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रूस के यूक्रेन ऑपरेशन की कोई समय सीमा नहीं है

बुधवार को पुतिन द्वारा की गई टिप्पणी से पता चलता है कि रूस किसी भी क़ीमत पर जल्दबाज़ी में हासिल की जाने वाली जीत की तलाश में नहीं है।
Ukraine
मारियोपोल में अज़ोवस्टल लौह और इस्पात के आस-पास के  इलाकों का पतन करीब है, जहां हजारों यूक्रेनी सैनिक और नाटो अधिकारी फंस गए हैं।

यूक्रेन में संघर्ष के चलते लगभग एक महीना बीत जाने के बाद, अपनी पहली विस्तारित टिप्पणी में, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को कहा कि शांति वार्ता "मृत अंत" पर पहुंच गई है और उन्होने प्रतिज्ञा की है कि रूस का "सैन्य अभियान पूरा होने तक जारी रहेगा।"

ऐसा कहकर, पुतिन ने युद्ध के प्रति खुद के सीमित लक्ष्य को परिभाषित किया है, जिसमें डोनबास के नियंत्रण पर ध्यान केंद्रित करना है – न कि पूरे यूक्रेन में पर। पुतिन ने दोहराया कि यूक्रेन के कई क्षेत्रों में अब तक रूस की कार्रवाइयों का उद्देश्य केवल दुश्मन बलों को बांधना था  और यूक्रेनी सेना के बुनियादी ढांचे को मिसाइल हमले के माध्यम से नष्ट करना था, ताकि "डोनबास के क्षेत्र में अधिक सक्रिय ऑपरेशन के लिए हालात बनाए जा सकें।"

उनके शब्दों में: "हमारा लक्ष्य डोनबास के लोगों को सहायता प्रदान करना है, जो रूस के साथ एक अटूट बंधन महसूस करते हैं और आठ वर्षों से नरसंहार का समान कर रहे थे।"

यह पूछे जाने पर कि ऑपरेशन को तेज क्यों नहीं किया जा सकता है, पुतिन ने संवाददाताओं से कहा: "मुझ से अक्सर ये सवाल किए जाते हैं, 'क्या हम इसे जल्दी नहीं कर सकते?' हम कर सकते हैं। लेकिन यह शत्रुता की तीव्रता पर निर्भर करता है और, आप इसे किसी भी तरह से कहें, शत्रुता की तीव्रता सीधे हताहतों से संबंधित है।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि "हमारा काम नुकसानों को कम करते हुए निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करना है। हम लयबद्ध, शांति से और उस योजना के अनुसार काम करेंगे जो शुरू में जनरल स्टाफ द्वारा प्रस्तावित की गई थी।" उन्होंने कहा, "ऑपरेशन योजना के अनुसार चल रहा है।"

ज़ाहिर है, डोनबास के दक्षिण में मारियुपोल बंदरगाह शहर को क्रूर बल के प्रयोग से जीता जा सकता था। लेकिन इससे भीषण जनहानि होती। इसके बजाय, दुश्मन सेना - यूक्रेनी सेना, नव-नाजी आज़ोव बटालियन और विदेशी भाड़े के सैनिकों को लगातार दो मुख्य स्थानों, अज़ोवस्टल स्टील मिलों और शहर के मुख्य बंदरगाह में फंसाया दिया गया है।

रूसी सेना ने बंदरगाह पर नियंत्रण हासिल कर लिया है, जबकि अज़ोवस्टल में, लगभग 3000-मजबूत दुश्मन बलों को घेर लिया गया है, जिनमें संभवतः नाटो देशों के दर्जनों या सैकड़ों सैन्य अधिकारी शामिल हैं - और, आश्चर्यजनक रूप से, स्वीडन के अधिकारी भी इसमें शामिल हैं।

विशेषज्ञों का अनुमान है कि मारियुपोल शहर का रूस के सामने घुटने टेकना अब लाज़िमी है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को घोषणा की कि 162 अधिकारियों सहित 1,000 से अधिक यूक्रेनी सैनिकों ने एक दिन में मारियुपोल में आत्मसमर्पण कर दिया है। 

पहले से देखें तो, कुछ नाटो देशों (विशेष रूप से फ्रांस और जर्मनी) द्वारा मारियुपोल से "मानवीय गलियारों" को प्रायोजित करने के उन्मत्त राजनयिक प्रयासों के पीछे मुख्य उद्देश्य शहर में फंसे पश्चिमी अधिकारियों को बाहर निकालने का एक नापाक एजेंडा था। मूल बात यह है कि नाटो बलों को यूक्रेन में वास्तविक रूप से विदेशी स्वयंसेवकों या सैन्य प्रशिक्षकों के रूप में तैनात किया गया है, और भारी सैन्य उपकरणों से लैस होकर वे रूसी सेना से लड़ रहे हैं।

फ्रांसीसी "स्वयंसेवकों" के साथ घुसने में कामयाब रहे एक फ्रांसीसी पत्रकार ने एक वीडियो जारी किया है जिसमें दिखाया गया है कि अमेरिकी सैन्य अधिकारी यूक्रेन में विदेशी सेना का समन्वय कर रहे हैं और सीधे यूक्रेनी बलों में विदेशी "स्वयंसेवकों" के प्रशिक्षण और भर्ती को संभाल रहे हैं।

ऐसी स्थितियों में, ज़ाहिर है, मास्को और कीव के बीच शांति वार्ता आगे नहीं बढ़ सकती है। बड़ा सवाल यह है कि क्या बाइडेन प्रशासन चाहता है कि संघर्ष खत्म हो और शांति समझौता हो? इसका जवाब 'नहीं' लगता है। दरअसल अमेरिका इस संघर्ष को हवा दे रहा है।

अमेरिकी सीनेट ने उधार-पट्टे का एक मसौदा कानून को मंजूरी दे दी है, जो यूक्रेन को आपूर्ति को बहुत सरल बना देगा। वॉल स्ट्रीट जर्नल ने बताया कि अमेरिका यूक्रेन को सोवियत वायु रक्षा प्रणालियों सहित भारी उपकरण प्रदान करेगा।

कहा ये जा रहा है कि बाइडेन प्रशासन यूक्रेन को अतिरिक्त सैन्य सहायता में 700 मिलियन डॉलर से अधिक देने की घोषणा की तैयारी कर रहा है, जिसमें भारी जमीन तोपखाना प्रणाली, हेलीकॉप्टर और बख्तरबंद वाहन के शामिल होने की संभावना है। अमेरिका ने बाइडेन के राष्ट्रपति होने के दौरान यूक्रेन को 2.4 बिलियन डॉलर से अधिक की सैन्य सहायता प्रदान की थी, जिसमें फरवरी के अंत में रूस द्वारा यूक्रेन में अपना विशेष अभियान शुरू करने के बाद से 1.7 बिलियन डॉलर भी शामिल हैं। 

दिलचस्प बात यह है कि पुतिन ने बुधवार को उन रिपोर्टों की पुष्टि की कि ब्रिटिश खुफिया ने तथाकथित बुका हत्याओं को रूसी सेना को खदेड़ने और अंतरराष्ट्रीय हंगामा खड़ा करने के लिए ड्रामा रचा था। पेंटागन ने तब दिखावटी रूप से उस विवाद से खुद को दूर कर लिया था, जब  वह फर्जी खबर के रूप में सामने आई थी। पुतिन ने कहा: "बहुत हंगामा खड़ा किया है, लेकिन उन्हें (ईयू और यूएस) प्रतिबंधों का एक नया पैकेज अपनाने की जरूरत है, जिनके बारे में हम अच्छी तरह से जानते हैं। आज हमने उनके विशेष ऑपरेशन, अंग्रेजों द्वारा किए गए मनोवैज्ञानिक ऑपरेशन पर चर्चा की है।

"यदि आप उनके पते जानना चाहते हैं, गुप्त बैठक का स्थान जानना चाहते हैं, लाइसेंस प्लेट नंबर, वाहनों के ब्रांड जो उन्होंने बुका में उपयोग किए थे के बारे में जानना चाहते हैं, और उन्होंने यह कैसे इस्तेमाल किया गया जानना चाहते हैं, तो आप रूस के एफएसबी से यह जानकारी हासिल कर सकते है। यदि नहीं, तो हम इसमें मदद कर सकते हैं। हमने अपने रूसी दोस्तों के साथ पश्चिम की उस बदसूरत, घृणित स्थिति को पूरी तरह से और शुरू से अंत तक उजागर कर दिया है।”

डोनबास के लिए एक निर्णायक लड़ाई की तैयारी में रूसी और यूक्रेनी सेना पिछले एक पखवाड़े से पूर्वी यूक्रेन में अपनी स्थिति को फिर से संगठित और मजबूत कर रही है। रूसी सेना यूक्रेनी सैनिकों की एक विशाल सेना को घेरने की तैयारी कर रही है, जिसमें सशस्त्र बलों की सर्वश्रेष्ठ इकाइयों से लिए गए 100,000 सैनिकों के होने का अनुमान है। रूसी आक्रमण को रोकने के लिए कीव भी सभी उपलब्ध बलों को पूर्वी मोर्चे पर स्थानांतरित कर रहा है।

बुधवार को पुतिन की टिप्पणी से पता चलता है कि रूस किसी भी कीमत पर जल्दबाज़ी की  जीत की तलाश में नहीं है। पुतिन ने मंगलवार को कहा कि मास्को के पास "कोई अन्य विकल्प नहीं था" और इस ऑपरेशन का उद्देश्य पूर्वी यूक्रेन के कुछ हिस्सों में लोगों की रक्षा करना और "रूस की अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करना" है। उसने कसम खाई थी कि यह "इसके पूर्ण होने तक और निर्धारित किए गए कार्यों के पूरा होने तक जारी रखेगा।"

निश्चित रूप से, पूर्वी यूक्रेन में अगले दो से तीन सप्ताह में लड़ाई तेज हो जाएगी लेकिन अंतिम परिणाम निकालने में समय लगेगा। यूक्रेनी सेना और विदेशी लड़ाके जो पूर्वी क्षेत्र में आए हैं, वे अच्छी तरह से तैयार हैं और न केवल कड़ा प्रतिरोध करेंगे, बल्कि रूसी क्षेत्र में भी लड़ाई को आगे बढ़ा सकते हैं।

यह गंभीर परिदृश्य वास्तविक खतरे से भरा है क्योंकि नाटो तेजी से खुद को यूक्रेन में रूस के साथ युद्ध में शामिल कर रहा है। पश्चिमी मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यूक्रेन में कुलीन ब्रिटिश और अमेरिकी विशेष बल इकाइयाँ तैनात हैं, जिनमें ब्रिटिश स्पेशल एयर सर्विस (एसएएस) के सैनिक और अमेरिकी सेना के विशेष बल "डेल्टा" की पहली ऑपरेशनल यूनिट के सैनिक शामिल हैं।

ऐसी खबरें आ रही हैं कि मारियुपोल का ऑपरेशन एक अमेरिकी जनरल की कमान में था, जिसने एक हफ्ते पहले खुद को बचाने के लिए भेजे गए हेलीकॉप्टर से भागने का प्रयास किया था, लेकिन रूसी सेना के साथ ऑपरेशन में शामिल डोनेट्स्क मिलिशिया ने उसे रोक दिया था, और हिरासत में ले लिया था।

इस बात की पूरी तरह से कल्पना की जा सकती है कि सोमवार को ऑस्ट्रियाई चांसलर कार्ल नेहमर का मॉस्को मिशन और मॉस्को के पास नोवो-ओगारियोवो निवास में पुतिन के साथ उनकी "बहुत सीधी, खुली और कठिन" बातचीत वाशिंगटन के समन्वय से हुई थी। क्रेमलिन ने अपने तरफ से 75 मिनट चली इस बैठक के बारे में कोई बयान जारी नहीं किया है।

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Russia’s Ukraine Operation has no Deadline

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