पश्चिम बंगाल में संवैधानिक संकट! मुख्यमंत्री ममता धरने पर
पश्चिम बंगाल में संवैधानिक संकट की स्थिति पैदा हो गई है। कोलकाता में पुलिस कमिश्नर के घर छापा मारने गई सीबीआई की टीम को कोलकाता पुलिस ने कार्रवाई से रोक दिया। इस दौरान हाथापाई का भी आरोप है। इसके बाद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए सीधे मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और कोलकाता के मैट्रो चैनल पर धरना शुरू कर दिया। उधर सीबीआई ने राज्यपाल से हस्तक्षेप की अपील की है, साथ ही सीबीआई सुप्रीम कोर्ट का रुख कर रही है।
रविवार को पश्चिम बंगाल का घटनाक्रम तेज़ी से बदला। सुबह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हेलीकॉप्टर को सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उतरने नहीं दिया गया। उन्हें बालुरघाट में रैली को संबोधित करना था। इसके बाद उन्होंने फोन पर रैली को संबोधित किया। इसके बाद सीबीआई ने कोलकाता में पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के घर छापा मारा। फिर देर शाम ममता बनर्जी धरने पर बैठ गईं। देशभर के तमाम विपक्षी दलों ने ममता बनर्जी के प्रति एकजुटता जाहिर करते हुए उनके समर्थन की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की तरफ से सीबीआई को निर्देश दे रहे थे। ममता के अनुसार वे देश के संघीय ढांचे को बचाने के लिए शहर के मध्य में धरने पर बैठी हैं।
नाराज ममता ने कहा, "मुझे दुख है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल एजेंसी को निर्देश दे रहे हैं। वह उसे लागू कर रहे हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहे हैं। उन्हें जनता को बताना चाहिए कि यह सही नहीं है।"
ममता की यह प्रतिक्रिया तब आई जब इसके पहले लाउडन स्ट्रीट स्थित कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार के सरकारी आवास के बाहर शाम को हाई वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला। सीबीआई अधिकारियों के एक समूह को शहर के पुलिसकर्मियों ने कुमार के आवास में घुसने से रोक दिया।
कोलकाता के पुलिसकर्मियों ने संघीय जांच एजेंसी के अधिकारियों को कई गाड़ियों में भरकर एक पुलिस थाने भी ले गए।
ममता ने कहा, "मैं देश के संघीय ढांचे को बचाने के लिए (शहर के मध्य) धरमतला में धरना शुरू करूंगी।" इसके कुछ मिनट बाद ममता धरने पर बैठ गईं।
सीबीआई के उपाधीक्षक तथागत बर्धन की अगुआई में जांच एजेंसी के अफसरों के दल को रविवार शाम कुमार के आवास के पास देखा गया। इससे एक दिन पहले जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया था कि वे पोंजी योजना घोटाला मामले में राजीव कुमार को तलाश रहे हैं।
सूत्रों ने यह भी दावा किया था कि 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी कुमार ने अगर सीबीआई के समन का जवाब नहीं दिया तो वे कुमार को इस मामले में गिरफ्तार भी कर सकते हैं।
रविवार को हालांकि सीबीआई अधिकारियों के आने के कुछ ही मिनट बाद कोलकाता पुलिस के कुछ वरिष्ठ अधिकारी कुमार के आवास पर पहुंच गए और वहां उन्हें सीबीआई अधिकारियों से बहस करते देखा गया।
इसके कुछ समय बाद सीबीआई की एक और टीम मौके पर पहुंच गई, जबकि जांच एजेंसी के कुछ अधिकारी एक पत्र लेकर पार्क स्ट्रीट पुलिस थाने चले गए।
कुमार के आवास के बाहर इंतजार कर रहे बर्धन कुछ समय बाद कहीं चले गए, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या वह मौके से जा रहे हैं तो उन्होंने स्पष्ट कहा 'नहीं'।
इस दौरान नगर पुलिस की एक सशक्त टीम को साल्ट लेक क्षेत्र में सीजीओ कॉम्प्लेक्स में सीबीआई के प्रादेशिक मुख्यालय के निकट देखा गया।
शाम सात बजे के आस-पास ड्रामा तब और गहरा गया जब कोलकाता पुलिस के तीन उपायुक्त और उपद्रव-रोधी विभाग के कुछ अधिकारी मौके पर पहुंच गए।
पुलिस अधिकारियों और सीबीआई अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद हाथापाई होने लगी, जिसके बाद स्थानीय पुलिसकर्मियों को जांच एजेंसी के अधिकारियों को तीन गाड़ियों में भरते देखा गया, और वे उन्हें लेकर शेक्सपियर पुलिस थाने चले गए।
तृणमूल प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद डेरेक ओब्रायन ने आश्चर्य जताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कहीं संवैधानिक तख्ता-पलट की योजना तो नहीं बना रहीं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सोमवार को संसद में यह मुद्दा उठाएगी।
ओब्रायन ने ट्वीट किया, "सोमवार को संसद में हम मांग करेंगे। मोदी को जाना होगा। हम सभी ऐसे विपक्षी दलों से बात कर और इसे उनसे साझा कर रहे हैं, जो लोकतंत्र बचाना चाहते हैं।"
आपको ये भी बता दें कि सोमवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा का सत्र भी होना है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वे विधानसभा नहीं जाएंगी और धरना स्थल से ही विधानसभा को संबोधित करेंगी। इसके अलावा राज्य में बीजेपी के खिलाफ प्रदर्शन भी शुरू हो गया है। राज्य में कई स्थानों पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका।
तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने ममता बनर्जी के इस कदम का समर्थन करते हुए उनके साथ अपनी एकजुटता जाहिर की है। इनमें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला शामिल हैं। इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ममता बनर्जी से फोन पर बात की है।
(कुछ इनपुट आईएएनएस)
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