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बिहार: चुनाव से ठीक पहले मुंगेर में हिंसा, प्रशासन सवालों के घेरे में

पुलिस के मुताबिक गोली लगने से 18 वर्षीय युवक ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। फायरिंग में पांच अन्य लोग भी घायल हुए, जिन्हें इलाज के लिए मुंगेर के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया।  स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस की फायरिंग में युवक की मौत हुई है।
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फोटो साभार : जनसत्ता

बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण से ठीक पहले मुंगेर में हिंसा भड़क गई। यह घटना दुर्गा विसर्जन के दौरान हुई। इस दौरान फायरिंग और पत्थरबाजी के कारण इलाके में तनाव फैल गया।

ये मामला सोमवार की देर शाम का है जब दुर्गा मूर्ति विसर्जन करने के लिए पंडित दीन दयाल उपाध्याय चौक पर मूर्तियां ही मूर्तियां नज़र आ रही थीं। इसे देखते हुए पुलिस ने जल्द इन्हे विसर्जित करने को कहा तो लोगों से पुलिस की तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। इसके बाद बहस तेज हो गई और पत्थरबाजी और फायरिंग होने लगी। इस झड़प के दौरान एक व्यक्ति की जान भी चली गई। जबकि 27 लोग घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने इस घटना के लिए पुलिस प्रशासन को दोषी ठहराया है और कहा है पुलिस ने विसर्जन करने जा रहे लोगो पर लाठी और गोली चलाई। जबकि पुलिस के मुताबिक कुछ शरारती तत्वों ने जानबूझकर पथराव किया और गोली चलाई। पुलिस ने बताया कि इस झड़प में 17 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। 

आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रशासन ने 26 अक्टूबर की शाम तक मूर्ति विसर्जन का आदेश दिया था। पुलिस ने बताया कि मुंगेर में पंडित दीन दयाल चौक के पास शंकरपुर के मूर्ति विसर्जन के लिए प्रशानस ने कहा। इसे लेकर पुलिस और स्थानीय लोगों में कहासुनी हो गई। इतने में किसी ने फायरिंग कर दी। 

पुलिस के मुताबिक गोली लगने से 18 वर्षीय अनुराग कुमार ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। फायरिंग में पांच अन्य लोग भी घायल हुए, जिन्हें इलाज के लिए मुंगेर के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया।  स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस की फायरिंग में युवक की मौत हुई है।

मुंगेर की एसपी लिपि सिंह ने कहा कि "विसर्जन के दौरान असमाजिक तत्वों ने पुलिस को निशाना बना कर पथराव किया। वहीं, असमाजिक तत्वों ने फायरिंग भी की। फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हो गई। छह लोग जख्मी हैं। 20 से अधिक पुलिस जवान जख्मी हुए हैं। एक थानाध्यक्ष का सर भी फट गया है। स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। पुलिस जवान लगातार फ्लैग मार्च कर रहे हैं। किसी भी प्रकार के अफवाह पर ध्यान नहीं दें।”
मुंगेर के डीएम ने कहा, "दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान पुलिस पर रोड़ेबाजी की गई। वहीं, पुलिस पर फायरिंग भी की गई है। इसमें एक व्यक्ति की मौत हुई है। शहर के सभी नागरिकों से अपील है कि शांति व्यवस्था बनाए रखें। अफवाहों पर ध्यान नहीं दें।"

दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग, लिपि सिंह को तत्काल हटाया जाए : माले

महागठबंधन की प्रमुख सहयोगी भाकपा-माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने मुंगेर में दुर्गा पूजा मूर्ति विसर्जन के दौरान आम लोगों पर लाठीचार्ज व फायरिंग की घटना की कड़ी निंदा की है।
 
माले महासचिव ने कहा कि बिहार की पुलिस पूरी तरह से बेलगाम हो चुकी है। भाजपा-जदयू शासन में लगातार पुलिस दमन की घटनाएं हुई हैं और बर्बर पुलिसिया दमन इस सरकार की पहचान बन गई है। इस सरकार ने शिक्षकों से लेकर हर तबके के आंदोलनों को बर्बर पुलिसिया दमन के जरिए कुचलने का ही काम किया है। सड़क की मांग कर रहे फारबिसगंज गोलीकांड जैसी बर्बरता को कभी भुलाया नहीं जा सकता है।

भाकपा-माले ने  मुंगेर की एसपी और जदयू सांसद आरसीपी सिंह की बेटी लिपि सिंह और अन्य पुलिस अधिकारियों, जो इस घटना के लिए जिम्मेवार हैं, उनपर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। माले ने कहा कि इनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए और उनकी अविलंब गिरफ्तारी होनी चाहिए।

माले ने साथ ही, यह भी कहा कि इस तरह की घटनाओं के जरिए चुनाव के शांतिपूर्ण माहौल को खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके प्रति हमें पूरी तरह से सावधान रहना है। 

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