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हैदराबाद नगर निगम चुनाव : सिर्फ़ 40 प्रतिशत मतदान

सैकड़ों मतदाताओं ने मतदाता सूची से अपने नाम ग़ायब होने की शिकायत की है।
हैदराबाद

ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) की 150 डिवीजनों के लिए हुए चुनावों में मतदान केवल 40 प्रतिशत रहा है जबकि सभी प्रमुख दलों की तरफ से बड़ा ही शोर-शराबे वाला अभियान चलाया गया था, विशेष रूप से भाजपा जिसने इस चुनावी दंगल में गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को योगी आदित्यनाथको उतार दिया था।

कथित तौर पर, दसियों डिवीजनों में मतदान 30 प्रतिशत से भी कम रहा है, जबकि कुछ डिवीजनों में यह 50 प्रतिशत को पार कर गया बताया जाता है। 

एआईएमआईएम, भाजपा, कांग्रेस और टीआरएस के समर्थकों के बीच कई मतदान केंद्रों पर तनाव झड़प की खबरें भी मिली हैं।  

राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने एग्जिट पोल के नतीजों की घोषणा करने पर रोक लगा दी है क्योंकि मालापेट ओल्ड डिवीजन में बैलट पेपर में सीपीआई उम्मीदवार के नाम के सामने गलत चुनाव चिन्ह छप गया था और अब वहाँ 3 दिसंबर को मतदान होगा। 

चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बजाय पेपर बैलेट सिस्टम के माध्यम से मतदान हुआ है। जीएचएमसी के 9,101 मतदान केंद्रों पर करीब 51,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया था।

जीएचएमसी के सभी 150 डिवीजनों पर सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) चुनाव लड़ रही है, जबकि भारतीय जनता पार्टी 149 सीटों पर मैदान में है, कांग्रेस 146 में, तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) 106 में, ऑल इंडिया मजलिस-ए- इत्तेहादुल मुस्लिमीन 51 में, और वामपंथी दल 29 सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं, इस गठबंधन में सीपीआई -17 और सीपीएम-12 पर हैं, इसके अलावा  415 पर निर्दलीय और अन्य दलों से 76 पर लड़ रहे हैं।

राज्य सरकार में डिजिटल मीडिया विभाग के निदेशक दिलीप कोनाथम ने कहा कि कोविड-19 के कारण लाखों हैदराबादवासी अपने गांवों को वापस में चले गए हैं, जिसके परिणामस्वरूप मतदान प्रतिशत कम रहा है।

जबकि 2016 के जीएचएमसी चुनावों के दौरान कुल मतदान 45.29 प्रतिशत रहा था।

मतदान केन्द्रों पर तनाव

डिवीजन के कई मतदान केंद्रों पर, जिनमें उप्पल, आदिकेत, जैदीमेटला, बोरबांडा, पाटनचेरुवु और कुकटपल्ली शामिल हैं में टीआरएस और भाजपा समर्थकों पर कथित रूप से मतदाताओं को लुभाने के लिए नकदी रुपए के वितरण के आरोप सामने आए हैं। कुकटपल्ली में, भाजपा कैडर ने तेलंगाना परिवहन मंत्री पुर्वदा अनिल कुमार के काफिले पर कथित रूप से हमला किया।

जंगममेट डिवीजन में, एआईएमआईएम और बीजेपी के बीच काफी तनाव रहा, क्योंकि भाजपा की नेता शहजादी बेगम जब एक मतदान केंद्र के पास पहुंचीं, तो उनका आरोप था कि इस डिवीजन से उन्हे एक भी वोट नहीं मिला था। तरनाका में, कांग्रेस और टीआरएस समर्थक तब आपस में भिड़ गए, जब कांग्रेस ने आरोप लगाया कि टीआरएस के नेता चुनाव के दौरान भी प्रचार कर रहे थे।

जंबाग डिवीजन में, टीआरएस समर्थकों ने आरोप लगाया कि एआईएमआईएम समर्थक वहाँ "हेराफेरी" कर रहे थे। 

गुड़िमालकापुर डिवीजन में, टीआरएस का समर्थन करने के आरोपों पर भाजपा कार्यकर्ताओं के दो समूह आपस में भिड़ गए।

राज्य निर्वाचन आयुक्त पार्थसारथी ने कहा कि कुछ डिवीजनों में मामूली झगड़ों-झड़पों को छोड़कर बाकी मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ है।

पदेन मत तय करेंगे कि पलड़ा किस तरफ़ झुकेगा

जैसा की सबको पता है इस चुनाव से 150 नगरसेवक (निर्वाचित होने वाले) और जीएचएमसी से 45 योग्य पदेन सदस्य यानि कुल 195 सदस्य मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव करेंगे। 45 पदेन सदस्यों में से टीआरएस के 31, एआईएमआईएम के 10, भाजपा के 3 और कांग्रेस का 1 सदस्य हैं। तदनुसार, टीआरएस को मेयर पद पर जीत हासिल करने के लिए कम से कम 67 डिवीजनों में जीत हासिल करनी होगी, जबकि भाजपा को 95 और कांग्रेस को 98 सीट जीतनी होगी। जबकि, एआईएकआईएम 51 डिवीजन में ही चुनाव लड़ रही है इसलिए वह मेयर पद पर स्वतंत्र दावेदारी नहीं कर पाएगी। 

जीएचएमसी इलाके से एमएलए और एमएलसी, जीएचएमसी और सांसद जो पंजीकृत मतदाता हैं वे सदन के पदेन सदस्य हैं।

ग़ायब मत

स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कई मतदान केंद्रों पर सैकड़ों मतदाताओं ने सूची से अपने नाम ग़ायब होने की शिकायत की है। "मैंने दशकों से वोट डाले हैं लेकिन इस बार मेरा वोट सूची में नहीं है। मतदान अधिकारियों ने इतना भी जवाब नहीं दिया कि मेरा वोट क्यों ग़ायब था, ”जुबली हिल्स डिवीजन के एक वरिष्ठ नागरिक ने कहा। एल बी नगर डिवीजन के एक अन्य मतदाता ने कहा कि उनका नाम मतदाता सूची से ग़ायब है लेकिन "उनके दिवंगत पिता का नाम मौजूद है।"

कई राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने नगर निगम चुनावों में अभियान के दौरान "सांप्रदायिक एजेंडा" पेश करने के लिए भाजपा की आलोचना की है। भगवा पार्टी से केंद्रीय मंत्रियों में- प्रकाश जावड़ेकर, स्मृति ईरानी, अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फड़नवीस, बैंगलोर दक्षिण सांसद और भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या थे- इन सबका अभियान "अवैध प्रवासियों", "रोहिंग्या और बंगलादेशी मुसलमानों", "सर्जिकल स्ट्राइक", "निजामों के साथ टीआरएस शासन की तुलना" और "हैदराबाद का नाम बदलकर भाग्यनगर" करने पर केंद्रित था।

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिये गए लिंक पर क्लिक करें।

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