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चंदौली: कोतवाल पर युवती का क़त्ल कर सुसाइड केस बनाने का आरोप

"यूपी में पुलिस हत्यारी बन चुकी है। निरंतर निर्दोष नागरिकों की बीजेपी सरकार द्वारा प्रायोजित हत्या हो रही है। चंदौली में घर में घुसकर पुलिसकर्मियों द्वारा दो बेटियों की बर्बर पिटाई में एक बेटी की मृत्यु, अत्यंत दुखद है। दोषी पुलिसकर्मियों पर हो हत्या का केस, मिले कठोरतम सजा।"
chandauli
जख्मी गुंजा का बयान दर्ज करते अफसर

18 वर्षीया गुंजा जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रही है। इसे जब भी होश आता है, उसकी आंखें बड़ी बहन निशा यादव उर्फ गुड़िया को (22) तलाशने लगती हैं। आरोप है कि चंदौली जिले की सैयदराजा थाना पुलिस ने निशा को एक मई 2022 की शाम पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया था। इस लड़की का गुनाह सिर्फ इतना था कि इसके पिता कन्हैया यादव के नाम पुलिस ने हिस्ट्रीशीट खोल रखी थी और प्रशासन ने उसे जिलाबदर कर दिया था। दबिश के बहाने पुलिस आए दिन कन्हैया के घर पर धमक जाती थी और मारपीट व गाली-गलौज कर लौट जाती थी। एक मई की शाम भी कोतवाल दबिश देने के बहाने कन्हैया के घर पहुंचे। पुलिस इस बात से वाकिफ थी कि घर पर सिर्फ दो जवान लड़कियां ही होंगी। आरोपों के मुताबिक पुलिस मौके पर पहुंची और उन पर जुल्म ढाना शुरू कर दिया। विरोध करने पर कन्हैया की बेटी गुंजा और निशा पर भी पुलिस ने खूब लाठियां चटकाई। जिससे निशा की तत्काल मौत हो गई और गुंजा अस्पताल में जिंदगी व मौत से एक-एक सांस के लिए लड़ रही है। उसकी दशा काफी गंभीर बनी हुई है।

imageगमगीम परिजन और उनके शुभचिंतक

अब तक मिली सूचना के मुताबिक, यूपी के चंदौली जिले में पुलिस का अमानवीय चेहरा उस समय सामने आया जब सैयदराजा थाने के कोतवाल उदय प्रताप सिंह हमराहियों के साथ जिलाबदर किए गए कन्हैया को पकड़ने के बहाने अचानक मनराजपुर गांव में पहुंचा। घटना की शाम कन्हैया की दो जवान बेटियां निशा और गुंजा खाना बनाने की तैयारी कर रही थीं। तभी पुलिस वाले वहां पहुंचे और राइफल के बटों से दरवाजों पर चोट करना शुरू कर दिया। अंततः पुलिस ने दरवाजा तोड़ा डाला और जबरिया घर में घुस गए। आरोप है कि कोतवाल की नजरें निशा को ढूंढ रही थीं। वह निशा की तरफ बढ़ा तो दोनों बहनों ने घर से बाहर ढकेलने का प्रयास किया, जिससे कोतवाल उदय प्रताप सिंह अपना आपा खो बैठा और दोनों लड़कियों पर लाठियां तोड़नी शुरू कर दी। पुलिस ने निशा और गुंडा को कथित रूप से करीब चालीस मिनट तक घर में दौड़ा-दौड़ाकर बेरहमी से पीटा। आस पास के लोगों का आरोप है कि कोतवाल के साथ गए हमराहियों ने लड़कियों को पकड़ा और कोतवाल दोनों को तब तक लाठियों से पीटता रहे जब वह बेसुध होकर जमीन पर नहीं गिर गईं।

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, दोनों लड़कियां बेहोशी की हालत में जमीन पर पड़ी थीं और पुलिस लगातार डंडे बरसाए जा रही थी। बीच-बीच में पुलिस वाले दोनों लड़कियों की नब्ज भी टटोल रहे थे कि वो जिंदा हैं या फिर उनकी मौत हो गई है। सैयदराजा के कोतवाल उदय प्रताप सिंह के होश तब उड़ गए जब निशा की गर्दन एक तरफ लुढ़क गई और उनकी धड़कन भी बंद हो गई। बाद में पुलिस वालों ने दोनों लड़कियों के ऊपर पानी छिड़का तब गुंजा होश में आ गई, लेकिन तब तक निशा की मौत हो गई थी। घटनास्थल पर मौजूद लोगों के मुताबिक यह देखते ही पुलिस उसे आनन फानन में साड़ी के फंदे पर लटाककर फरार हो गई।  

निशा की बहन गुंजा के मुताबिक, "बहन निशा जब नहीं उठी तो कोतवाल उदय प्रताप सिंह मेरी बहन को घसीटते हुए छत पर ले गया। उसने सिपाहियों से साड़ी और कुर्सी मंगवाई और फंदे पर उसे लटका दिया। बाद में पुलिस वाले भाग निकले। बहन को फंदे से लटकाते देख हमें मुर्छा आ गई और उसके बाद हमें क्या हुआ हमें नहीं मालूम।" कन्हैया के घर में सब कुछ अस्त-व्यस्त है। मरघट सा सन्नाटा पसरा हुआ है। समूचा गांव पुलिस छावनी में बदल गया है। पुलिस आते-जाते लोगों को रोक-टोक और पूछताछ कर रही है। घर की फोटोग्राफ लेने पर भी पुलिस बदसलूकी करने पर आमादा हो जा रही है। मीडिया के साथ पुलिस का रवैया भी ठीक नहीं है। आरोपित कन्हैया यादव के घर से कुछ कदम के फासले पर है दीपक कुमार का घर है।

वे  बताते हैं, "गुंजा रोने-चीखते देख हम और मोहल्ले के तमाम लोग मौके पर पहुंचे। हालात देख हम सभी सन्न रह गए। कुछ ही देर में पुलिस द्वारा निशा के कत्ल की खबर इलाके भर में फैल गई और कुछ ही देर में कई गांवों के लोग मौके पर पहुंच गए। मौके पर मुआयना करने पहुंची पैथर दस्ता ग्रामीणों के आक्रोश का शिकार हो गया। उत्तेजित ग्रामीणों ने सिपाहियों को दौड़ा  दिया। एक पुलिसकर्मी तो भाग निकला, लेकिन दूसरे पुलिसकर्मी हवलदार छविनाथ गौतम की लोगों ने खूब पिटाई कर दी। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। गांव के ही एक व्यक्ति ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया है। इस दौरान एक ट्रक और प्राइवेट एंबुलेंस के शीशे तोड़ डाले। गांव की जवान बेटी की बेरहमी से पीट-पीटकर मौत के घाट उतारे जाने से ग्रामीणों का गुस्सा सातवें आसमान पर था। आरोपी सिपाहियों पर हत्या का मामला दर्ज करने और सभी को निलंबित करने की मांग को लेकर हजारों ग्रामीणों ने सैयदराजा-जमानिया मार्ग को ट्रैक्टर लगाकर जाम कर दिया।"

फूल गए अफसरों के हाथ-पांव

मनराजपुर गांव में आरोपित कन्हैया यादव की बेटियों के साथ बर्बरता और निशा की मौत से बौखलाए ग्रामीणों ने जब चक्का जाम किया तो जिला के सभी आला अफसर कई थानों की पुलिस को लेकर मौके पर पहुंचे। रविवार की आधी रात तक नारेबाजी और हंगामा होता रहा। देर रात आईजी के. सत्यनारायण और कमिश्नर दीपक अग्रवाल भी पहुंचे और पीड़ित के परिजनों से घटना की जानकारी ली। उन्होंने जांच कर उचित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया। इसके बाद फॉरेंसिक टीम भी घटनास्थल पर पहुंची।

पुलिस अफसर उग्र ग्रामीणों को समझाने की कोशिश करते रहे, लेकिन ग्रामीण कातिल पुलिसकर्मियों पर हत्या का मामला दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की मांग पर अड़े रहे। इसी बीच सकलडीहा के मौजूदा विधायक प्रभुनरायण सिंह और पूर्व सांसद राम किसुन यादव, सपा नेता सुधाकर कुशवाहा, बलिराम यादव अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ मनराजपुर पहुंच गए।

imageपुलिस अफसरों से वार्ता करते सकलडीहा के विधायक प्रभु नारायण यादव

निशा की हत्या के बाद मौके पर पहुंचे लड़की के भाई ने पुलिस पर अपनी बहनों के साथ मारपीट के अलावा निशा के साथ छेड़छाड़ और रेप का आरोप भी लगाया। मौके पर पहुंचे मुगलसराय विधानसभा के सपा प्रत्याशी रहे चंद्रशेखर यादव ने न्यूजक्लिक से कहा, "पुलिस ने कन्हैया की बेटी को अकेला पाकर पहले रेप करने की कोशिश की और विरोध करने पर दोनों को बुरी तरह से मारा-पीटा जिससे निशा की मौत हो गई। निशा के बेदम हो जाने के बाद पुलिस ने हत्या को आत्महत्या में बदलने के लिए सीन क्रिएट किया।”

वो आगे कहते हैं, “मेरे पिता अपराधी नहीं थे। वह बालू का कारोबार करते थे। चुनावी रंजिश में विरोधियों ने सैयदराजा पुलिस के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा और तमाम फर्जी मुकदमें गढ़कर उन्हें जिलाबदर करा दिया। हमारे पिता को पकड़ने के बहाने आए दिन पुलिस हमारे घरों पर दबिश देती थी और हमारी बहनों को बुरी नजर से देखती थी। इससे पहले भी दबिश के दौरान निशा ने कोतवाल उदय प्रताप सिंह की बदसलूकी का विरोध किया था। तभी से मेरी बहन कोतवाल की नजरों की किरकिरी बनी हुई थी। अंततः पुलिस ने मेरी बहन की हत्या कर हमें बर्बाद कर दिया।"

चंदौली में समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष बलिराम सिंह आरोप लगाते हुए कहते हैं, "सैयदराजा कोतवाल लड़कियों की अस्मत लूटने पहुंचा था। उसे मालूम था कन्हैया की बेटियों के अलावा घर में कोई नहीं है। इसकी वजह यह है कि पुलिस ने एक दिन पहले जब कन्हैया यादव के बड़े बेटे को उठा लिया था। छोटा भाई उसे जमानत पर छुड़ाने में भागदौड़ कर रहा था। मौका पाकर कोतवाल यूपी सिंह ने अपनी जिस्म की भूख मिटाने के लिए दबिश दी। लड़कियों ने कोतवाल की हरतकतों का पुरजोर विरोध किया। मामला बिगड़ते देख कोतवाल ने अपने हमराहियों को घर के अंदर बुलाया और दोनों लड़कियों पर लाठियां तोड़नी शुरू कर दी। यह वही कोतवाल है जो अपने रसूख के दम पर कई सालों से चंदौली के मलाईदार थानों पर तैनात रहा है। इस पर भ्रष्टाचार और बेईमानी के आरोप भी लगते रहे हैं। यूपी-बिहार का बार्डर होने की वजह से सैयदराजा जिला के सबसे मलाईदार थाना माना जाता है।"

पुलिस पर एक्शन, कोतवाल निलंबित

ग्रामीणों के उग्र विरोध प्रदर्शन को देखते हुए चंदौली के एसपी अंकुर अग्रवाल ने परिजनों से तहरीर ली, जिसके आधार पर सैयदराजा के कोतवाल उदय प्रताप सिंह पर धारा 304 के तहत मुकदमा कराया। डीएम संजीव सिंह ने "न्यूजक्लिक" से बातचीत में बताया, "कोतवाल और सभी हमराहियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। घटना की जांच डिप्टी एसपी अनिल राय को सौंपी गई है।" एसपी अंकुर अग्रवाल ने चोटिल युवती से उसका बयान लिया। गंभीर रूप से घायल गुंजा ने एसपी को बताया कि कोतवाल के ऊपर खून सवार था। वह हम दोनों के साथ बुरा बर्ताव कर रहा था, जिसका निशा ने विरोध किया।

हालांकि एसपी अग्रवाल कहते हैं, "सैयदराजा थाना क्षेत्र का एक वीडियो शाम छह बजे के आसपास वायरल हुआ जिसमें एक महिला का मृत्यु होना बताया जा रहा है। इंस्पेक्टर द्वारा बताया गया कि चार बजे दबिश देने के लिए महिला पुलिस के साथ गए थे। उसकी एंट्री और वीडियो भी है। खोजबीन में जब कन्हैया नहीं मिला, तो पुलिस आगे चली गई। इसके बाद वीडियो वायरल हो गया। इस मामले में जांच बैठाई गई है। पुलिस की लापरवाही मिली तो कार्रवाई होगी। प्रथम दृष्टया यह लग रहा कि महिला की मौत घर के किसी कारण से या फिर सुसाइड करने से हुई है।"

अब इस मामले में आईजी के. सत्य नारायण का बयान आया है। वह कहते हैं, "सैयदराजा कोतवाल उदय प्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है। मृतक गुड़िया के पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे कार्रवाई बढ़ेगी। पोस्टमार्टम के लिए मृतका का शव जिला अस्पताल भेजा जा रहा है। कन्हैया यादव एक गैंगेस्टर है। वहीं डीएम संजीव सिंह ने कहा कि मामले में हर पहलू की जांच होगी। गांव में स्थिति पूरी तरह पुलिस के नियंत्रण में है। फिलहाल मौके पर भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।"

तथाकथित पुलिस की बर्बर पिटाई की शिकार निशा के पिता कन्हैया यादव ने सैयदराजा कोतवाल पर अपनी बेटी निशा की हत्या का आरोप लगाते हुए एसपी को तहरीर देकर सवाल उठाया है कि जब घर में कोई पुरुष सदस्य नहीं था, तो पुलिस इंस्पेक्टर अंदर कैसे घुस गए? कोतवाल और उनके हमराही पुलिसकर्मियों ने मेरी दोनों बेटियों को इतना मारा-पीटा कि एक की मौत हो गई।”

इस बीच समाजवादी पार्टी के ट्वीटर हैंडल से युवती का वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा गया है, "यूपी में पुलिस हत्यारी बन चुकी है। निरंतर निर्दोष नागरिकों की बीजेपी सरकार द्वारा प्रायोजित हत्या हो रही है। चंदौली में घर में घुसकर पुलिसकर्मियों द्वारा दो बेटियों की बर्बर पिटाई में एक बेटी की मृत्यु, अत्यंत दुखद। दोषी पुलिसकर्मियों पर हो हत्या का केस, मिले कठोरतम सजा।"

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