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49 के बाद 185 हस्तियों का खुला पत्र : कीजिए मुकदमा, कहिए राजद्रोह!

हम सभी जो भारतीय सांस्कृतिक समुदाय का हिस्सा हैं, एक विवेक पसंद नागरिक होने के नाते अपने साथियों द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र के हर एक शब्द का समर्थन करते हैं। इसलिए वह पत्र हम एक बार फिर साझा करते हुए सांस्कृतिक , शैक्षणिक और विधिक समुदाय से अपील करते हैं कि वे इसे आगे बढ़ाएं।
FIR against Celebs

देश के जाने माने नागरिकों जिनमें लेखक, कलाकार, इतिहासकार, बुद्धिजीवी सभी शामिल हैं, ने एक खुला पत्र लिखकर सरकार और दक्षिणपंथी ताकतों को चुनौती दी है।

यह पत्र देश में बढ़ रही मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखने वाली 49 हस्तियों के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने के ख़िलाफ़ सामने आया है।

185 हस्तियों की ओर से देश के लोगों के नाम जारी इस खुले पत्र में सरकार को चुनौती दी गई है कि ऐसा रोज़ होगा।

पत्र कुछ इस प्रकार है:

सभी देशवासियों के नाम खुला पत्र : अनेक लोग रोज़ आवाज़ उठायेंगे

अक्टूबर , 2019

सांस्कृतिक समुदाय के हमारे 49 साथियों पर केवल इसलिए FIR दर्ज़ कर दी गई है क्योंकि उन्होंने समाज के एक ज़िम्मेदार नागरिक होने का उदाहरण दिया था। उन्होंने प्रधानमंत्री को देश में हावी हो रहे भीड़तंत्र और मॉब लिंचिंग पर एक खुला पत्र लिखा था।

क्या यह देशद्रोह हैया एक साज़िश है न्यायालयों का इस्तेमाल कर देश के ज़िम्मेदार नागरिकों की आवाज़ दबाने की?

हम सभी जो भारतीय सांस्कृतिक समुदाय का हिस्सा हैंएक विवेक पसंद नागरिक होने के नातेइसकी कड़ी शब्दों में निंदा करते हैं। हम अपने साथियों द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गए पत्र के हर एक शब्द का समर्थन करते हैं। इसलिए वह पत्र हम एक बार फिर साझा करते हुए सांस्कृतिक शैक्षणिक और विधिक समुदाय से अपील करते हैं कि वे इसे आगे बढ़ाएं। हम जैसे अनेकरोज़ आवाज़ उठाएंगे। मॉब लिंचिंग के ख़िलाफ़। प्रतिरोध पर हमले के ख़िलाफ़। दमन के लिए कोर्ट के इस्तेमाल के ख़िलाफ़। क्योंकि आवाज़ उठाना ज़रूरी है।

इस पत्र के साथ अपर्णा सेन, अडूर गोपालकृणन, श्याम बेनेगल, अनुराग कश्यप, आशीष नंदी और रामचंद्र गुहा सहित 49 प्रतिष्ठित नागरिकों द्वारा 23 जलाई2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र को भी साझा किया गया है।

इंडियन कल्चर फोरम की ओर से हिंदीअंग्रेजी और मलयालम में जारी इस खुले पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में प्रसिद्ध अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, प्रख्यात नृत्यांगना मल्लिका साराभाई, पूर्व राजनीयक और लेखक नयनतारा सहगल, इतिहासकार रोमिला थापर, शास्त्रीय गायक टी एम कृष्णा, कलाकार विवान सुंदरम और लेखक शशि देशपांडे, अशोक वाजपेयी इत्यादि शामिल हैं।

An open letter to our fellow citizens: More of us will speak every day…

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