गोडसे के भक्त अब गाँधी की शरण में !
गाँधी के पुरजोर विरोधी विचारधारा वाले आज अर्तराष्ट्रीय अख़बार में आर्टिकल लिखते हैं कि गाँधी पूरे विश्व के लिए क्यों प्रासंगिक है।
गाँधी के पुरजोर विरोधी विचारधारा वाले आज अर्तराष्ट्रीय अख़बार में आर्टिकल लिखते हैं कि गाँधी पूरे विश्व के लिए क्यों प्रासंगिक है। हालाँकि जहाँ एक तरफ ये लोग दिखावे के लिए गांधी को अपनाने की कोशिश कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ इनके पिछले साढ़े पाँच साल के शासन से साफ़ जाहिर हो जाता है कि इनकी विचारधारा गाँधी की विचारधारा के बिल्कुल उलट है। 'बोल के लब आज़ाद हैं तेरे' के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा बात कर रहे हैं कि गोडसे के भक्तों को गाँधी की जरूरत क्यों पड़ गयी ?
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