नेपाल में वाम दलों का एकीकरणः एक बेहतर संकेत
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19 फरवरी का दिन नेपाल में लोकतंत्र की स्थापना का एक ख़ास दिन है। इतिहास में यह एक और उपलब्धि के रूप में जाना जाएगा क्योंकि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल यूनिफाइड मार्कसिस्ट-लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल माओइस्ट सेंटर (सीपीएन एमसी) ने इसी दिन दोनों पार्टियों के एकीकरण के लिए सात सूत्रीय समझौते पर हस्ताक्षर किए। चूंकि वाम गठबंधन और एकीकरण हाल के विजय की महत्वपूर्ण शक्ति थी, ऐसे में यह ठोस निर्णयों में से एक है जो जनादेश और हजारों कार्यकर्ताओं की आकांक्षाओं का सम्मान करते हैं। अब पार्टी के एकीकरण करने के फैसले से नई सरकार को इसकी पूर्ण संरचना प्राप्त करने और पार्टी एकीकरण प्रक्रिया शुरू करने में भी मदद मिलेगी।
सीपीएन (यूएमएल) और सीपीएम (एमसी) द्वारा हस्ताक्षरित सात बिंदुओं के समझौते में दो पार्टियों के एकीकरण का निम्न आधार है।
1. एकीकृत पार्टी का नाम नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी होगा।
2. नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी का मार्गदर्शक सिद्धांत मार्क्सवाद-लेनिनवाद होगा।
3. पार्टी की वैचारिक धारा पीपुल्स-मल्टीपार्टी डेमोक्रेसी पर आधारित होगी, जिसे सीपीएन-यूएमएल के दिवंगत नेता मदन भंडारी ने प्रतिपादित किया था।
4. उक्त दोनों पार्टियाँ सीपीएन-यूएमएल और माओवादी द्वारा अपनाई गई पीपुल्स मल्टीपार्टी डेमोक्रेसी को संशोधित करने के लिए समझौते पर भी तैयार हो गई।
5. उपरोक्त शर्तों के आधार पर ये एकीकृत पार्टी अपनी अंतरिम राजनीतिक रिपोर्ट और अंतरिम पार्टी क़ानून तैयार करेगी।
6. इसी तरह ये पार्टी अब तक की उपलब्धियों की सुरक्षा के माध्यम से समाजवाद के आधार तैयार करेगी। यह राष्ट्रवाद, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय को मज़बूत करेगा और नए आर्थिक परिवर्तन के लिए आगे बढ़ेगा।
7. ये पार्टी आगामी महासम्मेलन को एकता महासम्मेलन के रूप में समापन करेगी।
इस समझौते पर हस्ताक्षर सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष और प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली, वरिष्ठ नेता झालानाथ खानल, माधव कुमार नेपाल, उपाध्यक्ष बामदेव गौतम और सीपीएन-यूएमएल की तरफ से महासचिव ईश्वर पोखारेल ने हस्ताक्षर किए। सीपीएन (एमसी) की ओर से समझौता करने वालों में इसके अध्यक्ष पुष्प कमल दाहल 'प्रचंड' और नारायण काजी श्रेष्ठ और राम बहादुर थापा 'बादल' शामिल थे।
दो कार्यबलों का गठन
सीपीएन-यूएमएल और सीपीएन (माओइस्ट सेंटर) द्वारा दो कार्यबलों का गठन किया गया है। इनमें एक संगठनात्मक विलय पर जबकि दूसरा राजनीतिक वैचारिक निर्माण पर कार्य करेगा। एकीकरण करने में तेज़ी लाने और एकीकृत पार्टी को मज़बूत करने को लेकर अन्य सिफारिशों के लिए दो कार्यबलों की स्थापना सात सूत्रीय समझौते के अनुसार की गई। दोनों कार्यबलों में प्रत्येक में 10 सदस्य होंगे। इन सदस्यों में प्रत्येक पार्टी से पांच प्रतिनिधि शामिल होंगे।
ईश्वर पोखारेल, बिष्णु पौडेल, गोकर्ण बिस्टा, बेडू राम भूसाल और रघुवीर महासेठ को यूएमएल से संगठन के लिए कार्यबल में शामिल किया गया है, जबकि राम बहादुर थापा, गिरि राज मणि पोखारेल, बारशा मन पून, मत्रिका यादव और जनार्दन शर्मा इस कार्यबल में माओइस्ट सेंटर का प्रतिनिधित्व करते हैं।
इसी तरह यूएमएल के माधव कुमार नेपाल, भीम रावल, सुभाष चंद्र नेम्बांग, प्रदीप ग्यावली और रघुजी पंटा को अंतरिम राजनीतिक रिपोर्ट और अंतरिम क़ानून के लिए कार्यबल में शामिल किया गया है। वहीं माओइस्ट सेंटर के नारायण काजी श्रेष्ठ, देव गुरुंग, शक्ति बसंत, पाम्फा भूसल और देवेंद्र पौडेल भी कार्यबल में शामिल हैं।
सीपीएन (यूएमएल) और सीपीएन (माओइस्ट सेंटर) के बीच एकीकरण के बाद नई पार्टी के राजनीतिक दिशानिर्देश और संगठनात्मक ढांचे पर गठित दोनों कार्यबलों को 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। यह उम्मीद है कि रिपोर्ट प्रस्तुत करने और नेताओं की चर्चा के बाद एक बड़े आयोजन और पार्टी के एकीकरण की औपचारिक घोषणा 21मार्च से पहले की जाएगी।
सोमवार तक मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना
सीपीएन-यूएमएल और सीपीएन (माओइस्ट सेंटर) ने पार्टी नेता केपी शर्मा ओली और पुष्प कमल दहल के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम पर मंत्रियों के बारे में फैसले लेने के लिए छेड़ दिया है। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री ओली सोमवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे।
वाम गठबंधन पूरे पांच सालों तक सरकार चलाने के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं उक्त दो पार्टियों में मंत्रियों के रूप में सेवा देने के लिए काफी बड़ी संख्या में नेता हैं। यूएमएल की एक स्थायी समिति की बैठक, जो सरकार की अगुवाई करती है, ने मंत्री पद के उम्मीदवारों पर निर्णय लेने के लिए ज़िम्मेदारी प्रधानमंत्री ओली पर छोड़ दिया है। वहीं सीपीएन-माओइस्ट सेंटर ने गुरुवार को तीन शीर्ष नेताओं को ये ज़िम्मेदारी दी थी।
हाल ही में सरकार ने फैसला किया है कि 18 सदस्यीय मंत्रिमंडल होगा, जिसमें से 10 मंत्री और प्रधानमंत्री यूएमएल से होंगे वहीं सात सदस्य माओइस्ट सेंटर से होंगे। पहले केंद्रीय स्तर पर 30 मंत्रालय था।
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