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दिल्ली: महँगाई के ख़िलाफ़ सीपीआई(एम) का हल्ला बोल!

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए  बृंदा करात ने लगातार बढ़ रही महँगाई  के लिए मोदी सरकार की नीतियों को जिम्मेदार बताया। मोदी-निर्मला सीतारमन के जेबकतरा आर्थिक-मॉडल की सच्चाई को उजागर की।
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देश में बढ़ती महँगाई  और उसके कारण बढ़ रही आम जनता की परेशानी के खिलाफ राजधानी मे वाम दलों ने विरोध प्रदर्शन किया।
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी ) यानी सीपीआई(एम) दिल्ली राज्य कमेटी ने  14 से 24 सितम्बर के देशव्यापी अभियान के तहत शनिवार को जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया।  

भारी बारिश के बावजूद भी दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र(एनसीआर) से सैकड़ों कार्यकर्ता जंतर मंतर पहुचे थे। बारिश के बीच में भी ये रैली बिना किसी बाधा के जारी रही। प्रदर्शनकारी छात लगाए और जिनके पास छाता नहीं था ,उन्होंने भीगते हुए अपने नेताओं को सुना।  केंद्र की बीजेपी और राज्य की आम आदमी पार्टी सरकार की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ लगातार नारेबाजी की।

इसी तरह की रैली सीपीआई(एम) ने बिहार ,उत्तर प्रदेश , झारखंड , हिमाचल , हरियाणा , कर्नाटक , तेलंगाना , महाराष्ट्र समेत देशभर मे किया। जिसमें पार्टी ने केंद्र सरकार खाद्य वस्तुओं पर लगाए गए जीएसटी और गलत आर्थिक नीतियों पर जमकर हल्ला बोला।

इस रैली को पार्टी के पोलित ब्यूरो सदस्य कामरेड बृंदा करात ने मुख्य वक्ता के तौर पर सम्बोधित किया। राज्य सचिव के एम तिवारी  के अलावा राज्य सचिवमंडल के सदस्य बृजेश , राजीव कुँवर , आशा शर्मा  ने भी रैली सम्बोधित किया।

रैली मे शामिल होने दिल्ली एनसीआर के अलग इलकों से आए लोगों ने कहा बीते दिनों जिस तरह से महँगाई  बढ़ी है उसने उनकी कमर तोड़कर रख दी है।

पूर्वी दिल्ली के श्रीराम कालोनी से आई नरगीश ने कहा कि पहले गैस 500 का मिलता था लेकिन अब 1050 का मिल रहा है , इसी तरह से आटा,दूध, सब्जी सबके रेट बढ़े है। जिससे घर का बजट पूरी तरह बिगड़ क्योंकि आमदनी तो बढ़ी नहीं लेकिन महँगाई लगातार बढ़ रही है।

इसी तरह दिल्ली के अन्य इलाकों से आए लोगों ने भी बताया कि कैसे महँगाई  के कारण उन्होंने अपने घर में इस्तेमाल होने वाले राशन और बाकी जरूरी चीजों मे कटौती करनी पड़ी है।

सोनिया जो इस प्रदर्शन मे शामिल होने आई थी । उन्होंने कहा कि उनके पति दिहाड़ी मजदूर है। कोरोना के दौरान और उसके बाद भी काम मिलने दिक्कत हो रही है। वही दूसरी ओर सभी चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं। इस हालत मे घर का खर्च चलाने के लिए हरी सब्जी और दूध जैसे चीजों खरीदना बंद कर दिया।

आशा शर्मा ने कहा कि सरकार पहले तो सबको राशन नहीं देती है और अब राशन मे गेहूं देने से भी मना कर रही है । ये सरकार एक तरफ गरीब का थाली छिन रही है वही दूसरी तरफ शिक्षा जैसे मौलिक अधिकार पर भी लगतार हमले किए जा रहे है .आशा ने कहा नई शिक्षा नीति के लागू होते ही देशभर के हजारों स्कूलों को बंद किया जा रहा है । दिल्ली से सटे हरियाणा मे बीजेपी सरकार ने लड़कियों के की स्कूलों को बनाद कर दिया । ये सिर्फ शुरुआत है ये(बीजेपी) पूरे देश का यही हाल करने की तैयारी मे है। लेकिन हम इसे होने नहीं देंगे।

दिल्ली विश्वविद्यालय प्रोफेसर और सीपीआई(एम) नेता राजीव कुँवर ने कहा हरियाणा , उत्तर प्रदेश की बात छोड़िए राजधानी दिल्ली मे शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह बदहाल है । मोदी सरकार ने जहां उच्च शिक्षा को बर्बाद किया वही दिल्ली के स्कूली शिक्षा को केजरीवाल बर्बाद कर रहे है । पूर्वी दिल्ली और उत्तर पूर्व दिल्ली के स्कूलों मे शिक्षा के नाम पर कहीं दो घंटे की क्लास हो रही है तो कही ओड इवन  चल रहा है ।

प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए  बृंदा करात ने लगातार बढ़ रही महँगाई  के लिए मोदी सरकार की नीतियों को जिम्मेदार बताया। मोदी-निर्मला सीतारमन के जेबकतरा आर्थिक-मॉडल की सच्चाई को उजागर करते हुए उन्होंने बताया कि हजारों करोड़ का बैंक कर्ज माफ कर, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाईयों को अडानी-अंबानी जैसे उद्योगपतियों को सौंपकर एवं टैक्स में भारी छूट देकर मुट्ठी भर लोगों को अमीर बनाया जा रहा है। मोदी मॉडल के साथ ही उन्होंने केजरीवाल के मॉडल पर भी सवाल खड़े किए। राशन कार्ड सालों से नहीं बनाए जा रहे। लोगों को राशन नहीं मिल रहा। 

बृंदा ने केरल मॉडल की चर्चा करते हुए इस वैकल्पिक मॉडल को जनता में ले जाने का आह्वान किया और उन्होंने इसके साथ ही सांप्रदायिकता का हमला लगातार जारी है।पूँजीपतियों से प्राप्त धन एवं सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल देश के जनवाद पर हमला करने के लिए किया जा रहा है। इससे मुकाबला करने के लिए एकता कायम करने की जरूरत पर जोर दिया । 

प्रदर्शनकारियों  की मुख्य मांगे :

1  सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों संस्थानों को बेचना बंद करो!
2 पेट्रोलियम उत्पादों पर सभी उपकरवापस लो!
3 खाने-पीने के सामान पर जीएसटी तुरंत वापस लो!
4 हर परिवार को राशन कार्ड मुहैया करो!
5  सभी आवश्यक वस्तुओं, विशेषकर दाल और खाद्य तेल को सार्वजनिक वितरण प्रणाली में शामिल करो!
6 बढ़ती बेरोजगारी पर लगाम लगाओ! शहरी रोजगार योजना शुरू करो!
7 मेहनतकशों के बच्चों की पहुँच से शिक्षा को दूर करने वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को रद्द करो!
8 जनवादी अधिकारों और संवैधानिक संस्थानों पर हमले बंद करो! राजद्रोह कानून रद्द करो! 

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