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मुख़्तार अंसारी को लेकर बांदा जेल पहुंची उत्तर प्रदेश पुलिस, मुख़्तार की पत्नी की याचिका पर नौ अप्रैल को सुनवाई

मुख़्तार अंसारी के बड़े भाई एवं ग़ाज़ीपुर से बसपा के सांसद अफ़ज़ाल अंसारी ने कहा कि मुख़्तार अंसारी विचाराधीन बंदी है और सज़ायाफ्ता न होने के बावजूद उसके साथ क़ैदी सरीखा सलूक किया जा रहा है।
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image courtesy: Live law

बांदा/लखनऊ/नयी दिल्ली: उत्तर प्रदेश पुलिस ने करीब दो साल पंजाब की जेल में रहे बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के विधायक एवं गैंगस्टर मुख़्तार अंसारी को बुधवार तड़के कड़ी सुरक्षा के बीच बुंदेलखंड की बांदा जेल में स्थानांतरित किया। जबकि उच्चतम न्यायालय ने बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की पत्नी की उस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार को राज्य में उसके पति की ‘‘सुरक्षा’’ सुनिश्चित करने और उसके खिलाफ निष्पक्ष रूप से मुकदमा चलाने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।

इस बीच, लखनऊ में एमपी-एमएलए (सांसद-विधायक) की विशेष अदालत ने अभियुक्त मुख़्तार अंसारी को साल 2000 में कारापाल और उप कारापाल पर हमला करने, जेल में पथराव करने तथा जानमाल की धमकी देने के मामले में आरोप तय करने के लिए 12 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है।

मुख़्तार अंसारी के बड़े भाई एवं ग़ाज़ीपुर से बसपा के सांसद अफ़ज़ाल अंसारी ने पंजाब की रोपड़ जेल से बांदा लाते समय मुख़्तार अंसारी के साथ अमानवीय बर्ताव किए जाने का आरोप लगाया है।

बांदा के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) महेंद्र प्रताप सिंह चौहान ने बुधवार को 'पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश पुलिस के एक विशेष दल ने गैंगस्टर और मऊ के बसपा विधायक मुख़्तार अंसारी को पंजाब की रोपड़ जिला जेल से अपनी हिरासत में लेने के बाद बुधवार तड़के साढ़े चार बजे बांदा जेल में स्थानांतरित कर दिया।"

इसी बीच, लखनऊ में बुधवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि पुलिस का विशेष सुरक्षा दल पंजाब की रोपड़ जेल से विचाराधीन कैदी मुख़्तार अंसारी को बुधवार तड़के लगभग चार बजकर 50 मिनट पर बांदा जिला जेल के मुख्यद्वार पर लाया और तड़के लगभग पांच बजे उसे कारागार के अंदर लाया गया।

बयान के अनुसार, मेडिकल कॉलेज बांदा के चिकित्सकों के दल ने मुख़्तार अंसारी के स्वास्थ्य की जांच की और स्वास्थ्य में तात्कालिक तौर पर कोई समस्या नहीं पाई गई।

सरकारी बयान के अनुसार, मुख़्तार अंसारी की सुरक्षा के लिए जेल प्रशासन ने पर्याप्त इंतजाम किए हैं। मुख़्तार अंसारी को बैरक संख्या 16 में रखा गया है जो 24 घंटे कैमरे की निगरानी में है। कारागार की प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था के लिए नगर मजिस्ट्रेट बांदा को प्रभारी जेल अधीक्षक बनाया गया है

बयान में कहा गया कि रोपड़ जेल में मुख़्तार अंसारी की कोरोना वायरस संबंधी जांच किए जाने की कोई रिपोर्ट कारागार को प्राप्त नहीं हुई है, इसलिए बुधवार को बांदा जेल में उसकी जांच कराई जाएगी।

उच्चतम न्यायालय के दिशा-निर्देशों के अनुपालन के तहत बांदा जिला प्रशासन तथा मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी के सहयोग से मुख़्तार अंसारी की स्वास्थ्य व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।

पंजाब के रूपनगर की रोपड़ जेल से मुख़्तार अंसारी को लेकर आ रहे सुरक्षाकर्मियों ने 900 किलोमीटर लंबी यात्रा की। उच्चतम न्यायालय के एक आदेश पर कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने मंगलवार को 57 वर्षीय मुख़्तार अंसारी को रूपनगर जेल से वापस बांदा जेल में लाने के लिए अपनी हिरासत में ले लिया था। चिकित्सकीय जांच के बाद मुख़्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपने के लिए औपचारिकताएं पूरी करने में कुछ घंटे लगे 

उत्तर प्रदेश पुलिस ने एंबुलेंस, दंगा रोधी वाहन और भारी सुरक्षा बल के साथ मुख़्तार अंसारी को रोपड़ जेल से बांदा लाने के लिए करीब 14 घंटे सफ़र किया। बांदा जेल परिसर छावनी में तबदील हो गया था और पुलिस चारों ओर चौकसी बरत रही थी। मुख़्तार अंसारी को लेकर पुलिस अधिकारियों के वाहन ने तड़के साढ़े चार बजे बांदा जेल में प्रवेश किया।

पंजाब से मुख़्तार अंसारी को पूरी चौकसी और भारी सुरक्षा के बीच पुलिस की टीम मंगलवार दोपहर करीब दो बजे रोपड़ जेल से लेकर रवाना हुई और उसने शाम करीब छह बजे उत्‍तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश किया।

बांदा में मुख़्तार अंसारी को लाए जाने से पहले जेल अधिकारियों ने बताया था कि उसे जेल की बैरक नंबर 15 में रखा जाएगा, जहां उसे पंजाब की जेल में स्थानांतरित किए जाने से पहले रखा गया था

मुख़्तार अंसारी को जबरन वसूली के एक मामले में पंजाब की रोपड़ जेल में रखा गया था। मुख़्तार अंसारी को यहां लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और पंजाब सरकार के बीच उच्चतम न्यायालय में मुकदमा चला। उच्चतम न्यायालय ने 26 मार्च को मुख़्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश भेजने का आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने पंजाब की जेल में बंद अंसारी को दो सप्ताह में उत्तर प्रदेश भेजे जाने का निर्देश दिया। उच्चतम न्यायालय ने अंसारी की हिरासत स्थानांतरण याचिका पर यह फैसला सुनाया था। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने पंजाब की कांग्रेस सरकार पर मुख़्तार को संरक्षण देने का आरोप लगाया था।

अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार के मुताबिक, अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश समेत विभिन्‍न राज्‍यों में 52 मामले दर्ज हैं।

इस बीच, मंगलवार को लखनऊ की एमपी एमएलए (सांसद-विधायक) की विशेष अदालत ने अभियुक्त मुख़्तार अंसारी को 2000 में कारापाल और उप कारापाल पर हमला करने, जेल में पथराव करने तथा जानमाल की धमकी देने के मामले में आरोप तय करने के लिए 12 अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से तलब किया है।

लखनऊ में कारापाल और उप कारापाल पर हमले के मामले में अंसारी के अलावा युसुफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित तथा लालजी यादव पर आरोप तय होने हैं। इनमें से चिश्ती तथा आलम न्यायिक हिरासत में जेल में हैं जबकि कल्लू पंडित और लालजी यादव जमानत पर रिहा हैं। अभियोजन के अनुसार, मुख़्तार अंसारी की अनुपस्थिति के कारण आरोप तय नहीं हो पा रहे हैं।

विशेष अदालत के न्यायाधीश पी के राय ने पिछली कई तारीखों पर अंसारी को अदालत में पेश कराने के संदर्भ में उत्तर प्रदेश पुलिस के आला अधिकारियों और पंजाब की रूपनगर जेल के वरिष्ठ अधीक्षक को भी निर्देश दिया था।

बलिया से मिली खबर के अनुसार, अफ़ज़ाल अंसारी ने पंजाब की रोपड़ जेल से बांदा लाते समय मुख़्तार अंसारी के साथ अमानवीय बर्ताव किए जाने का आरोप लगाया।

अफ़ज़ाल अंसारी ने बुधवार को 'पीटीआई-भाषा' से बातचीत के दौरान आरोप लगाया कि रोपड़ जेल से बांदा लाते समय मुख़्तार अंसारी के साथ किसी दरिंदे सरीखा अमानवीय व्यवहार किया गया।

उन्होंने आरोप लगाया कि तकरीबन 15 घंटे की यात्रा में मुख़्तार अंसारी को रास्ते में न तो पानी पीने को दिया गया और न ही भोजन करने दिया गया तथा मेडिकल सुविधा भी नहीं दी गई ।

अफ़ज़ाल ने आरोप लगाया, ‘‘अमानवीय व्यवहार के कारण मुख़्तार अंसारी की तबीयत बिगड़ गई। मुख़्तार अंसारी को बांदा जेल में अर्द्धमूर्छित अवस्था में लाया गया। उसका मधुमेह एवं रक्तचाप बढ़ गया है। जेल में चिकित्सक की अनुशंसा को जेल प्रशासन स्वीकार नहीं कर रहा। उपचार कराने के बजाय मुख़्तार अंसारी को नींद का टीका लगाया गया है।'

उन्होंने साथ ही कहा कि बांदा जेल पहुंचने पर मुख़्तार अंसारी को डेढ़ घण्टे तक जेल से बाहर एम्बुलेंस में रखा गया और बुधवार सुबह नौ बजे कुछ परिचित मुख़्तार अंसारी से मुलाकात करने बांदा जेल पहुंचे थे, लेकिन उन्हें मुलाकात कराये बगैर जेल परिसर से भगा दिया गया ।

बसपा सांसद अफ़ज़ाल ने कहा कि मुख़्तार अंसारी विचाराधीन बंदी है और सज़ायाफ्ता न होने के बावजूद उसके साथ क़ैदी सरीखा सलूक किया जा रहा है

मुख़्तार अंसारी की पत्नी की याचिका पर नौ अप्रैल को सुनवाई करेगा उच्चतम न्यायालय

उच्चतम न्यायालय विधायक मुख़्तार अंसारी की पत्नी की उस याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा जिसमें उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार को राज्य में उसके पति की ‘‘सुरक्षा’’ सुनिश्चित करने और उसके खिलाफ निष्पक्ष रूप से मुकदमा चलाने का निर्देश देने का अनुरोध किया है।

न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी की पीठ अफशां अंसारी की याचिका पर नौ अप्रैल को सुनवाई करेगी। याचिका में आरोप लगाया गया है कि उत्तर प्रदेश में अंसारी की जान को गंभीर खतरा है।

उत्तर प्रदेश पुलिस को उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर मंगलवार को ही पंजाब पुलिस से अंसारी की हिरासत मिली है। अंसारी पर उत्तर प्रदेश में कई जघन्य आपराधिक वारदात को अंसाम देने का आरोप है।

उच्चतम न्यायालय में दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि उत्तर प्रदेश में अंसारी की जान को ‘‘गंभीर खतरा’’ है और अगर न्यायालय उसकी सुरक्षा के लिए कदम उठाने का निर्देश नहीं देगा तो अंसारी की हत्या होने की ‘‘प्रबल आशंका’’ है।

याचिका के अनुसार, अंसारी पर ऐसे राजनीतिक शत्रुओं द्वारा कई बार हमले का प्रयास किया जा चुका है जो सत्ताधारी राजनीतिक दलों से जुड़े हुए हैं।

अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी की ओर से सोमवार को दायर याचिका में अनुरोध किया गया है कि उनके पति को एक जेल से दूसरे जेल और जेल से अदालत ले जाने के दौरान वीडियोग्राफी कराई जाए और यह सीआरपीएफ जैसे केंद्रीय बलों की निगरानी में किया जाए।

न्यायालय ने 26 मार्च को पंजाब सरकार को आदेश दिया था कि अंसारी को उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दिया जाए।

अफशां की ओर से दायर याचिका में अनुरोध किया गया है कि पंजाब से बांदा जिला जेल में स्थानांतरण के दौरान, मुख्तार अंसारी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए न्यायालय उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को निर्देश दे।

उन्होंने अधिकारियों को अंसारी को जेल में सुरक्षा देने तथा उत्तर प्रदेश में अदालतों में पेश करने के दौरान भी सुरक्षा देने का निर्देश देने का आग्रह किया।

याचिका में अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश देने का अनुरोध किया कि गया है कि अंसारी सुरक्षित रहे और उत्तर प्रदेश में उसके खिलाफ दर्ज सभी मामलों में सुनवाई के लिए पेश होते समय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उसके अधिकार सुरक्षित रहें।

याचिका में उत्तर प्रदेश में पिछले साल गैंगस्टर विकास दुबे को मुठभेड़ में मार गिराए जाने का भी जिक्र किया गया है।

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