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स्कीम वर्करों की देशव्यापी हड़ताल 24 सितंबर को

आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हैल्पर्स यूनियन सम्बन्धित सीटू ने अपने बयान में बताया कि अखिल भारतीय आह्वान के तहत 24 सितंबर को हिमाचल प्रदेश में भी पूर्ण हड़ताल की जाएगी। 
nationwide strike of scheme workers
फाइल फोटो

देशभर की स्कीम वर्करों ने संयुक्त रूप से 24 सितंबर को देशव्यापी एक दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है। स्कीम वर्कर में मुख्यतः आंगनवाड़ी, आशा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और मिड डे मील कर्मी शामिल हैं। इस हड़ताल का आह्वान अखिल भारतीय संयुक्त समिति ने किया है। इसको लेकर ही हर राज्य में स्कीम वर्कर तैयारी कर रहे हैं। आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हैल्पर्स यूनियन सम्बन्धित सीटू ने अपने बयान में बताया कि अखिल भारतीय आह्वान के तहत 24 सितंबर को हिमाचल प्रदेश में पूर्ण हड़ताल करेगी। इस दौरान सभी आंगनबाड़ी केंद्र बन्द रहेंगे व शिमला, रामपुर, रोहड़ू, ठियोग, बसंतपुर, सोलन, अर्की, नालागढ़, पौंटा साहिब, शिलाई, सराहन, संगड़ाह, मंडी, जोगिन्दरनगर, सरकाघाट, करसोग, बंजार, आनी, झंडूता, हमीरपुर, नादौन, धर्मशाला, पालमपुर, देहरा, चम्बा, चुवाड़ी, ऊना, गगरेट आदि स्थानों पर योजनाकर्मी अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरकर जबरदस्त प्रदर्शन करेंगे। 

यूनियन अध्यक्षा नीलम जसवाल व महासचिव वीना शर्मा ने अपने एक संयुक्त बयान में कहा है कि आंगनबाड़ी कर्मी– प्री प्राइमरी में सौ प्रतिशत नियुक्ति, इस नियुक्ति में 45 वर्ष की शर्त खत्म करने, सुपरवाइजर नियुक्ति के लिए भारतवर्ष के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्विद्यालय की डिग्री को मान्य करने, वरिष्ठता के आधार पर मेट्रिक व ग्रेजुएशन पास की सुपरवाइजर में तुरन्त भर्ती करने, सरकारी कर्मचारी के दर्जे, हरियाणा की तर्ज़ पर वेतन देने, रिटायरमेंट की आयु 65 वर्ष करने की मांग, नन्द घर बनाने की आड़ में आईसीडीएस को वेदांता कम्पनी के हवाले करके निजीकरण की साज़िश, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर,  पोषण ट्रैकर ऐप व  तीस प्रतिशत बजट कटौती– के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगे।

उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर आईसीडीएस का निजीकरण किया गया व आंगनबाड़ी वर्कर्स को नियमित कर्मचारी घोषित न किया गया तो आंदोलन और तेज़ होगा। 

इसके साथ ही उन्होंने नई शिक्षा नीति को वापिस लेने की मांग की है क्योंकि यह आइसीडीएस विरोधी है। नई शिक्षा नीति में  वास्तव में आइसीडीएस के निजीकरण का छिपा हुआ एजेंडा है। आईसीडीएस को वेदांता कम्पनी के हवाले करने के लिए नंद घर की आड़ में निजीकरण को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इससे भविष्य में कर्मियों को रोज़गार से हाथ धोना पड़ेगा। 

यूनियन नेताओं ने केंद्र सरकार से वर्ष 2013 में हुए पैंतालीसवें भारतीय श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार आंगनबाड़ी कर्मियों को नियमित करने की मांग की है। साथ ही आंगनबाड़ी कर्मियों को हरियाणा की तर्ज़ पर वेतन और अन्य सुविधाएं दी जाएं। उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए पेंशन, ग्रेच्युटी, मेडिकल व छुट्टियों की सुविधा लागू करने की भी मांग की है।

उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों को वर्ष 2013 के नेशनल रूरल हेल्थ मिशन के तहत बकाया राशि का भुगतान तुरन्त करने की मांग की है। इसके अलावा मांग की है कि प्री प्राइमरी कक्षाओं व नई शिक्षा नीति के तहत छोटे बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा आंगनबाड़ी वर्कर्स को दिया जाए क्योंकि वे काफी प्रशिक्षित कर्मी हैं। इसकी एवज़ में उनका वेतन बढाया जाए व उन्हें नियमित किया जाए। 

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