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मध्य प्रदेश : मर्दों के झुंड ने खुलेआम आदिवासी लड़कियों के साथ की बदतमीज़ी, क़ानून व्यवस्था पर फिर उठे सवाल

मध्य प्रदेश बाल अपराध और आदिवासियों के साथ होने वाले अत्याचार के मामले में नंबर एक पर है। वहीं महिला अपराधों के आंकड़ों को देखें तो यहां हर रोज़ 6 महिलाओं के साथ बलात्कार हो रहा है।
misbehaved with tribal girls

महिलाओं-बेटियों की सुरक्षा को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताने वाली मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार आए दिन इसी मामले को लेकर सबसे ज्यादा विपक्षियों के निशाने पर रहती है। सीएम शिवराज भले ही महिलाओं और लड़कियों के सुरक्षा के बड़े-बड़े वादे और दावे करते हों, लेकिन वास्तविकता में जमीन पर अपराध के मामलों में कहीं कोई कमी नहीं नज़र आती है। आए दिन प्रदेश का कोई न कोई महिला शोषण-उत्पीड़न मामला सोशल मीडिया से लेकर राष्ट्रीय अखबार, चैनलों की सुर्खी तो बन ही जाता है।

हाल ही में प्रदेश के अलीराजपुर का एक वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो में एक स्थानीय मेले में दो आदिवासी लड़कियों के साथ वहां पर मौजूद कुछ युवक छेड़खानी कर रहे हैं। इस वीडियो के वायरल होने के बाद जब शासन-प्रशासन पर सवाल उठने लगे तो पुलिस हरकत में आई और एक के बाद एक अब तक तीन लोगों को गिरफ़्तार कर लिया गया। फिलहाल पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।

बता दें कि देशभर में मध्य प्रदेश बाल अपराध और आदिवासियों के साथ होने वाले अत्याचार के मामले में नंबर एक पर है। वहीं महिला अत्याचारों में प्रदेश 5वें नंबर पर आता है। नेशनल क्राइम रिकोर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक़, प्रदेश में अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत 2,401 केस दर्ज किये गये थे। प्रदेश तीन साल से देश में नंबर एक पर मौजूद है। इससे पहले के साल के मुक़ाबले यह 20 प्रतिशत ज़्यादा रहा है। साल 2020 में दुष्कर्म के 2,339 केस दर्ज किए गए। इसके मुताबिक़ हर रोज़ 6 महिलाओं के साथ बलात्कार हो रहा है।

क्या है पूरा मामला?

हर साल होली से एक हफ़्ते पहले अलीराजपुर के अलग अलग इलाक़ों में भगोरिया मेले का आयोजन किया जाता है। यह एक तरह का हाट होता है जिसमें आप आदिवासी संस्कृति और उनके जीवन को क़रीब से देख सकते हैं। इसमें आदिवासी युवक- युवतियां अपने पारंपरिक परिधानों में सज कर आदिवासी संगीत और नृत्य भी प्रस्तुत करते हैं। इसी मेले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

खबरों के मुताबिक ये वीडियो शुक्रवार, 11 मार्च काे वालपुर गांव में लगे ‘भगोरिया मेले’ का है। वीडियो के विज़ुअल्स इतने परेशान करने वाले हैं कि हम आपके साथ वीडियो शेयर नहीं कर सकते नाही उसकी कोई पुष्टी कर सकते हैं। वीडियो में भीड़ है और भीड़ में शामिल कुछ लोग दिन-दहाड़े खुली सड़क पर दो लड़कियों का जबरन यौन उत्पीड़न कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर ये वीडियो वायरल हो रहा है। विपक्ष समेत आदिवासी अधिकारों के लिए काम करने वाले कई संगठनों ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।

वीडियो में क्या है?

वीडियो में दो अलग-अलग युवतियां दिखाई दे रही हैं। एक लड़की मेले में खड़ी एक गाड़ी के पीछे छिपने की कोशिश कर रही है, तो वहीं दूसरी लड़की पहली से कुछ कदम की दूरी पर है। दोनों के साथ वहां से गुज़र रही लड़कों की एक टोली दिन-दहाड़े खुलेआम बदतमीज़ी करती है और उन्हें खींचने की कोशिश करती है। भीड़ में कुछ लोग हुल्लड़ मचाने लगते हैं, कुछ मोबाइल निकाल कर वीडियो बनाने लगते हैं। इतने में एक लड़का पहली लड़की को खींचने लगता है और वो उसे लेकर चले जाते हैं।

मामले का वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने प्रारंभिक पड़ताल के बाद एक एफआईआर दर्ज की है। एसपी अलीराजपुर खुद इस मामले को देख रहे हैं। फिलहाल पुलिस को मिली जानकारी के मुताबिक वीडियो धार ज़िले के रहने वाले एक युवक ने बनाया था और अलीराजपुर के रहने वाले एक युवक ने इसे इंटरनेट पर अपलोड किया था।

पुलिस का क्या कहना है?

पुलिस ने ट्वीटर पर एक बयान जारी कर कहा है कि छेड़खानी करने वाले आरोपियों की पहचान कर ली गई है। हालांकि मीडिया को दिए बयान में पुलिस ने इस बात से इनकार किया है कि लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया है। उनका कहना है कि इस वक़्त जो गिरफ़्तारियां की गई है उनसे उनके साथ शामिल अन्य लोगों के बारे में जानकारी इकठ्ठा की जा रही है।

विपक्ष का क्या कहना है?

कांग्रेस के नेता केके मिश्रा ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया है और वो सरकार को इस वीडियो के ज़रिये निशाने पर ले रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर सवाल उठाते हुए कहा है कि प्रदेश में इस तरह बेटी बचाओ अभियान चल रहा है।

गौरतलब है कि बीते साल जनवरी में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध पर जागरूकता कार्यक्रम 'सम्मान' की शुरुआत करते हुए सीएम शिवरीज सिंह चौहान ने कहा था कि एक नयी व्यवस्था लायी जाएगी जिसके तहत काम के लिए अपने घर से बाहर जाने वाली किसी भी महिला को ख़ुद को स्थानीय पुलिस थाने में रजिस्टर कराना होगा और उसकी सुरक्षा के लिए उसे ट्रैक किया जाएगा। एक हेल्पलाइन नंबर दिया जाएगा और सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों में पैनिक बटन लगाया जाएगा। शिवराज के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर भी उनकी खूब खिंचाई हुए थी और लोगों ने उनके इस बयान को महिला विरोधी बताया था। दिल्ली स्थित मध्य प्रदेश भवन पर महिलाओं और छात्रों ने जोरदार प्रदर्शन भी किया था। तब सीएम शिवराज के बयान को शर्मनाक बताते हुए महिलाओं ने इसे सुरक्षा नहीं निगरानी बताया था।

बहरहाल, ये कोई नई बात नहीं है। बीजेपी और दूसरे के दलों के नेता समय-समय पर महिलाओं के प्रति ऐसी ही बेहूदा बयानबाज़ी करते रहे हैं। दरअसल यही पितृसत्तात्मक और मनुवादी सोच है। बहुत बीजेपी नेता और संघ कार्यकर्ता तो सीधे तौर पर मनुवादी सोच पर गर्व करते देखे गए हैं और उन्हें सार्वजनिक तौर से बढ़ावा देते दिखाई देते हैं। हालांकि ये विडंबना ही है कि देश में जिस पार्टी पर सबसे ज्यादा 'महिला विरोधी' होने का टैग लगता रहा है, महिलाओं का वोट भी सबसे ज्यादा उसी पार्टी को जाता रहा है।

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