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सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर माकपा नेता तारिगामी को एम्स लाया गया

अधिकारियों ने बताया कि तारिगामी को लाते समय एक डॉक्टर, एक रिश्तेदार और एक पुलिस अधिकारी भी उनके साथ था। यहां पहुंचते ही उन्हें तुरन्त एम्स ले जाया गया।
मोहम्मद यूसुफ तारिगामी
फाइल फोटो

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता एम. वाई. तारिगामी को सोमवार को नयी दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया।

अधिकारियों ने बताया कि यहां लाते समय एक डॉक्टर, एक रिश्तेदार और एक पुलिस अधिकारी भी उनके साथ था। यहां पहुंचते ही उन्हें तुरन्त एम्स ले जाया गया।

उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को तारिगामी को ‘‘जल्द से जल्द’’ श्रीनगर से दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती कराने का आदेश दिया था।

जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान केन्द्र सरकार द्वारा पांच अगस्त को हटा लेने के बाद से ही एम. वाई.(मोहम्मद यूसुफ) तारिगामी श्रीनगर में नजरबंद थे।

इससे पहले माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी सुप्रीम कोर्ट के ही हस्तक्षेप से उनसे मुलाकात कर पाए थे। आपको बता दें कि माकपा के चार बार के विधायक रहे तारिगामी काफी बीमार हैं। उनसे येचुरी ने पहले भी दो बार मुलाकात की कोशिश की, लेकिन उन्हें श्रीनगर एयरपोर्ट से ही वापस भेज दिया। बाद में उन्होंने इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी डाली जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उनकी तारिगामी से मुलाकात कराई। येचुरी ने वहां से लौटने के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक शपथपत्र दाखिल किया जिसमें इस मुलाकात का ब्योरा दिया गया।

इसे पढ़ें :सुप्रीम कोर्ट ने माकपा नेता तारिगामी को श्रीनगर से एम्स स्थानांतरित करने का आदेश दिया

इस दौरान तारिगामी को बेहतर इलाज के लिये दिल्ली स्थित एम्स में स्थानांतरित करने के लिये दाखिल अंतरिम अर्जी की ओर न्यायालय का ध्यान आकर्षित किया गया।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि वह पूर्व माकपा विधायक तारिगामी को यहां एम्स में स्थानांतरित करने के पक्ष में है। माकपा नेता सीताराम येचुरी ने पीठ को बताया कि अगर तारिगामी को बेहतर इलाज के लिए एम्स में भर्ती कराया जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है।

येचुरी ने शीर्ष अदालत से कहा, ‘हम बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में पूर्व विधायक की नजरबंदी को चुनौती देने के अपने अधिकार को सुरक्षित रखना चाहते हैं।’

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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