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मणिपुर में फिर हिंसा, एक व्यक्ति की मौत

राज्य में तीन सप्ताह पहले शुरू हुई हिंसा में 70 से अधिक लोगों की मौत हुई है और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।
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फ़ोटो साभार: PTI

मणिपुर के हिंसाग्रस्त सीमावर्ती जिलों बिष्णुपुर और चुराचांदपुर में संदिग्ध उग्रवादियों और लोगों के एक समूह के बीच हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि एक अन्य घायल हो गया। पुलिस ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बुधवार को हुई हिंसा के दौरान संदिग्ध उग्रवादियों ने लोगों के समूह पर गोली चलाई, जिसमें 30 वर्षीय टोइजाम चंद्रमणि की मौत हो गई और 22 वर्षीय लीचोम्बम अबुंगनाओ घायल हो गया।

उन्होंने कहा कि लोगों के समूह में ज्यादातर वे लोग थे जो हाल में चुराचांदपुर में हुई जातीय हिंसा के दौरान विस्थापित हुए थे और बिष्णुपुर के मोइरांग में एक राहत शिविर में रह रहे थे।

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “मोइरांग शिविर में रहने वाले ग्रामीण और अन्य लोग अपने घरों को जलाए जाने से नाराज थे। जब इन लोगों को पता चला कि उग्रवादी बिष्णुपुर के थम्नापोकपी और चुराचांदपुर के कांगनथेई के पास एक इलाके में स्थित एक स्कूल में आग लगा सकते हैं, तो वे वहां पहुंच गए। जैसे ही वे वहां पहुंचे, उग्रवादियों ने उन पर गोलियां चला दीं, जिसमें दो लोग घायल हो गए। अस्पताल ले जाते समय एक घायल व्यक्ति की मौत हो गई।”

इससे पहले, बुधवार को लोगों के एक समूह ने मणिपुर के लोक निर्माण विभाग मंत्री एवं भाजपा नेता कोंथोजाम गोविंददास के बिष्णुपुर जिले स्थित घर में तोड़फोड़ की। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

हमलावरों का दावा था कि संघर्षग्रस्त राज्य में सरकार स्थानीय लोगों को दूसरे समुदाय के उग्रवादियों से बचाने के लिए पर्याप्त उपाय नहीं कर रही है।

अधिकारियों के अनुसार, भीड़ ने जब निंगथोखोंग क्षेत्र स्थित घर पर हमला किया तो मंत्री और उनके परिवार के सदस्य वहां मौजूद नहीं थे। हमलावर भीड़ में ज्यादातर महिलाएं थीं। उन्होंने कहा कि इस हमले में मकान का एक गेट, खिड़कियां, कुछ फर्नीचर और कुछ इलेक्ट्रॉनिक उपकरण क्षतिग्रस्त हो गए।

यह पहली बार है जब राज्य में मैती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच जारी जातीय हिंसा के दौरान किसी मंत्री के घर पर हमला किया गया है।

राज्य में तीन सप्ताह पहले शुरू हुई हिंसा में 70 से अधिक लोगों की मौत हुई है और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है।

इस बीच, पूर्वी सैन्य कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आर पी कालिता ने राज्य में सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए मणिपुर का दौरा किया।

(न्यूज़ एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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