Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

राष्ट्रपति चुनाव: विपक्षी दल एकजुट होकर बदल सकते हैं पूरा गणित

अगले महीने जुलाई में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं, ऐसे में सभी राजनीतिक दल जोड़-तोड़ में जुट गए हैं।
rastrapati bhawan

देश में राष्ट्रपति चुनावों को लेकर बिसात बिछने लगी है। हर बड़ी पार्टी के वरिष्ठ नेता क्षेत्रीय दलों से संपर्क साधने में जुट गए हैं, क्योंकि भाजपा वाली एनडीए और कांग्रेस वाली यूपीए... दोनों के पास चुनाव जीतने के लिए पर्याप्त वोट वैल्यू नहीं है। हालांकि एनडीए के पास राज्यसभा और लोकसभा और विधानसभा मिलाकर नेता ज्यादा हैं, ऐसे में उसका पलड़ा ज्यादा भारी लग रहा है, लेकिन अगर पूरा विपक्ष मिल गया और यूपीए के साथ आ गया तो पूरा खेल पलट भी सकता है।

ख़ैर... पहले ये जानते हैं कि विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार कौन हो सकता है? धीरे-धीरे पं बंगाल की सत्ता से केंद्र की ओर बढ़ने की फिराक में लगी ममता बनर्जी ने मोर्चा संभालने की कोशिश की है। उन्होंने सभी विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी, जिसमें एनसीपी चीफ शरद पवार का नाम आगे किया जा रहा था, लेकिन शरद पवार ने फिलहाल ये कहकर राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया कि उन्हें अभी राजनीति में सक्रिय रहना है।    

शरद पवार के मना करने के बाद ममता बनर्जी की ओर से फारूक अब्दुल्ला के नाम पर भी चर्चा हुई। हालांकि, बैठक में मौजूद  उमर अब्दुल्ला ने उनके नाम का विरोध किया और कहा- इसमें उनके नाम की चर्चा नहीं करनी चाहिए। सूत्रों की मानें तो ममता ने दो नाम सुझाए हैं, इनमें एक महात्मा गांधी के पोते गोपाल कृष्ण गांधी और दूसरा नाम फारूक अब्दुल्ला का है। इसके अलावा, अन्य की तरफ से एनके प्रेमचंद्रन का नाम भी सुझाया गया है।

इस बैठक में समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव, कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला, महबूबा मुफ्ती समेत लगभग सभी विपक्षी पार्टियों के नेता शामिल हुए थे। जिसमें फिलहाल कोई नाम तय नहीं हो सका था, लेकिन बैठक में ये ज़रूर कहा गया कि एक बैठक फिर की जाएगी और विपक्षी खेमों की सर्वसम्मति से एक ही नाम का चुनाव किया जाएगा।

आपको बता दें कि एनडीए और भाजपा के खिलाफ विपक्षियों को साथ लेकर चलने की ज़िम्मेदारी ममता बनर्जी, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे और शरद पवार पर है।

वहीं राष्ट्रपति चुनावों में हमेशा किंगमेकर की भूमिका निभाने वाली बीजेडी ममता बनर्जी द्वारा बुलाई मीटिंग में शामिल नहीं हुई थी, जिससे ये कहा जा सकता है कि नवीन पटनायक एनडीए को समर्थन दे सकते हैं। हालांकि उन्होंने एक शर्त ज़रूर रख दी है। बीजेडी के सूत्रों ने एनडीए की ओर से चर्चा में चल रहे द्रौपदी मुर्मू को लेकर कहा है कि इनके नाम को यदि आगे बढ़ाया जाता है तो फिर हमारे लिए उनका विरोध करना मुश्किल होगा। दरअसल द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से आती हैं और ओडिशा में ही उनका जन्म हुआ था। यही नहीं साल 2000 में भाजपा और बीजेडी की गठबंधन सरकार में वह ओडिशा की मंत्री भी थीं। ऐसे में राज्य और आदिवासी नेता के नाम पर बीजेडी विरोध नहीं करना चाहेगी।

कौन कितना मज़बूत?

इस साल यानी 2022 में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव 16वें चुनाव होंगे।

इस साल के चुनाव में इलेक्टोरल कॉलेज यानी निर्वाचन मंडल में 4809 सदस्य होंगे। इनमें राज्य सभा के 233, लोकसभा के 543 और विधानसभाओं के 4033 सदस्य होंगे।

वोटिंग के दौरान हर संसद सदस्य और विधानसभा सदस्य की वोट की वैल्यू होती है।

इस बार हर संसद सदस्य के हर वोट की क़ीमत 700 तय की गई है। हर राज्य के विधानसभा सदस्यों के वोटों की क़ीमत उस राज्य की जनसंख्या पर निर्भर होती है।

जैसे उत्तर प्रदेश में हर विधानसभा सदस्य के वोट का वेटेज 208 होगा जबकि मिज़ोरम में आठ और तमिलनाडु में 176, विधानसभा सदस्यों के वोटों का कुल वेटेज 5,43,231 होगा।

संसद के कुल सदस्यों के वोटों का वेटेज 543,200 है यानी इलेक्टोरल कॉलेज में शामिल सभी सदस्यों के वोटों का वेटेज 10,86,431 है।

माना जाता है कि 10.86 लाख के वेटेज वाले इलेक्टोरल कॉलेज में भाजपा और साथी दलों के पास 50 प्रतिशत से कम वोट हैं और अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए उन्हें वायएसआर कांग्रेस और बीजेडी जैसे दलों की ज़रूरत पड़ेगी।

पिछले दिनों 16 सीटों के लिए चार राज्यों में हुए राज्यसभा चुनाव में भाजपा के खाते में आठ सीटें आईं। जबकि एक निर्दलीय उनकी मदद से जीता।

आपको बता दें कि भारत में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को ख़त्म हो जाएगा। ऐसे में संविधान के मुताबिक नए राष्ट्रपति का चुनाव उससे पहले होना ज़रूरी है। इसी को देखते हुए चुनाव आयोग ने 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव कराने की घोषणा की है।

  • राष्ट्रपति चुनाव की आधिकारिक अधिसूचना निकाली जाएगी 15 जून को. इस दिन से चुनाव के लिए नामांकन भरा जा सकेगा।
  • 29 जून को नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख होगी.
  • 30 जून को नामांकनों की जांच होगी।
  • 2 जुलाई तक नामांकन वापिस लिए जा सकेंगे।
  • 18 जुलाई को वोटिंग होगी।
  • 21 जुलाई को मतों की गिनती होगी।

फिलहाल एक ओर जहां भाजपा क्षेत्रीय दलों को साधकर अपने वोट पूरे करने में जुटी है, तो विपक्षी दल इकट्ठा होकर एक मज़बूत उम्मीदवार ढूंढने में लगे हैं, ताकि सत्ताधारी पार्टी और उनके घटक दलों को मात दी जा सके।

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest