प्रियंका गांधी का राजनीति में प्रवेश, महासचिव बनीं, पूर्वी यूपी का प्रभार
उत्तर प्रदेश में बसपा-सपा गठबंधन द्वारा किनारे किए जाने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने तुरुप का पत्ता खेलते हुए बुधवार को अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को पार्टी महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त किया है। माना जा रहा है कि यह कदम उत्तर प्रदेश में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रेरित करने के लिए उठाया गया है जहां लोकसभा की 80 सीटें हैं। लोकसभा चुनाव से पहले संगठनात्मक फेरबदल में कांग्रेस नेतृत्व ने मध्य प्रदेश के गुना के सांसद ज्योदिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस महासचिव पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी के रूप में नियुक्त करने की घोषणा की।
विवादास्पद उद्योगपति राबर्ट वाड्रा से शादी करने वालीं और दो बच्चों की मां प्रियंका गांधी ने सोनिया गांधी (रायबरेली) और राहुल गांधी (अमेठी) के लोकसभा क्षेत्रों तक ही सीमित अपनी भूमिका का विस्तार करते हुए सक्रिय राजनीति में औपचारिक रूप से प्रवेश कर लिया है।
पार्टी महासचिव अशोक गहलोत ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "वह फरवरी के पहले हफ्ते से नई जिम्मेदारी संभालेंगी।"
सक्रिय राजनीति में उनकी शुरुआत से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वह अगला लोकसभा चुनाव अपनी मां की संसदीय सीट रायबरेली से लड़ सकती हैं।
यह पहली बार है कि पार्टी ने उत्तर प्रदेश में अपने महासचिवों को क्षेत्रों में संगठनात्मक जिम्मेदारी सौंपी है।
प्रिंयका गांधी और सिंधिया को क्रमश: पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभार दिया गया है, वहीं महासचिव उत्तर प्रदेश रहे पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को हरियाणा तक सीमित कर दिया गया है।
इस फेरबदल में राहुल गांधी ने केरल से लोकसभा सदस्य के. सी. वेणुगोपाल को कांग्रेस का महासचिव (संगठन) नियुक्त किया है। यह पद पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संभाल रहे थे।
प्रियंका की नियुक्ति को लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को स्पष्ट किया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए उनकी बहन प्रियंका गांधी को कांग्रेस महासचिव नियुक्त किया जाना पार्टी के आधार को राज्य में दोबारा बनाने की योजना का भाग है। साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के लिए जिस तरह से भी संभव हो समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि यह प्रियंका गांधी पर है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला करती हैं या नहीं।
पार्टी के महासचिव के रूप में प्रियंका गांधी और ज्योदिरादित्य सिंधिया के नामों की घोषणा करने के बाद राहुल ने संवाददाताओं से कहा, "मैं अखिलेशजी और मायावतीजी का बहुत आदर करता हूं। उन्होंने अपना गठबंधन किया है और वे हमारे शत्रु नहीं हैं। हम साथ लड़ रहे हैं। अगर बची हुई पार्टियां हमारे साथ होना चाहती हैं तो उनका स्वागत है।"
(इनपुट आईएएनएस)
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