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उत्तराखंड: सरकारी अस्पताल से कोरोना-मुक्त होने के ‘फ़र्ज़ी’ प्रमाणपत्र जारी

प्रदेश के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए जा रहे हैं। जांच में यह पता लगाया जाएगा कि अस्पताल में इस रैकेट की जड़ें कहां तक हैं और इसमें कितने चिकित्सक शामिल हैं।
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ऋषिकेश: यहां के सरकारी अस्पताल में ओपीडी पर्ची पर कथित तौर पर बिना आरटीपीसीआर जांच के कोविड-19 मुक्त होने का प्रमाणपत्र जारी करने का मामला सामने आया है।

इस संबंध में पूछे जाने पर प्रदेश के मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने कहा कि मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जांच में यह पता लगाया जाएगा कि अस्पताल में इस रैकेट की जड़ें कहां तक हैं और इसमें कितने चिकित्सक शामिल हैं ।

अस्पताल के सूत्रों ने नाम न उजागर किए जाने की शर्त पर बताया कि एसपीएस सरकारी अस्पताल में हुए इस मामले का पता बुधवार को लगा जहां डा. सागर भट्ट नामक एक चिकित्सक ने कथित रूप से से प्रमाणपत्र जारी किए।

सूत्रों ने बताया कि कोरोनामुक्त होने के ज्यादातर ऐसे फर्जी प्रमाणपत्र प्रवासी मजदूरों के लिए जारी किए गये जो काम की तलाश में अन्य जिलों में जाना चाहते थे।

ऋषिकेश चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एनएस तोमर ने बताया कि सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार, आरटीपीसीआर जाँच के बिना कोरोनावायरस संक्रमण होने या नहीं होने की पुष्टि नहीं हो सकती।

उन्होंने कहा कि जाँच के बिना अगर कोई चिकित्सक कोरोना को लेकर कोई टिप्पणी करता है तो यह सही नही है। तोमर ने कहा कि कोविड 19 जैसी वैश्विक महामारी से निपटने के लिए भारत सरकार व आईसीएमआर के दिशा निर्देशों में आरटीपीसीआर को ही प्रमाणिक माना गया है।

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