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केरल देश को दिखा रहा है कोरोना से लड़ने का रास्ता

देश में केंद्र सरकार और राज्य सरकारें लोगों को घर से न निकलने की सलाह दे रही हैं लेकिन कोई भी उनके घर में रहने से होने वाली तकलीफ़ों की बात नहीं कर रहा है। ऐसे में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने हर संभावित परेशानी को दूर करने के लिए एक रोडमैप सामने रखा है।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन

कोरोनावायरस का कहर पूरी दुनिया पर है और हर देश अपने-अपने तरीक़े से लड़ने का प्रयास कर रहा है। भारत भी इससे बचा नहीं है, हर राज्य कोशिश कर रहा है। लेकिन अगर हम ग़ौर करें तो केरल की सरकार बाक़ी राज्य सरकारों के लिए नज़ीर बन रही है।

केरल जैसे छोटे राज्य ने अपने नागरिकों के लिए 20,000 करोड़ के स्पेशल पैकेज की घोषणा की है। इस वायरस के कारण अर्थव्यवस्था को हुए नुकसान से निबटने तथा आम जनता की रोज़मर्रा की समस्याओं से राहत देने के लिए केरल की वामपंथी सरकार ने इस विशेष पैकेज की घोषणा की है। विशेष राहत पैकेज की घोषणा मुख्यमंत्री ने 19 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान की।

केरल सरकार की घोषणाओं के मुख्य बिंदु : 

1. महिलाओं के स्वयंसहायता समूह कुटुंबश्री के तत्वाधान में 2000 करोड़ के लोन के लिए रकम मुहैया कराई जाएगी।

2. अप्रैल तथा मई के महीने में प्रत्येक माह में 1000 करोड़ रुपयों का कुल 2000 करोड़ का ग्रामीण रोज़गार सुनिश्चित किया जाएगा।

3. सामाजिक सुरक्षा पेंशन जो अप्रैल माह में दी जानी थी, वो इसी माह में लोगों को दी जाएगी। यानी 2 महीनों का पेंशन 1320 करोड़ एक साथ ही निर्गत कर दिया जाएगा।

4. इसके अलावा BPL तथा अंत्योदय के वैसे परिवार जिन्हें सामाजिक कल्याण पेंशन का पेंशन उपलब्ध नहीं है ऐसे प्रत्येक परिवार को 1000 रुपया दिया जाएगा जिसके लिए 100 करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया है।

5. राज्य के प्रत्येक परिवार चाहे वह APL से हों या BPL से, बिना भेदभाव किये सभी को एक महीने का राशन दिया जाएगा। BPL तथा अंत्योदय स्कीम के बाहर के परिवारों को 10 किलो राशन मुहैया कराया जाएगा जिसके लिए 100 करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया है।

6. रेस्तरां जो कम दर पर भोजन उपलब्ध कराने के लिए सितंबर में खोले जाने वाले थे उन्हें परिस्थिति को देखते हुए घोषित समय से पहले अप्रैल में ही खोल दिया जाएगा। ये भोजनालय जनता को पहले से घोषित दर से पांच रुपये कम यानी 20 रुपयों में भोजन उपलब्ध कराएंगे। ऐसे 1000 रेस्तरां खोले जाएंगे।

7. 500 करोड़ रुपय का विशेष स्वास्थ्य पैकेज लागू किया जाएगा।

8. सभी व्यक्तियों तथा संस्थाओं के लंबित भुगतान अप्रैल में क्लियर कर दिए जाएंगे इसके लिए 14,000 करोड़ रुपयों की व्यवस्था की गई है।

9. इसके अलावा फ़िटनेस चार्ज का भुगतान रिक्शा तथा ऑटोरिक्शा चालकों को किया जाएगा। टैक्स भुगतान में बस चालकों को भी राहत दिया जाएगा। मनोरंजन टैक्स में सिनेमा घरों को भी राहत दिया जाएगा।

10. पानी तथा बिजली के भुगतान की तिथि में भी राहत दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बताया कि राज्य के सेना तथा पुलिस के आला अफ़सरों से भी मीटिंग की गई है। आनेवाले समय में कोरोना वायरस के फैलाव को देखते हुए सेना के संस्थानों के प्रयोग पर भी सहमति हुई। सेना के अस्पतालों को अस्थायी तौर पर रोग से लड़ने में प्रयोग किया जाएगा। राज्य सरकार हर परिस्थिति के लिए तैयार है। टेस्टिंग सेंटर तथा अस्पतालों की विशेष व्यवस्था की जा रही है। विशेष परिस्थिति में मरीजों की ढुलाई के लिए सेना के हेलीकॉप्टर की मदद ली जाएगी। इसके साथ एम्बुलेंस तथा अन्य सुविधाओं की भी उचित व्यवस्था की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि इन प्रयासों का उद्देश्य अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करना है।

केरल सरकार इन घोषणाओं से पहले भी इस महामारी से निपटने के लिए ज़मीन पर काम कर रही थी। जहाँ देश में स्कूलों को बंद कर दिया गया था और उन्हें मिलने वाला मीड डे मील भी बंद कर दिया गया, ऐसे में केरल सरकार ने बच्चों के घरों तक मीड डे मील पहुँचाया था। इसके साथ ही केरल सरकार ने ब्रेक द चेन नामक मुहिम शुरू की थी जिसके तहत हर सार्वजनिक स्थल पर हाथ धोने की और सैनिटाइज़ करने की व्यवस्था की गई है।

गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संदेश मैं  वर्क फ़्रॉम होम की बात कही। लेकिन सवाल यह है कि यह सहूलियत कितने लोगों के पास मौजूद है।

क्या ठेका मज़दूर, दिहाड़ी मज़दूर, रिक्शा, ऑटो चालक, रेहड़ी-पटरी वाले वर्क फ्रॉम होम कर पाएंगे? जवाब है, नहीं! तो उनका जीवनयापन कैसे होगा? इसके साथ ही उन्होंने लोगों से घर से न निकलने की बात कही तो फिर सवाल उठता है कि घरों में राशन पानी की व्यवस्था कैसे होगी। इसके अलावा ही जो टैक्सी ख़ाली खड़ी हैं उनकी किस्त कौन भरेगा! मोदी को इन सब पर बात करनी थी लेकिन उन्होंने इन सवालों से ख़ुद को दूर ही रखा।

लेकिन केरल  की सरकार ने इन सभी सवालों को देखते हुए 20,000 करोड़ का पैकेज का ऐलान किया है। लेकिन अन्य किसी राज्य ने इस तरह की कोई घोषणा नहीं की है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मज़दूरों की मदद की बात कही थी लेकिन उसको लेकर अभी तक कोई ठोस रूपरेखा नहीं बताई है।

देश में केंद्र सरकार और राज्य सरकारें लोगों को घर से न निकलने की सलाह दे रही हैं लेकिन कोई भी उनके घर में रहने से होने वाली तकलीफ़ों की बात नहीं कर रहा है। ऐसे में केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने हर संभावित परेशानी को दूर करने के लिए एक रोडमैप सामने रखा है, जिसे देश की हर सरकार को अपने राज्यों में लागू करने की ज़रूरत है।

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