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चक्रवाती तूफान वायु ने बदला अपना रास्ता लेकिन अभी भी खतरा बरक़रार

"चक्रवाती तूफान वायु गुजरात तट पर दस्तक नहीं देगा। यह वेरावल, द्वारका, पोरबंदर के पास से होकर गुजरेगा।"
चक्रवाती तूफान वायु ने बदला अपना रास्ता लेकिन अभी भी खतरा बरक़रार

‘वायु’ के 13 जून को तड़के गुजरात तट पर पहुंचने की आशंका थी । इससे गुजरात के तटीय जिलों में भारी वर्षा होने की संभावना है। चक्रवाती तूफान 'वायु' बेहद गंभीर चक्रवाती तूफान है । लेकिन अब  भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि चक्रवाती तूफान 'वायु' गुरुवार को गुजरात के तटीय क्षेत्र से नहीं टकराएगा। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा था कि तूफान गुजरात तट से टकराएगा, लेकिन अब यह दिन में दोपहर बाद सौराष्ट्र क्षेत्र से होकर गुजरेगा।
हालांकि, नौसेना ने खुद को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा है।  बताया जा रहा है कि क्षेत्र में तेज हवाएं चल सकती हैं. वहीं अगले 24-48 घंटे समुद्र भी उग्र रह सकता है। 
आईएमडी की वैज्ञानिक मनोरमा मोहंती ने यहां मीडिया से कहा, "चक्रवाती तूफान वायु गुजरात तट पर दस्तक नहीं देगा। यह वेरावल, द्वारका, पोरबंदर के पास से होकर गुजरेगा।"

इसको लेकर आईएमडी ने ट्वीटर पर भी जानकारी दी है। 

मोहंती ने आगे कहा, "ऐसी संभावना है कि यह सौराष्ट्र तट के पास से उत्तर-उत्तर पश्चिमी और उसके बाद उत्तर-पश्चिम की ओर से गुजरेगा।" चक्रवाती तूफान ने अपना रास्ता बदल दिया है। हालांकि यह अभी भी तेज वायु और भारी वर्षा का कारण बन सकता है, इसलिए हम अभी भी हर परिस्थिति के लिए तैयार हैं। खतरा बना हुआ है। 
स्काईमेट वेदर ने कहा कि 'बेहद तीव्र चक्रवात' का यह तूफान वर्ग 2 के चक्रवाती तूफान से वर्ग 1 के चक्रवाती तूफान में बदल सकता है, वहीं वायुगति की रफ्तार 135 से 145 प्रतिघंटा हो सकती है, जिसके 175 प्रतिघंटा तक होने की संभावना है।
सरकार ने एतियातन कई ट्रेनों के रद्द कर दिया हैइसके साथ ही लाखो लोगो को भी सुरक्षति स्थानों पर पहुंचा दिया गया है 
 गुजरात सरकार ने करीब 3 लाख लोगों और सौराष्ट्र से लगे हुए केंद्र शासित प्रदेश दीव से 10 हजार लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है। मुख्यमंत्री ने स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशंस सेंटर में राज्य प्रशासन के साथ समीक्षा बैठक की है. रूपाणी ने कहा, "हमने पहले केवल कच्चे घरों में रहने वालों को स्थानांतरित करने की योजना बनाई थी, लेकिन चक्रवात के गंभीर होने की आशंका के कारण तटीय गांवों में सभी लोगों को स्थानांतरित करने का फैसला किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार की सफलता तभी होगी, जब कोई जान नहीं जाए. 
 पश्चिम रेलवे ने वायु चक्रवात से होने वाली संभावित आपदा को देखते हुये 40 रेलगाड़ियों को निरस्त और 16 ट्रेनों को आंशिक रूप से समाप्त कर दिया है।
पश्चिम रेलवे ने बुधवार को यह जानकारी दी। उसने बताया कि इसके अलावा सुरक्षा के कई इंतजाम किए गए हैं। वेरावल, ओखा, पोरबंदर, भावनगर, भुज और गांधीधाम में यात्रियों की सुरक्षा के लिए कदम उठाये गए हैं।
पश्चिम रेलवे ने विशेष राहत ट्रेनें चलाने का फैसला किया है। ऐसी दो विशेष ट्रेनें राजकोट डिवीजन से एक ट्रेन भावनगर डिवीजन से चलना निर्धारित किया गया है। वेरावल-अमरेली पैसेंजर, अमरेली-जूनागढ़, देलवाड़ा-वेरावल 12 और 13 जून को रद्द रहेंगी। राज्य सरकार ने सौराष्ट्र, कच्छ के निचले इलाकों को खाली कराने के लिए विशाल पैमाने पर काम शुरू कर दिया है।

इसके आलावा आईएमडी ने मछुवारो को भी समुद्र में न जाने को कहा है। 

 

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