शिवराज के राज में शवराज?
कोरोना भारत में परेशान हो रहा होगा कि यह कैसी जगह है, इतनी तबाही के बाद भी यहां न बादशाह मुझे गंभीरता से लेने को तैयार है और न ही प्रजा। बादशाह इतने हाहाकार और मातम के बीच, उत्सव के मौके तलाश रहा है और प्रजा ऐसे नदियों में डुबकी लगा रही है जैसे अब हिमालय से सैनिटाइज़र पिघल कर बह रहा हो। बाकी बची नींद कोरोना की बादशाह के प्रशासन ने उड़ा रखी है।
बता दें कि मध्यप्रदेश के एक जिला अस्पताल में एक कोरोना मरीज की अस्पताल की लापरवाही के कारण जान चली गई। अस्पताल प्रशासन पर आरोप है कि उसने मरीज से ऑक्सीजन सिलिंडर हटा दिया जिससे वे तड़प-तड़प कर मर गया।
हद तो तब हो गई जब उत्तर प्रदेश के शामली में तीन बुजुर्ग महिलाओं को कोरोना के टीके की जगह रेबीज़ (कुत्ता काटे) का टीका लगा दिया गया।
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