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इतवार की कविता : 'के हमरा गांधीजी के गोली मारल हो...'

30 जनवरी 1948 को जब महात्मा गांधी की नाथूराम गोडसे ने हत्या कर दी थी उस दिन रसूल मियां ने यह भोजपुरी गाना लिखा था।
Sadhvi shooting gandhi image

30 जनवरी 1948 को जब महात्मा गांधी की नाथूराम गोडसे ने हत्या कर दी थी उस दिन रसूल मियां ने यह गाना लिखा था। रसूल मियां बिहार के गोपालगंज ज़िले के रहने वाले थे। वे गांधीजी से काफ़ी प्रभावित थे। उनकी उम्र लगभग गांधीजी की उम्र के बराबर ही थी। पढ़िए उनका यह गाना जिसमें वे उदास होकर सवाल कर रहे हैं कि मेरे गांधी को गोली किसने मार दी।

के हमरा गांधीजी के गोली मारल हो, धमाधम तीन गो

कल्हीये आजादी मिलल, आज चललऽ गोली,

गांधी बाबा मारल गइले देहली के गली हो, धमाधम तीन गो…

पूजा में जात रहले बिरला भवन में,

दुशमनवा बैइठल रहल पाप लिये मन में,

गोलिया चला के बनल बली हो, धमाधम तीन गो…

कहत रसूल, सूल सबका दे के,

कहां गइले मोर अनार के कली हो, धमाधम तीन गो…

के हमरा गांधीजी के गोली मारल हो, धमाधम तीन गो…

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