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रक्षा उत्पादन सचिव के आश्वासन पर ऑर्डिनेंस कर्मचारियों की हड़ताल स्थगित

जेएसी के बयान के अनुसार, सीडीआरए ने "रक्षा विभाग पर विश्वास कर निर्णय लिया है और कर्मचारी 26/08/2019 के 6.00 बजे से काम फिर से शुरू करेंगे।"
ordanance factory board

41 ऑर्डिनेंस फैक्ट्री यानी आयुध कारखानों के एक लाख से अधिक रक्षा असैन्य कर्मचारियों की एक महीने की देशव्यापी हड़ताल 26 अगस्त से स्थगित कर दी जाएगी। यह निर्णय संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) द्वारा लिया गया है, जिसमें तीन मान्यता प्राप्त यूनियन शामिल हैं, जो हड़ताल का नेतृत्व कर रही हैं। यह निर्णय 23 अगस्त को आयोजित एक बैठक के बाद लिया गया, जो रक्षा उत्पादन सचिव द्वारा बुलाई गई थी।

जेएसी द्वारा जारी बयान के अनुसार, फेडरेशन और कन्फेडरेशन ऑफ़ डिफेंस रेकॉग्नीज़ेंड एसोसिएशन (सीडीआरए) ने "रक्षा विभाग पर विश्वास कर निर्णय लिया है और कर्मचारी 26/08/2019 के 6.00 बजे से काम फिर से शुरू करेंगे।"

निर्णय रक्षा उत्पादन सचिव द्वारा दिए गए आश्वासनों पर विचार करने के बाद लिया गया है, उन्होंने बताया कि आयुध निर्माणी बोर्ड के निगमीकरण के बारे में अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।

फेडरेशन और सीडीआरए द्वारा व्यक्त चिंताओं पर विचार के लिए एक उच्च स्तरीय आधिकारिक समिति का गठन किया जाएगा।

फेडरेशन और सीडीआरए के नेतृत्व ने केंद्रीकृत कार्रवाई कार्यक्रमों के बारे में निर्णय लेने के लिए 15 दिनों के बाद मिलने का फैसला किया।

बयान में कहा गया है कि इस बीच, स्थानीय स्तर पर आयुध कारखानों के निगमीकरण के खिलाफ अभियान "उसी जोश के साथ जारी रहना चाहिए।"

भारतीय आयुध कारखानों के 218 वर्षों के इतिहास में, 20 अगस्त से शुरू हुई 'ऐतिहासिक' महीने की हड़ताल, श्रमिकों की भागीदारी की संख्या के मामले में सबसे बड़ी थी।

हड़ताल की सबसे बड़ी मांग आयुध कारखाना बोर्ड को मोदी 2.0 सरकार के 100 दिनों के कार्यक्रम के एक हिस्से के रूप में निगम / सार्वजनिक उपक्रम में परिवर्तित करने के खिलाफ है।

इस हड़ताल को सभी राजनीतिक विचारधारा का समर्थन था, हड़ताल को तीनों मान्यता प्राप्त यूनियन, यानी अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (AIDEF), भारतीय राष्ट्रीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (INDWF) और यहाँ तक कि RSS से जुड़े भारतीय प्रतिहार मजदूर संघ (BPMS) का समर्थन प्राप्त था।

82,000 रक्षा नागरिक कर्मचारियों और 40,000 अनुबंध कर्मचारियों के साथ, सभी ने पिछले पांच दिनों से मोदी सरकार के निगमीकरण कदम के खिलाफ हड़ताल की और अपनी आवाज बुलंद की। मीडिया रिपोर्ट में यह अनुमान आने लगे थे कि अगर हड़ताल जारी रहती है तो, जल्द ही रक्षा उत्पादन के शून्य स्तर पर पहुंच जाएगा। इसके अन्य नुकसान के अनुमान भी सामने आने लगे थे।

इससे पहले दो बैठकें - एक 21 अगस्त को मुख्य श्रम आयुक्त के साथ और दूसरी 23 अगस्त को रक्षा उत्पादन सचिव के साथ आयोजित की गई, जिसमें इस दौरान कर्मचारी महासंघों ने आयुध निर्माणी बोर्ड के निगमीकरण से संबंधित मामलों पर चिंता जताई। इसके आलावा संस्थाओं के लिए "वर्तमान सेटअप में आने वाली कठिनाइयों को देखते हुए" अन्य मुद्दों जिसमें कर्मचारियों के लाभ और भविष्य से संबंधित मुद्दों पर एक चर्चा हुई। जैसा कि अब हड़ताल स्थगित हो गई है, रक्षा मंत्रालय और कर्मचारी संघों के बीच एक बार फिर से बातचीत की प्रक्रिया शुरू होगी।

हड़ताल को देश के हर कोने और वर्ग से समर्थन मिला था। दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने अपने सभी संबद्ध यूनियनों और स्वतंत्र महासंघों को 27 अगस्त को हड़ताली रक्षा कर्मचारियों के साथ अपनी एकजुटता दिखाने के लिए कार्यक्रम आयोजित करने का आह्वान किया था। इसके अलावा, रेलवे, बैंक और आयकर कर्मचारी संघों द्वारा भी समर्थन का आह्वान किया था।

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