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यूपी: नगर निगम कर्मियों ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग तेज़ की

पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग को लेकर नगर निगम कर्मचारी संगठनों ने सतत आंदोलन और 21 सितंबर को लखनऊ में व्यापक विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
यूपी: नगर निगम कर्मियों ने पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग तेज़ की
Dainik Bhaskar

नई पेंशन योजना को खत्म करने और पुरानी पेंशन योजना को फिर से बहाल करने की मांग को लेकर नगर निगम के कर्मचारियों ने रविवार को राज्य की राजधानी लखनऊ में राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन किया और आंदोलन के तौर-तरीकों पर चर्चा की।

इस आयोजन के दौरान यह निर्णय लिया गया कि सभी लंबित मांगों को पूरा करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के लिए 7 अगस्त से 6 सितंबर तक राज्य के सभी नगर निगमों और नगर पालिकाओं में जन जागरूकता बैठकें आयोजित की जाएंगी। कर्मचारी महासंघ के संयोजक ने कहा कि इस बैठक में नगर निगम कर्मचारी संगठनों ने 21 सितंबर को लखनऊ में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।

उन्होंने 7 सितंबर को पूरी तरह हड़ताल करने की भी घोषणा की और राज्य भर के कर्मचारी दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपेंगे और 21 सितंबर को लखनऊ में प्रदेश भर से बड़ी संख्या में कर्मचारी जुटेंगे।

उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी यूनियन के कार्यवाहक अध्यक्ष रमाकांत मिश्रा ने कहा कि, "सरकार ने 2004 में पेंशन योजना को समाप्त कर दिया था जिसके बाद सरकारी कर्मचारी असहाय कर दिए गए। कई आंदोलनों के बाद भी हमारी मांगों को सरकार ने अनसुना कर दिया। अब समय आ गया है कि हम एकजुट हों और बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू करें।“

मिश्रा ने कहा कि अब समय आ गया है कि सरकार ओपीएस को राजस्थान सरकार की तर्ज पर बहाल करे।

मिश्रा ने आगे कहा, "एक सांसद या विधायक जो जीतता है और पांच साल तक सेवा करता है उसे जीवन भर पेंशन मिलती है। जबकि हम जो 40 साल से अधिक समय तक सेवा करते हैं और हमें सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन से वंचित कर दिया जाता है।"

मेडिकल बिल की मौजूदा अदायगी व्यवस्था के तहत कर्मचारियों की समस्याओं का उल्लेख करते हुए यूनियन ने सरकार से नागरिक कर्मचारियों के लिए एक कम्प्रिहेंसिव हेल्थ कवर स्कीम तैयार करने और बीमा कार्ड के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा देने के लिए कहा ताकि वे अपनी पसंद के अस्पतालों से कैशलेस इलाज का लाभ उठा सकें।

पुरानी पेंशन योजना के अलावा कुछ अन्य मांगों में 74वें संविधान संशोधन अधिनियम का कार्यान्वयन शामिल है। इन मांगों में कर्मचारियों को 7वें वेतनमान के सभी लाभ दिये जाने, संविदा एवं आउटसोर्सिंग कर्मियों के रिक्त पदों को भरने पर कर्मचारियों को भी कैशलेस इलाज की सुविधा मिलने तथा उन्हें पदोन्नत किया जाने की बात शामिल हैं।

इस बीच यूनियन ने यह भी कहा कि इस बैठक में निर्णय लिया गया है कि 22-23 अगस्त को महासंघ के प्रतिनिधि अयोध्या से प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों में जाएंगे। वे आंदोलन को सफल बनाने के लिए कर्मचारियों को बड़ी संख्या में लखनऊ पहुंचने के लिए लामबंद करेंगे।

दूसरा चरण 29 अगस्त से मथुरा से शुरू होगा। इसके तहत राज्य की सभी नगर पालिका और पंचायत कर्मचारियों को जल निगम से जोड़ेगी।

पिछले साल विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले सरकारी स्कूल के हजारों शिक्षकों के साथ साथ पेंशनधारी, शिक्षा मित्र, आंगनवाड़ी कर्मचारी, सैनिटेशन वर्कर, मध्याह्न भोजन के रसोइया और कई अन्य योजना से जुड़े कर्मचारी नई पेंशन योजना के खिलाफ एक दिवसीय रैली में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार की नई पेंशन योजना को वापस लेने और पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग की थी।

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