम चुनाव का रंग पर पूरी दिल्ली पर चढ़ रहा है। हर पार्टी अपने-अपने वादे और दावों को लेकर चुनाव मैदान में है। लेकिन वाम दल उन सवालों को भी उठा रहा है जिसे बाकी दल उठाने से बच रहे हैं। वाम दलनिगम की कूड़ा उठाने में विफलता और भ्रष्टाचार पर तो हमला बोल ही रहा है लेकिन वो साम्प्रदायिकता के सवाल और भाजपा की बुलडोजर राजनीति को भी मुद्दा बना रहा है। इसके साथ ही वो अपने चुनावी अभियान में बड़ी मजबूती से रेहड़ी-पटरी और निगम के सफाई कर्मचारियों की दुर्दशा पर सवाल कर रहा है।

दिल्ली के चुनाव में प्रमुख दल भाजपा जहां निगम के काम के सवालों से बच रही है क्योंकि पिछले डेढ़ दशक से निगम में भाजपा की सत्ता है। वहीं आप कूड़े के पहाड़ों पर तो राजनीति कर रही है लेकिन उसके भी अभियान से झुग्गियों पर चलते बुलडोजर गायब हैं। इसी तरह सार्वजनिक प्रचार मे रेहड़ी पटरी के सवाल पर भी 'आपउतनी मुखर नहीं दिखती है।

सीपीआई (एम) ने भाजपा की सांप्रदायिकता को भी चुनावी मुद्दा बनाया है और पहली बार दिल्ली दंगा प्रभावित मुस्तफाबाद वार्ड से उम्मीदवार उतारा है। पार्टी नेताओं का कहना है कि इसबार जनता जहां भाजपा के सांप्रदायिकता के खिलाफ है वहीं केजरीवाल और उनकी पार्टी के दोहरे चेहरे से नकाब उतार फेंकेगी।

दिल्ली दंगे के तुरंत बाद जब बड़े जनाधार वाले दल और उसके नेता घरों मे बैठे थे तब वाम दल स्थानीय स्तर पर छोटी ताकत होने के बावजूद लगातार मैदान मे उतरी और पीड़ितों की मदद की। वाम दलों ने दंगा पीड़ित परिवारों की न केवल आर्थिक मदद की बल्कि उनकी कानूनी मदद भी कर रही है। अभी कुछ दिनों पहले ही सीपीआई (एम) ने दंगा प्रभावित लोगों की मदद के लिए एक कौशल विकास केंद्र बनाया है जहां दंगा पीड़ित परिवारों के बच्चों को स्किल ट्रेनिंग दी जाएगी।

इसी तरह लेफ्ट पार्टी लगातार सीमित ताकत के साथ लगातार जनता के बीच जाती रही हैं। दिल्ली दंगे से लेकर जहांगीरपुरी हिंसा के बाद ग़ैरकानूनी तरीके से चल रहे बुलडोजर को रोकना हो या फिर कोरोना काल मे मजदूरों को मदद पहुंचाना।

इसी तरह सभापुर वार्ड 250 जो सोनिया विहार वार्ड का ही विस्तार है और ये दिल्ली का आखिरी वार्ड है जिसकी सीमा उत्तर प्रदेश से लगी हुई है। ये वार्ड विकास से आज भी कोसो दूर है। यहाँ से प्रत्याशी अशोक पोद्दार ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि पार्टी लगातार यहाँ संघर्ष में है। दिल्ली के कई बड़े इलाके सोनिया विहार वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से पानी पीते हैं लेकिन आज तक हमारे इलाके में पीने के पानी की सप्लाई घर में नहीं पहुंची है। इसी तरह यहाँ सीवर सफाई की बात तो दूर यहाँ अभी तक यहां सीवर पहुंचा ही नहीं है।

 आपकों बता दे 2004 में दिल्ली सरकार द्वारा निर्मित 635 MLD क्षमता का प्लांट भारत में सबसे बड़ा सिंगल फेज प्लांट था, जो अपशिष्ट जल पुनर्चक्रण के साथ पूरा हुआ, नई दिल्ली में 3.5 मिलियन लोगों को पानी की आपूर्ति करता है । लेकिन सोनिया विहार में पानी सप्लाई आजतक नहीं हुई है । 

अशोक बताते हैं कि भाजपा और केजरीवाल ने कई बार वादा किया लेकिन आज भी इस इलाके में निर्माण अवैध हैं जिसकी आड़ मे निगम और पुलिस दोनों जनता से उगाही करती है।

बुनियादी सवालों पर ज़ोर देता वाम !

सीपीआई-एमएल यानी भाकपा माले दिल्ली की पाँच निगम सीटों पर चुनाव लड़ रहा है। उसकी दिल्ली राज्य कमेटी की नेता श्वेता ने न्यूज़क्लिक से खास बातचीत में कहा कि निगम में सफाई एक बहुत ही अहम सवाल है और उसी सवाल से जुड़े हैं सफाई कर्मचारी जिनकी हालत ये है कि इन्हें कई महीनों तक सैलरी नहीं मिलती है। निगम मे लगातार ठेकाकरण बढ़ा है जिसने इनके शोषण को और बढ़ाया है। कोई भी पार्टी इनके सवालों को नहीं उठाती है इसलिए हमने इसबार लाडो सराय से एक सफाई कर्मचारी को अपना प्रत्याशी बनाया है। हम चाहते हैं निगम मे सफाई कर्मचारी की आवाज़ उठे और उनकी मांगों पर चर्चा हो।

इसके अलावा उन्होंने कहा कि दिल्ली मे सत्ताधारी भाजपा और केजरीवाल की पार्टी दोनों कहती हैं कि जहां झुग्गी वहाँ मकान लेकिन वो लगातार झुग्गियों पर बुलडोजर चला रही हैं।

दिल्ली में जहांगीर पूरी हिंसा के बाद पूरे दिल्ली में अतिक्रमण के नाम पर बुलडोजर चलाने का अभियान चला । जिसमें दिल्ली के गरीब रेहड़ी पटरी वालों के रोजगार को छीना और दुसरा गरीब प्रवासी मजदूरों को बेघर किया । दिल्ली में कोई भी पार्टी इस पर बोल नहीं रही हैं लेकिन वाम इसपर लगातार बोलता रहा है । जहांगीर पूरी हिंसा के बाद कोर्ट के आदेश के बाद भी जब बुलडोजर चलता रहा था वाम मोर्चे और सीपीआईएम की नेता बृंदा करात ने बुलडोजर को रूकवाया था । इस तरह धोबी घाट में लगातार बुलडोजर जाता है और उसका सामना भी वाम मोर्चे के लोग ही कर रहे है । इसके आलावा दिल्ली के अलग इलाकों में लगातार वाम कार्यकर्ता इस बुलडोजर राजनीति के खिलाफ़ मुखर लड़ाई लड़ते दिखते है । 

सीपीआईएम के दिल्ली सचिवमंडल सदस्य राजीव कुँवर ने न्यूजक्लिक से खास बातचीत मे बताया कि वाम दिल्ली नगर निगम में भाजपा के 15 साल के भ्रष्टाचार और कुशासन राज के खिलाफ लड़ रही है। अभी चुनावी मौसम मे भाजपा निगम के एकीकरण को अपनी उपलब्धि की तरह पेश कर रही है जबकि सच्चाई यह है कि भाजपा ने इससे अपने 15 साल की लूट पर पर्दा डालने का काम किया है। दिल्ली का नगर निगम देश का सबसे अधिक आमदनी वाल निगम है इसके बाद भी यहाँ कर्मचारियों को वेतन तक नहीं मिलता है।

सीपीआई (एम) के दिल्ली सचिव मंडल सदस्य राजीव कुँवर ने न्यूज़क्लिक से खास बातचीत में बताया कि वाम दिल्ली नगर निगम में भाजपा के 15 साल के भ्रष्टाचार और कुशासन राज के खिलाफ लड़ रहा है। अभी चुनावी मौसम में भाजपा निगम के एकीकरण को अपनी उपलब्धि की तरह पेश कर रही है जबकि सच्चाई यह है कि भाजपा ने इससे अपने 15 साल की लूट पर पर्दा डालने का काम किया है। दिल्ली का नगर निगम देश का सबसे अधिक आमदनी वाल निगम है इसके बाद भी यहाँ कर्मचारियों को वेतन तक नहीं मिलता है।

कुँवर ने बीजेपी पर भ्रष्टाचार का आरोप लागते हुए कहा कि बीजेपी ने निगम की योजना मे लगने वाले पैसों को भी निकालकर डेली यूज किया। यही नहीं उन्होंने कर्मचारियों के पेंशन के पैसों को भी गलत जगह इस्तेमाल किया। जोकि एक बड़े भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। भाजपा के भ्रष्टाचार ने ही दिल्ली मे प्राथमिक शिक्षा और स्वास्थ्य को ध्वस्त कर दिया है।

कुँवर ने बीजेपी पर जल्दबाजी में एकीकरण और फिर आनन-फानन मे अचानक चुनाव घोषणा को छोटे दलों के खिलाफ बताया और कहा बीजेपी और आप जैसी बड़ी पार्टी जिनके पास अकूत संसाधन हैं वो तो हर समय चुनाव के लिए तैयार रहती हैं परंतु हमारी जैसी छोटी पार्टी को कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यही वजह है कि बड़ी संख्या में इस बार उम्मीदवारों के नामांकन रद्द हुए हैं और हर वार्ड मे प्रत्याशियों की संख्या कम है।

इसके साथ ही उन्होंने केजरीवाल सरकार पर भी हमला बोला और उनके दावों को भी जुमला ही बताया। कुँवर ने कहा आज आप बड़े-बड़े दावे कर रही है लेकिन जो उसके पास काम है उन्हें ठीक से नहीं कर रही है। जब से केजरीवाल सत्ता में आए हैं तब से राशन कार्ड नहीं बन रहे है बल्कि पुराने कार्ड रद्द हो रहे हैं।

एमसीडी चुनाव के लिए मतदान चार दिसंबर को होगा और मतगणना सात दिसंबर को की जाएगी।

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