Skip to main content
xआप एक स्वतंत्र और सवाल पूछने वाले मीडिया के हक़दार हैं। हमें आप जैसे पाठक चाहिए। स्वतंत्र और बेबाक मीडिया का समर्थन करें।

हरियाणा की 20,000 हड़ताली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता करनाल में करेंगी रैली

2018 में घोषित की गई वेतन वृद्धि को लागू करने की मांग को लेकर आंगनवाड़ी की महिलाएँ और सहायिकाएं 8 दिसंबर, 2021 से हड़ताल पर हैं।
हरियाणा की 20,000 हड़ताली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता करनाल में करेंगी रैली

नई दिल्ली : लगभग 20,000 हड़ताली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं अपनी लंबित मांगों को लेकर सरकार दबाव बनाने के लिए बुधवार को हरियाणा के करनाल में एक रैली निकालेंगी, इसके साथ ही आंदोलन की अगुवाई कर रही तीन यूनियनों में से एक ने हड़ताल से समर्थन वापस लेने का फैसला भी किया है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा पिछले महीने कई वित्तीय प्रोत्साहनों की घोषणा के बावजूद हरियाणा के 22 जिलों में लगभग सभी 26,000 आंगनवाड़ी केंद्रों पर संचालन 8 दिसंबर, 2021 से प्रभावित हुआ है, इन जिलों में सभी महिला कर्मचारी हड़ताल पर हैं, और अन्य मुद्दों के अलावा वे मासिक पारिश्रमिक में वृद्धि करने की मांग कर रही हैं। 

करनाल रैली की तैयारियां जोरों पर है और कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने करनाल जाने के लिए वाहनों की बुकिंग कर ली है, उक्त बातें, सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियनों से संबद्ध हरियाणा आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन की शकुंतला जोकि यूनियन की महासचिव भी हैं ने मंगलवार को न्यूज़क्लिक को बताई। 

हमें उम्मीद है कि 20,000 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं कल करनाल पहुंचेंगी। हमने रैली को जिला कार्यालय तक ले जाने की योजना बनाई है।' शकुंतला ने कहा कि जब तक राज्य सरकार उन्हें बातचीत के लिए आमंत्रित नहीं करती है, तब तक महिलाएं मुख्यालय के बाहर बैठी रहेंगी। उन्होंने कहा कि राज्य के सरकारी कर्मचारियों, छात्रों और किसान नेताओं ने रैली को समर्थन दिया है। हालांकि सरकार ने यूनियन से कहा है कि हड़ताल वापस लेने के बाद मांगों पर "विचार" किया जाएगा, उन्होंने कहा, "हम तब तक हड़ताल जारी रखेंगे जब तक कि हमें लिखित में आश्वासन नहीं मिल जाता है।"

यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस से संबद्ध आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन की महासचिव पूषा दलाल ने न्यूज़क्लिक को बताया कि उनकी यूनियन से जुड़ी महिलाएं "बड़ी संख्या में" करनाल पहुंचेंगी। हमने आज रोहतक में एक रैली भी आयोजित की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अधिक से अधिक महिलाएं हड़ताल में शामिल हों और कल करनाल पहुंचें। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि [राज्य] सरकार हमारी मांगों को जल्द से जल्द स्वीकार करे।

सरकारी अनुमानों के मुताबिक, हरियाणा में करीब 52,000 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं हैं। छह साल से कम उम्र के बच्चों और गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं के पोषण को पूरक करने और अन्य विकास सहायता प्रदान करके देश भर में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं एकीकृत बाल विकास योजना (ICDS) कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

हरियाणा कार्यकर्ताओं की प्रमुख मांगों में 2018 की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित मानदेय में वृद्धि की मांग है। वर्तमान में, राज्य में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका को क्रमशः 12,000 और 6,000 रुपये का मासिक मानदेय मिलता है। 

एक प्रेस बयान के अनुसार और प्रदर्शनकारी यूनियनों के अनुसार, 2018 में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए क्रमशः 1,500 रुपये और 750 रुपये की वृद्धि को मंजूरी दी थी। यूनियन के नेताओं ने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का 2020 से कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अग्रिम पंक्ति में होने के बावजूद वेतन वृद्धि नहीं की गई है।

पिछले महीने, खट्टर ने हड़ताली कर्मचारियों के लिए कई वित्तीय प्रोत्साहनों की घोषणा की थी, जिसमें कार्यकर्ताओं के लिए 1 लाख रुपये और सहायकों के लिए 50,000 रुपये का सेवानिवृत्ति लाभ शामिल है। उन्होंने मासिक मानदेय में वृद्धि और कार्यकर्ताओं के लिए अतिरिक्त कोविड-19 प्रोत्साहन और एक पदोन्नति नीति की भी घोषणा की थी।

खट्टर की घोषणा यूनियनों को हड़ताल वापस लेने के लिए मनाने में विफल रही है। यूनियनों ने अपनी चिंताओं को दोहराते हुए कहा कि इस तरह की अधिकांश घोषणाएं "कोई नई बात नहीं" हैं। दलाल ने कहा, "इन उपायों की घोषणा पहले भी की गई थी, लेकिन इसे कभी लागू नहीं किया गया।" इसके अलावा, यूनियनें नई पदोन्नति नीति से नाखुश हैं, जिससे कार्यकर्ताओं को पर्यवेक्षक के रूप में पदोन्नत करने के लिए उनकी वरिष्ठता पर विचार करने के बजाय परीक्षा देना अनिवार्य बनया गया है।

इस बीच, हरियाणा में संयुक्त कर्मचारी संघ से जुड़ी एक अन्य यूनियन ने हड़ताल से समर्थन वापस लेने का फैसला किया है। यूनियन के महासचिव छोटा गहलावत ने न्यूज़क्लिक को बताया कि हड़ताल ने अब तक जो हासिल किया है उससे वे "संतुष्ट" हैं और इसलिए वे "हड़ताल को आगे जारी नहीं रखना चाहते हैं।”

अपने टेलीग्राम ऐप पर जनवादी नज़रिये से ताज़ा ख़बरें, समसामयिक मामलों की चर्चा और विश्लेषण, प्रतिरोध, आंदोलन और अन्य विश्लेषणात्मक वीडियो प्राप्त करें। न्यूज़क्लिक के टेलीग्राम चैनल की सदस्यता लें और हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित हर न्यूज़ स्टोरी का रीयल-टाइम अपडेट प्राप्त करें।

टेलीग्राम पर न्यूज़क्लिक को सब्सक्राइब करें

Latest