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मनुष्यों में पक्षियों और पशुओं से वायरस कैसे फैलता है?

व्यापक रूप से यह धारणा बनी हुई है कि विशेष लक्षणों वाले कुछ पशु मनुष्यों में रोगजनकों को फैलाते हैं। इसकी संभावना अधिक होती है।
coronavirus
प्रतीकात्मक तस्वीर

हम नोवल कोरोनवायरस SARS-CoV-2 के चलतेCOVID-19 महामारी के बीचो बीच खड़े हैं। यह चमगादड़ में पाया गया है। अन्य वायरस के चलते भी मानव समाज को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। कुछ ने तो महामारी पैदा कर दिया। ये महामारी प्लैग,स्पैनिश फ्लू, स्वाइन फ्लू, इबोला आदि की शक्ल में सामने आए। इनके वायरसों का विकास स्तनधारियों या पक्षियों या कृन्तकों (रोडेंट) में हुआ था और ये मनुष्यों में गए थे।

व्यापक रूप से यह धारणा बनी हुई है कि विशेष लक्षणों वाले कुछ पशु मनुष्यों में रोगजनकों को फैलाते हैं। इसकी संभावना अधिक होती है। महामारी विज्ञान निरीक्षण प्रणाली विशिष्ट पशुओं / पक्षियों की अधिक बारीकी से निगरानी करता है। इसका मानना है कि मनुष्यों में पशु पक्षी द्वारा रोगजनक जाने की अधिक संभावना है।

लेकिन, स्कॉटलैंड स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लासगो के शोधकर्ताओं ने पाया है कि जहां तक मनुष्यों में रोगजनकों के फैलने का संबंध है तो यह कुछ विशिष्ट जानवरों तक सीमित नहीं है पर प्रजातियों की विविधता और मनुष्यों में वायरस के फैलने के बीच गणितीय संबंध मौजूद है। नार्डस मोलेन्टज़े और डैनियल स्ट्रीकर द्वारा किए गए इस अध्ययन को 13 अप्रैल को पीएनएएस(प्रोसीडिंग्स ऑफ नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज) में प्रकाशित किया गया था।

प्रजातियों के परीक्षण वाले पिछले शोध में दिखाया गया कि चमगादड़ में अन्य स्तनधारियों की तुलना में आनुपातिक रूप से अधिक वायरस होते हैं। स्ट्रीकर और मोलेन्टज़े ने इससे और आगे पड़ताल करने का फैसला किया कि क्या यह पैटर्न स्तनधारियों और पक्षियों के विभिन्न समूहों में भी मौजूद है।

उन्होंने स्तनधारियों और पक्षियों के 11 अलग-अलग समूहों में मानव संक्रामक विषाणुओं का विश्लेषण किया। चमगादड़, कृंतक (रोडेंट) और सॉन्गबर्ड इन्हीं में से कुछ का नाम हैं। उन्होंने 415 से अधिक डीएनए और आरएनए वायरस के डेटा को संकलित किया है जो जानवरों से मनुष्यों में फैल गए हैं।

उनके द्वारा किया गया ये विश्लेषण सांख्यिकीय प्रयोग से संबंधित था और यह खुलासा किया कि जिन पशुओं के समूह में अधिक प्रजातियां होती हैं उनमें अधिक वायरस होने की संभावना होती है और परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में वायरस मनुष्यों में फैल सकते हैं। उदाहरण के लिए, स्तनधारियों के अध्ययन में पाया गया कि कृन्तकों(रोडेंड) में सबसे अधिक प्रजातियां थीं। कृंतक में भी जाहिरा तौर पर वायरस की सबसे बड़ी संख्या थी जो मनुष्यों में फैल गए। चमगादड़ के साथ भी ऐसा ही मामला है। स्तनपायी के इस समूह में कई प्रकार की प्रजातियां हैं और इसमें कई प्रकार के वायरस भी होते हैं और इनमें से कई SARS-CoV-2 सहित मनुष्यों में फैल चुके हैं जिससे मौजूदा महामारी पैदा हो गई है।

स्ट्रीकर और मोलेन्टज़े के शोध में यह भी देखा गया कि मनुष्यों में फैलने को बढ़ावा देने में पोषक जीव विज्ञान(होस्ट बायोलॉजी)या वायरल कारकों को अधिक महत्वपूर्ण कौन है। उनका विश्लेषण बताता है कि वायरस जीव विज्ञान, जैसे कि कोई वायरस कैसे पुनरावृत्ति करता है या कि क्या यह कीड़े द्वारा फैलता है आदि, पोषक पशुओं की शारीरिक या पारिस्थितिक विशेषताओं की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण है।

चमगादड़ कई अलग-अलग प्रकार के वायरस का पोषक(होस्ट) होता है जो अक्सर उसकी प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए उत्तरदायी होते हैं। लेकिन चमगादड़ की यह विशेषता सभी वायरस के फैलने का जोखिम नहीं बढ़ाती है। स्ट्रीकर के हवाले से कहा गया “पशु पोषकों (एनिमल होस्ट) का एक समूह नहीं था जो लगातार उन जोखिमों को बढ़ा रहा था जो वायरस लोगों में फैलते थे। यदि हम यह अनुमान लगाने में सक्षम होना चाहते हैं कि कौन से वायरस की मनुष्यों को संक्रमित करने की सबसे अधिक संभावना है तो वायरस के लक्षण पोषकों के लक्षणों की तुलना में अधिक जानकारी देने वाले हो सकते हैं।“

इन निष्कर्षों से पता चलता है कि भविष्य में होने वाले शोध कार्यों में वायरस के लक्षणों पर अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए जो हमलोगों में फैलाने की अपनी संभावना को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा, वन्यजीव व्यापार और जलवायु परिवर्तन जैसे अन्य कारक पशुओं को अधिक से अधिक लोगों के साथ निकट संपर्क में ला सकते हैं और इस प्रकार वायरस के उद्भव को प्रभावित करते हैं।

फिर भी, ये निष्कर्ष वायरस के विशेष संग्रह के अस्तित्व के ईर्द गिर्द बहस को समाप्त नहीं करता है। साथ ही,वायरल लक्षणों को समझना आसान काम नहीं है। इससे पहले कि कोई भविष्य में फैलने की किसी भी घटना के बारे में भविष्यवाणी करे तो ऐसे में कई और विषाणुओं को नमूना और लक्षण लेना होगा जो कि कुछ दिनों का मामला नहीं है। हालांकि, इस नए अध्ययन ने वायरस की पोषक करने वाले पशुओं और मनुष्यों पर उनके फैलने का एक नया रास्ता तलाशा है।

अंग्रेज़ी में लिखे मूल आलेख को आप यहाँ पढ़ सकते हैं।

What Influences Spillover of Viruses From Birds and Animals to Humans?

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