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गाय के नाम पर अब पहाड़ को भी अशांत करने की कोशिश

अब पहाड़ की शांत वादियों को भी गोकशी की अफवाह से दहलाने की कोशिश की जा रही है। ऐसा ही प्रयास हिमाचल प्रदेश में हुआ और राजधानी शिमला को बुलंदशहर बनाने की कोशिश की गई। सीपीएम ने इस पूरी घटना की न्यायिक जांच की मांग की है।
himachal shimla
शिमला के रोहड़ू बाजार में हुई हिंसा और तोड़फोड़ के दृश्य।

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के रोहड़ू बाजार में एक घर की छत पर कथित रूप से गोवंश के अवशेष मिलने के बाद दक्षिणपंथी हिंदूवादी संगठनों से जुड़े लोगों ने हिंसा और तोड़फोड़ की। जिससे वहाँ के स्थानीय लोगों में भय का माहौल बन गया। ज़िला प्रशासन का कहना है कि वो स्थिति पर नज़र बनाए हुए है।

हिमाचल देश के सबसे शांति प्रिय क्षेत्रों में से एक है लेकिन जब से राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार आई है तब से दक्षिणपंथी ताकतों को हौसला मिला है और लगातार यहां का माहौल ख़राब करने कि कोशिशि की जा रही है। इसी कड़ी में देश के प्रमुख पर्यटन स्थल शिमला को भी अशांत करने की कोशिशें की जा रही हैं। स्थानीय राजनीतिक और समाजिक कार्यकर्ताओं ने खुले तौर पर कहा है कि जब से हिमाचल में भाजपा कि सरकार आई है उसने हिमाचल में कोई विकास कार्य नहीं किया है और उसे छिपाने के लिए अब वो अन्य राज्यों कि तरह यहां भी गाय के नाम राजनीति करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने शिमला के रोहड़ू को बुलन्दशहर बनाने कि कोशिश कि परन्तु वो नाकाम रहे

क्या है पूरा मामला ?

स्थानीय मीडिया के मुताबिक शिमला के रोहड़ू बाजार में घर की छत पर कथित तौर पर गोवंश के अवशेष मिलने के बाद एक समुदाय की करीब डेढ़ दर्जन दुकानों में तोड़फोड़ की गई  पहले बुधवार रात को रेहड़ी-फड़ियों में तोड़फोड़ कर सामान सड़क पर फेंक दिया गया। इसके बाद गुरुवार सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक फिर दुकानों को निशाना बनाया गया। इसके चलते गुरुवार को दिन भर बाजार बंद रहा

ख़बरों के मुताबिक करीब पांच हजार लोग बाजार में जुटे और माहौल तनावपूर्ण बना रहा। इस भीड़ ने गोवंश की हत्या का आरोप लगते हुए विरोध में रैली निकाली। स्थिति बिगड़ती देख आसपास के थानों के अलावा शिमला से एक पुलिस बटालियन बुलाई गई। भीड़ की तोड़फोड़ को रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई-एम) की राज्य कमेटी ने रोहड़ू में फैलायी गई साम्प्रदायिक हिंसा व तोड़फोड़ की घटना की कड़ी निंदा की है और इसके लिए आरएसएस व उसे जुड़े  संगठनों को ज़िम्मेदार ठहराया। पार्टी ने इस मामले में सरकार से तुरंत हस्तक्षेप कर इस हिंसा के लिए दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई और पूरी घटना की न्यायिक जांच की मांग की है। पार्टी के मुताबिक कुछ समय से आरएसएस व इसे जुड़े संगठन साम्प्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का कार्य कर देश मे अशांति व दहशत का माहौल पैदा करने का कार्य कर रहे हैं। रोहड़ू की घटना भी इसी प्रकार की मानसिकता से प्रेरित लगती है

शिमला शहर के पूर्व मेयर सीपीएम नेता संजय चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार रोहड़ू में प्रभावित हर नागरिक की जान व माल की सुरक्षा सुनिश्चित करे व जिन लोगों की दुकानों व अन्य स्थानों पर तोड़फोड़ की गई है, उनको उचित मुआवजा प्रदान करे। जो भी लोग इस हिंसा को भड़काने में प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से दोषी हैं उनके विरुद्ध तुरंत कार्रवाई करे और दोषियों को तुरंत गिरफ्तार कर प्रदेश में अमन व शांति का माहौल कायम करने के लिए प्रभावी कदम उठाए। क्योंकि हिमाचल प्रदेश एक शान्ति प्रिय प्रदेश है और इस प्रकार की हिंसा व दहशत का माहौल बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।

कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने डर के कारण यहां से पलायन किया है |

प्रशासन का कहना है कि उन्होंने सभी पक्षों से बातचीत कर ली। उन्होंने आश्वस्त किया है कि वह ऐसा कोई काम नहीं करेंगेजिससे माहौल खराब हो लेकिन संजय चौहान के मुताबिक पुलिस प्रशासन के कार्रवाई पर भी सवाल खड़े होते है कि क्योंकि अबतक हिंसा और तोड़फोड़ के मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। 

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