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प्रयागराज: घर में सोते समय माता-पिता के साथ तीन बेटियों की निर्मम हत्या!

घटनास्थल को देखकर लग रहा था कि मरने से पहले सभी ने हमलावरों का प्रतिरोध किया था। चारों के शवों पर कपड़े अस्त-व्यस्त हो गए थे। इस वारदात को खुदकुशी का एंगल भी देने की कोशिश की गई है।
up murder case

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में एक ही परिवार के पांच लोगों की नृशंस हत्या से पूर्वांचल एक बार फिर दहल गया है। माता-पिता के साथ तीन बेटियों की निर्मम तरीके से हत्या की गई है, जिनमें पांच साल की एक मासूम बच्ची भी शामिल है। यह लोमहर्षक वारदात प्रयागराज के नवाबगंज इलाके की है। सभी की हत्या घर में सोते समय की गई। प्रयागराज पुलिस अभी तक यह बता पाने की स्थिति में नहीं है कि सामूहिक हत्याकांड की वजह क्या है? फिलहाल पुलिस इस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है। इससे पहले भी इस इलाके में सामूहिक हत्याकांड के मामले सामने आ चुके हैं।

प्रयागराज जिले के नवाबगंज के खागलपुर गांव में राहुल तिवारी (42) अपनी पत्नी प्रीति तिवारी (38) और तीन बच्चों माही (12), पीहू (8) और कोतू (5) के साथ किराये पर कमरा लेकर रहते थे। राहुल तिवारी मूलत: कौशांबी के भरवारी के रहने वाले थे। वे दुधारू पशुओं का कारोबार करते थे। शनिवार की सुबह जब कमरे में कोई हलचल नहीं हुई तो पड़ोसियों ने दरवाजा खटखटाया। सबसे पहले राहुल के पड़ोसी दादू ने खिड़की की झिर्री से शवों को देखा। तीनों बच्चों का शव क्षत-विक्षत हालत में बेड पर पड़ा था। बच्चों के पास पत्नी प्रीति का शव भी था। पति फांसी के फंदे पर झूल रहा था। हत्या के दौरान खून की छीटें दीवारों और कमरे फैली थीं। उन्होंने फौरन एक अन्य किराएदार संदीप के अलावा पुलिस को वारदात की जानकारी दी।

हत्या में प्रयुक्त हथियार बरामद

शुक्रवार की रात में राहुल परिवार के साथ खाना खाने के बाद सो रहे थे। मौका-ए-वारदात को देखकर लग रहा था कि मरने से पहले सभी ने हमलावरों का प्रतिरोध किया था। चारों के शवों पर कपड़े अस्त-व्यस्त हो गए थे। महिला के पैरों में और तकिया में भी खून लगा था। चौंकाने वाली बात ये है कि बाथरूम में फंदे पर झूल रहे राहुल के शरीर पर जख्म तो नहीं दिख रहे, लेकिन बनियान और हाथ में खून के निशान दिख रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक वारदात को अंजाम देने के बाद राहुल को फांसी पर लटकाया गया था, जिससे इसे सुसाइड करार दिया जा सके।

वारदात की सूचना मिलने के कुछ ही देर बाद फारेंसिक टीम और और डॉग स्क्वायड भी मौके पर पहुंचे, लेकिन पुलिस हत्यारों का सुराग नहीं लगा सकी। इस जघन्य हत्‍याकांड की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। पुलिस ने घटना में इस्तेमाल किए गए फावड़े को घर के पास से बरामद कर लिया है। मौके पर जिले के सभी आला अफसर और कई थानों की पुलिस मौजूद है। प्रयागराज के एसएसपी अजय कुमार और गंगापार के एसपी अभिषेक अग्रवाल भारी पुलिसबल के साथ मौके पर पहुंचकर पड़ताल में जुट गए हैं। इस सनसनीखेज वारादात से दहशत का माहौल है।

ससुरालियों से था विवाद

एसएसपी अजय कुमार कहते हैं, "राहुल की बहन ने आरोप लगाया है कि उसके भाई का अपने ससुराल वालों के साथ काफी समय से विवाद चल रहा था। राहुल ने सभी की हत्या कर खुद ही फांसी लगाई है अथवा सुनियोजित ढंग से सभी हत्या की गई है, पुलिस सभी एंगल से घटना की जांच-पड़ताल कर रही है। तफ्तीश के लिए सात टीमें बनाई गई हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद स्थिति साफ हो पाएगी।"

पूर्वांचल में प्रयागराज का गंगापार इलाका अपराधियों और सामंतों का गढ़ माना जाता है। एक ही परिवार के चार लोगों की हत्या की घटना यहां कोई नई बात नहीं है। साल 2018 में होलागढ़ थाना क्षेत्र के बरई हरख गांव के शुकुलपुर मजरे में कुछ दिनों पहले विमलेश पांडेय और उनके बेटे-बेटी समेत चार लोगों की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। नवाबगंज इलाके में दो वर्ष पहले भी एक ही परिवार के चार सदस्यों की धारदार हथियार से गला रेत कर हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया था। ऐसे में एक बार फिर से उसी इलाके में एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या को लेकर इलाके में जबरदस्त आक्रोश है।

पुलिस पर खड़े हो रहे सवाल

प्रयागराज में करीब पांच महीने पहले एक ही परिवार के चार लोगों की कुल्हाड़ी से काट डाला गया था। मृतकों में पति (50), पत्नी (45), 17 साल की बेटी और 10 साल का बेटा शामिल थे। घटना फाफामऊ थाना क्षेत्र के मोहनगंज फुलवरिया इलाके में हुई थी। आरोप लगा था कि इस घटना में औरतों के साथ गैंगरेप भी हुआ था।

प्रयागराज में ही दो साल पहले एक परिवार के 5 लोगों की गला काटकर हत्या कर दी गई थी। मृतकों में परिवार का मुखिया, उनके बेटे-बहू और तीन और सात साल के दो बच्चे शामिल थे। यह घटना गंगापार के सोरांव के युसूफपुर गांव में हुई थी। यहां भी घर में विजय शंकर तिवारी (58), उनके बेटे सोनू तिवारी (32), बहू सोनी तिवारी (28) और दो पोते कान्हा (7) और कुंज (3) का खून से सनी लाशें पाई गई थी। सभी की हत्या गला काटकर की गई थी।

साल 2018 को नवाबगंज थाना क्षेत्र के शहावपुर उर्फ पसियापुर गांव में सुशीला देवी व उनके दो बेटे सुनील व अनिल की नृशंस हत्या कर दी गई थी। इसी तरह सोरांव थाना क्षेत्र के बिगहियां गांव में सरकारी कर्मचारी कमलेश देवी, उसकी बेटी, दामाद प्रताप नरायण के साथ उसके नाती विराट की नृशंस हत्या की गई थी। एक माह बाद पुलिस ने पट्टीदार व रिश्तेदार को हत्यारोपित बनाकर जेल भेज दिया। पर्दाफाश को लेकर पुलिस के ऊपर सवालिया निशान लगे थे। इससे  पहले नवाबगंज थाना क्षेत्र के शहावपुर गांव में मक्खन गुप्ता, उनकी पत्नी मीरा देवी, बेटी वंदना व निशा की सामूहिक हत्या हुई थी। इस वारदात में पुलिस ने जिन लोगों को जेल भेजा था वो सभी बेकसूर निकले थे।

23 अप्रैल 2017 को नवाबगंज थाना क्षेत्र के शहावपुर गांव में मक्खन गुप्ता, उनकी पत्नी मीरा देवी, बेटी वंदना व निशा की सामूहिक हत्या कर दी गई  थी। मार्च 2017 में थरवई थाना क्षेत्र के पडि़ला महादेव मंदिर पर शिवरात्रि मेले के दौरान राजस्थान से आए एक दंपती और उसकी बेटी को जिंदा जलाकर मार डाला गया था। दंपती यहां अक्सर आकर मेले में गुब्बारा व खिलौने का सामान बेचते थे। कई महीने बाद पुलिस ने अभियुक्तों को गिरफ्तार किया।

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