‘लॉयर्स कलेक्टिव’ के कार्यालयों, इंदिरा जयसिंह के आवास पर सीबीआई के छापे
सीबीआई गुरुवार को प्रख्यात वकील इंदिरा जयसिंह के आवास और उनके पति आनंद ग्रोवर के गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ के कार्यालयों पर छापेमारी कर रही है।
अधिकारियों ने बताया कि जयसिंह के निजामुद्दीन स्थित आवास और कार्यालय, एनजीओ के जंगपुरा कार्यालय और मुम्बई स्थित एक कार्यालय में सुबह पांच बजे से छापेमारी जारी है। एजेंसी ने विदेश सहायता प्राप्त करने के मामले में ग्रोवर के खिलाफ एफसीआरए के तहत मामला दर्ज किया है।
ग्रोवर से सम्पर्क किए जाने पर उन्होंने कहा कि उन्हें परेशान ना किया जाए क्योंकि छापेमारी जारी है। ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ ने सीबीआई के सभी आरोपों को खारिज किया है।
एजेंसी ने गृह मंत्रालय (एमएचए) की शिकायत के आधार पर ग्रोवर और एनजीओ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। मंत्रालय ने आरोप लगाया गया था कि समूह द्वारा प्राप्त विदेशी सहायता के इस्तेमाल में कई कथित विसंगतियां हैं।
पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल इंदिरा जयसिंह का नाम प्राथमिकी में आरोपियों की सूची में नहीं है लेकिन मंत्रालय की शिकायत में उनकी कथित भूमिका का जिक्र है। सीबीआई ने ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ के अध्यक्ष ग्रोवर, संगठन के कई पदाधिकारियों के अलावा कई अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
अब प्राथमिकी का हिस्सा बन चुकी, गृह मंत्रालय की शिकायत के अनुसार संगठन ने विदेश से 2006-07 और 2014-15 के बीच 32.39 करोड़ रुपए की मदद हासिल की थी, जिसमें अनियमितताएं बरती गईं और यह विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (एफसीआरए) का उल्लंघन था।
मंत्रालय ने कहा कि मौजूदा जानकारी और एनजीओ के अभिलेखों की छानबीन के आधार पर एफसीआरए 2010 के विभिन्न प्रावधानों के प्रथम दृष्टया उल्लंघन पाए गए। उसने कहा कि 19 से 23 जनवरी, 2016 के बीच एनजीओ के खातों और अभिलेखों की पुस्तकों का निरीक्षण किया गया।
जयसिंह, ग्रोवर और ‘लॉयर्स कलेक्टिव’ ने एक बयान जारी करते हुए धन के दुरुपयोग के सभी आरोपों को खारिज किया था।
बयान में कहा गया था कि जयसिंह ने उच्चतम न्यायालय की एक पूर्व कर्मचारी द्वारा देश के प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर अपनाई गई प्रक्रिया का मुद्दा एक प्रबुद्ध नागरिक होने के नाते उठाया था। इसे देखते हुए लगता है कि यह बदले की कार्रवाई है।
CBI raids at residence of Indira Jaisingh & Anand Grover in case of alleges misuse of foreign funding to their NGO is a clear act of Vendetta. Registration of cases & raids by Govt agencies has now become the way of govt to harass & intimidate opponentshttps://t.co/TrzChQXg9Q
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) 11 July 2019
सुप्रीम के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने इस रेड पर ट्वीट कर कहा है, 'अपने एनजीओ के लिए विदेशी चंदे का दुरुपयोग के आरोप में इंदिरा जयसिंह और आनंद ग्रोवर को घर पर सीबीआई की रेड पूरी तरह से राजनीतिक प्रतिशोध का मामला है। सरकारी एजेंसियों की ओर से रेड और मुकदमा को अब विपक्षियों को प्रताड़ित करने का तरीक़ा बना लिया गया है।'
वरिष्ठ वकीलों को निशाना बनाने से सरकार की मंशा पर उठते हैं सवाल: येचुरी
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने पूर्व अतिरिक्त सॉलिस्टर जनरल इंदिरा जयसिंह और उनके पति एवं वकील आनंद ग्रोवर के आवास और कार्यालयों पर सीबीआई की छापेमारी के लिए सरकार की आलोचना की है।
येचुरी ने एक ट्वीट में कहा, ‘काननू को अपना काम जरूर करना चाहिए, लेकिन अपनी एजेंसियों के माध्यम से जाने-माने और प्रतिष्ठित वरिष्ठ अधिवक्ताओं को निशाना बनाना सरकार की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े करता है।’
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)
अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।